पीसीओएस हार्मोन्स इंबैलेंस के कारण होने वाली समस्या है। इसके कारण महिलाओं को कई समस्याएं एक साथ हो सकती हैं। ऐसे में पीरियड्स इर्रेगुलर रहते हैं। चेहरे पर एक्ने और फेशियल हेयर आ जाते हैं। वजन बढ़ने लगता है और मूड स्विंग्स भी बहुत ज्यादा रहते हैं। अगर समय रहते पीसीओएस को कंट्रोल न किया जाए, तो भविष्य में डायबिटीज और सिस्ट जैसी समस्याएं होने का खतरा हो सकता है। पीसीओएस होने पर पूरे शरीर पर असर पड़ता है। इसमें कई हार्मोन्स इंबैलेंस हो जाते हैं जिसका असर शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर नजर आता है। पीसीओएस डायटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट असिया अली ने इस बारे में जानकारी देते हुए इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है।
पीसीओएस में शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर क्या असर पड़ता है? How PCOS Affects Different Body Organs
ओवरी- Ovaries
पीसीओएस के कारण ओवरी ने कई सारी सिस्ट बन जाती हैं। ये सिस्ट साइज में बड़ी और कई सारी होती हैं। फॉलिकुलर एरेस्ट के कारण एग मैच्योर नहीं हो पाते हैं। एंड्रोजन लेवल हाई होने से ओव्यूलेशन नहीं हो पाता है। इसके कारण पीरियड्स इर्रेगुलर रहते हैं और इनफर्टिलिटी हो सकती हैं। अगर डाइट में ओमोगा 3 और जिंक को बढ़ाया जाए, तो हार्मोन्स को बैलेंस रखा जा सकता है।
नर्वस सिस्टम- Nervous System
पीसीओएस के कारण नर्वस सिस्टम पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसे में नर्वस सिस्टम ओवर एक्टिव रहता है जिस वजह से स्ट्रेस बढ़ता है। कोर्टिसोल बढ़ने के कारण एंग्जायटी, मूड स्विंग्स और डिप्रेशन हो सकता है। न्यूरोट्रांसमीटर्स इंबैलेंस होने पर इमोशंस पर असर पड़ता है। इसे कंट्रोल रखने के लिए मैग्नीशियम के सप्लीमेंट लें, योगा, मेडिटेशन और ब्रिदिंग एक्सरसाइज करें।
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थायराइड ग्लैंड- Thyroid Gland
पीसीओएस का असर थायराइड ग्लैंड पर भी पड़ता है। ऐसे में हाशिमोटो थायरॉयडिटिस और हाइपोथायरायडिज्म की समस्या हो सकती है। इसके कारण मेटाबॉलिज्म स्लो रहता है, थकावट और वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है। हार्मोन्स इंबैलेंस होने के कारण थायरॉइड फंक्शन स्लो हो जाता है। इसे कंट्रोल रखने के लिए डाइट में सेलेनियम, जिंक और आयोडिन भी एड करना चाहिए।
गट हेल्थ- Gut Health
पीसीओडी और पीसीओडी में कई महिलाओं को गट इशुज भी रहते हैं। ऐसे में इंफ्लेमेशन और लीकी गट की समस्या हो सकती है। ऐसे में पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। इस कारण ब्लोटिंग, गैस और पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। पीसीओएस के कारण इंसुलिन सेंसिटिविटी भी रहती है जिससे गट हेल्थ पर असर पड़ता है। ऐसे में गट को हेल्दी रखने के लिए प्रीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स का सेवन करना चाहिए। डेली डाइट में दही और लहसुन शामिल करने से आपको काफी मदद मिलेगी।
इसे भी पढ़ें- PCOD में मैदे से बनी चीजें क्यों नहीं खानी चाहिए? एक्सपर्ट से जानें इनके नुकसानलिवर हेल्थ- liver Health
पीसीओएस के कारण लिवर हेल्थ पर भी असर पड़ता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस होने के कारण फैटी लिवर हो सकता है। लिवर को नुकसान होने से हार्मोन्स डिटॉक्सिफिकेशन स्लो हो जाता है। इस कारण लिवर पर सूजन हो सकती है। लिवर को हेल्दी रखने के लिए डाइट में एंटीऑक्सीडेंट रिच फूड्स जैसे कि बेरीज, हल्दी औरव हरी सब्जियां शामिल करें।
लेख में हमने जाना पीसीओएस के कारण शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर क्या असर पड़ता है। लेकिन अगर आप हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करते हैं, तो पीसीओएस को कंट्रोल रख सकते हैं।
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