Causes Of Swollen Fingers In Pregnancy In Hindi: प्रेग्नेंसी के दौरान कई तरह की परेशानियां होती हैं, जैसे सिर घूमना, बार-बार उल्टी आना, खाने की क्रेविंग का बढ़ना या घटता आदि। इस तरह की पेरशनियां सामान्य होती हैं और इसका कारण हार्मोनल बदलाव होते हैं। विशेषकर, प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में महिलाओं को अधिक परेशानियां उठानी पड़ती हैं। वहीं, दूसरी और तीसरी तिमाही तक पहुंचते-पहुंचते कुछ समस्याएं कम हो जाती हैं। लेकिन, कई नई समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। जैसे पीठ में दर्द, चलने-फिरने में दिक्कत होना आदि। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही के बाद से गर्भ में पल रहे शिशु का वजन तेजी से बढ़ रहा होता है। ऐसे में महिला के पेल्विक एरिया पर अधिक दबाव बनने लगता है, जिससे महिला के लिए उठना-बैठना मुश्किल हो जाता है। बहरहाल, प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ महिलाओं को उंगलियों में भी सूजन होने लगती है। सवाल है, ऐसा क्यों होता है? यहां हम आपको बता रहे हैं प्रेग्नेंसी के दौरान उंगलियों में सूजन के कारण। इस बारे में जानने के लिए हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
प्रेग्नेंसी में उंगलियों में सूजन के कारण- Causes Of Swollen Fingers In Pregnancy In Hindi
प्रेग्नेंसी में उंगलियों में सूजन होना कोई हैरानी की बात नहीं है। प्रेग्नेंसी की आखिरी तिमाही में अक्सर महिलाओं के पैरों में सूजन आ जाती है। ऐसा कभी-कभी पैरों और हाथों की उंगलियों में भी देखने को मिलता हैं असल में, ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि प्रेग्नेंसी में बॉडी फ्लूइड बनने लगता है, जिससे एडिमा हो जाता है। एडिमा का मतलब सूजन होता है। इसके पीछे किस तरह के कारण जिम्मेदार हैं, आइए जानते हैं-
1. भ्रूण का विकास होना
प्रेग्नेंसी की आखिरी तिमाही तक आते-आते शिशु का वजन काफी बढ़ जाता है। भ्रूण के विकास के कारण ब्लड सर्कुलेशन पर असर पड़ने लगात है। ऐसे में कई बार पैरों तक सही तरह से ब्लड पंप नहीं हो पाता है, नतीजतन पैरों में सूजन आ जाती है। ऐसा ही हाथों और पैरों की उंगलियों तथा टखनों में भी देखने को मिलता है।
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2. हार्मोंस में बदलाव
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इस वजह से उनमें मूड स्विंग जैसी समस्या अक्सर देखने को मिलती है। बहरहाल, प्रेग्नेंसी में एड्रिनल ग्लैंड एल्डोस्टेरोन और कोर्टिसोल हार्मोन का अधिक उत्पादन करती है। इससे शरीर में तरल पदार्थ को बढ़ावा मिलता है। ऐसे में शरीर में सूजन आ सकती है, जिससे हाथ-पैरों की उंगलियों में सूजन देखी जा सकती है।
3. कार्पल टनल सिंड्रोम
कार्पल टनल सिंड्रोम एक तरह की मेडिकल कंडीशन है, जिसमें कलाई में मौजूद मीडियन नर्व पर दबाव बनने लगता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि शरीर में फ्लुइड का प्रोडक्टशन अधिक हो रहा होता है। फ्लुइड के कारण कलाई पर प्रेशर बढ़ता है, जिससे उंगलियों में दर्द, झनझनाहट, सुन्नता और उंगलियों में स्टिफनेस आ जाती है।
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4. डिहाइड्रेशन
वैसे तो हर गर्भवती महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। डिहाइड्रेशन किसी भी व्यक्ति के लिए सही नहीं है। इसकी वजह से कमजोरी और थकान हो सकती है। गर्भवती महिलाएं भी इन समस्याओं से बच नहीं सकती हैं। अगर किसी वजह से उनकी बॉडी डिहाइड्रेट हो जाती है, तो ऐसे में पानी की पानी की कमी को पूरा करने के लिए शरीर अपने आप ही कुछ खास किस्म के मेकैनिज्म का इस्तेमाल करता है, ताकि शरीर में पानी का बैलेंस बना रहे। इस प्रक्रिया के तहत कई बार उंगलियों में सूजन हो जाती है।
5. नमक का अधिक सेवन करना
प्रेग्नेंसी में ज्यादा नमक का सेवन किया जाना सही नहीं है। इससे हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या हो सकती है। वहीं, अगर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलांए अधिक नमक का सेवन कर बैठती हैं, तो इससे शरीर में अतिरिक्त पानी जमा हो जाता है। इस स्थिति में किडनी सोडियम के स्तर को बैलेंस करने के लिए अतिरिक्त काम करता है, जिससे चेहरे, पैरों आदि हिस्सों में सूजन आ जाती है। इसका प्रभाव उंगलियों पर भी पड़ता है।
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