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वजन को कंट्रोल करके PCOS के लक्षणों से मिल सकती है राहत, जानें जरूरी सावधानियां

पीसीओएस को महिलाओं के जीवन की एक आम समस्या मानी जा सकती हैं। आगे जानते हैं कि क्या वजन कम करने से पीसीओएस के लक्षण को कम किया जा सकता है?
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वजन को कंट्रोल करके PCOS के लक्षणों से मिल सकती है राहत, जानें जरूरी सावधानियां


पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) महिलाओं में एक आम स्वास्थ्य समस्या है, जो हार्मोनल असंतुलन और मेटाबॉलिक विकारों से जुड़ी होती है। इसके कारण अनियमित मासिक धर्म, वजन बढ़ना, चेहरे पर अधिक बाल, मुंहासे, और प्रजनन क्षमता में कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। पीसीओएस का एक मुख्य कारण इंसुलिन रेजिस्टेंस भी हो सकता है, जिसके चलते महिलाओं का वजन बढ़ता है। वजन कम करना पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और महिलाओं के समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। आगे एसेंट्रिक्स डाइट क्लीनिक की डाइटिशियन शिवाली गुप्ता से जानते हैं कि क्या वजन कम करने से पीसीओएस के लक्षणों को कम किया जा (How Does Weight Loss Help in PCOS) सकता है?

वजन को कंट्रोल करके PCOS के लक्षणों से मिल सकती है राहत - How Does Weight Loss Help in PCOS In Hindi 

हार्मोनल संतुलन में सुधार

वजन बढ़ने से शरीर में एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) का स्तर बढ़ जाता है, जो पीसीओएस के लक्षणों को और भी गंभीर बना सकता है, जैसे चेहरे पर अधिक बाल और मुंहासे आना। वजन कम करने से हार्मोनल संतुलन बेहतर होता है और शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर सामान्य रहता है, जिससे अनियमित मासिक धर्म की समस्या में सुधार होता है।

How Does Weight Loss Help in PCOS In Hindi

प्रजनन क्षमता में सुधार

वजन कम करने से महिलाओं की ओव्यूलेशन प्रक्रिया बेहतर होती है, जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। जिन महिलाओं को पीसीओएस के कारण गर्भधारण में कठिनाई होती है, उनके लिए वजन घटाना एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका हो सकता है।

इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार

पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में अक्सर इंसुलिन रेजिस्टेंस देखने को मिलता है, जिससे शरीर में इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग नहीं हो पाता। वजन कम करने से इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार होता है, जिससे शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित करना आसान हो जाता है। इससे टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम भी कम होता है और पीसीओएस के लक्षणों में राहत मिलती है।

पीरियड्स साइकिल का नियमित होना

वजन घटाने से महिलाओं में मासिक धर्म चक्र (पीरियड्स साइकिल) सामान्य हो सकती है। पीसीओएस के कारण मासिक धर्म अनियमित हो जाता है, लेकिन जब शरीर का वजन कम होता है, तो ओव्यूलेशन नियमित रूप से होता है और मासिक चक्र सुधरता है। इससे महिलाओं की प्रजनन क्षमता में सुधार होता है।

सूजन से संबंधित समस्याओं में कमी आना

पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में शरीर में सूजन (इंफ्लेमेशन) की समस्या भी देखी जाती है, जो वजन बढ़ने और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकती है। वजन कम करने से शरीर में सूजन कम होती है, जिससे मेटाबॉलिक और हार्मोनल समस्याओं में सुधार होता है।

वजन कम करने के लिए क्या करें? - Easy Way To Lose Weight In Hindi 

  • फाइबर युक्त, प्रोटीन से भरपूर, और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। शुगर और प्रोसेस्ड फूड आइटम से बचें।
  • एरोबिक व्यायाम, योग, और वेट ट्रेनिंग जैसे व्यायाम पीसीओएस में बेहद लाभकारी होते हैं। यह न केवल वजन घटाने में मदद करते हैं, बल्कि हार्मोनल संतुलन भी सुधारते हैं।
  • अच्छी नींद पीसीओएस के प्रबंधन में मदद करती है। नींद की कमी से हार्मोनल असंतुलन और वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।
  • ध्यान और योग जैसे तनाव प्रबंधन तकनीकें अपनाएं, क्योंकि तनाव से हार्मोनल असंतुलन बढ़ सकता है।

इसे भी पढ़ें: PCOS (पीसीओएस) में महिलाओं के लिए फायदेमंद हैं ये 5 जड़ी-बूटियां, हार्मोन्स को करती हैं संतुलित

पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में वजन अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल इंसुलिन सेंसिटिविटी और हार्मोनल संतुलन में सुधार करता है, बल्कि मासिक धर्म चक्र को नियमित करने, सूजन को कम करने, और प्रजनन क्षमता में सुधार करने में भी मदद करता है। सही आहार, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर पीसीओएस के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। पीसीओएस में किसी भी गंभीर समस्या में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

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