Are People With PCOS More Prone To Gestational Diabetes In Hindi: आमतौर पर माना जाता है कि अगर किसी महिला को पीसीओएस है, तो उन्हें इंफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। ऐसे में महिलाओं के लिए कंसीव करना चैलेंजिंग हो जाता है। हालांकि, पीसीओएस एक तरह की हार्मोनल कंडीशन है, जिससे महिलाओं की रिप्रोडक्टिव एज प्रभावित होती है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं कंसीव नहीं कर सकती हैं। सही ट्रीटमेंट की मदद से पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं भी मां बनने का अपना ख्वाब पूरा कर सकती हैं। कुछ महिलाओं के मन में यह डर भी बैठा हुआ है कि पीसीओएस के कारण प्रेग्नेंसी में डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। सवाल है, क्या वाकई ऐसा होता है या फिर यह महज एक मिथक है? आइए, इस बारे में वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं।
क्या पीसीओएस के कारण प्रेग्नेंसी में डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है?- Is Gestational Diabetes More Common With PCOS In Hindi
जैसा कि यह बात हम सभी जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। वहीं, अगर हम पीसीओएस जैसी मेडिकल कंडीशन की बात करें, तो यह हार्मोनल इंबैलेंस को ट्रिगर कर सकता है। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि पीसीओएस के कारण प्रेग्नेंसी में डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में प्रकाशित लेख की मानें, तो जिन महिलाओं को पीसीओएस होता है, उन्हें हेल्दी महिलाओं की तुलना में प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज होने का रिस्क अधिक होता है। इसके पीछे कई तरह के कारक जिम्मेदार होते हैं। उनके बारे में जानकर पीसीओएस होने के बावजूद प्रेग्नेंसी में डायबिटीज में बचाव की कोशिश की जा सकती है।
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पीसीओएस के कारण प्रेग्नेंसी में डायबिटीज होने के कारक
1. मोटापा
अगर कोई पीसीओएस से पीड़ित महिला प्रेग्नेंट होती हैं, तो उन्हें यह पता होना चाहिए कि पीसीओएस के कारण वजन बढ़ता है। मोटापा अपने-आप में कई तरह की परेशानियों की वजह बनता है। इसमें थायराइड और डायबिटीज जैसी मेडिकल कंडीशंस भी शामिल हैं। असल में, मोटापे के कारण प्रेग्नेंसी से पहले इंसुलिन रेसिस्टेंस की दिक्कत हो सकती है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड शुगर को प्रोसेस करने में समस्या खड़ी हो सकती है। ऐसे में महिला को डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है।
2. इंसुलिन रेसिस्टेंस
जैसा कि कुछ देर पहले ही हमने जिक्र किया है कि मोटापे के इंसुलिन रेसिस्टेंस की दिक्कत हो सकती है। वहीं, पीसीओएस भी इस समस्या को ट्रिगर कर सकता है, जिससे प्रेग्नेंसी में डायबिटीज होने का जोखिम बढ़ जाता है। यही नहीं, पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में प्रेग्नेंसी हार्मोन का स्राव भी अधिक होता है। यह भी इसुंलिन रेसिस्टेंस के लिए जिम्मेदार होता है। ऐसे में ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म डिस्ऑर्डर होने का जोखिम भी बढ़ जाता है।
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