
प्रेगनेंसी एक सुखद एहसास होता है, लेकिन यह एक ऐसा समय भी होता है जहां मां को फूंक-फूंक कर कदम रखने पड़ते हैं। शरीर में कई बदलाव होते हैं। यह बदलाव केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक भी होते हैं। इन सभी पर ध्यान देना जरूरी है। प्रेग्नेंसी में एक आम समस्या अक्सर महिलाओं को झेलनी पड़ती है और वह है पैरों या हाथों में सूजन। जैसे-जैसे गर्भावस्था का समय बढ़ता है वैसे-वैसे ये समस्याएं सामने आती हैं। मदरहुड अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीषा रंजन का कहना है कि प्रेगनेंसी में हाथ या पैरों की सूजन को एडिमा (edema in pregnancy) कहा जाता है। यह कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक परेशानी है, जिसे ठीक किया जा सकता है। आज के इस लेख में जानेंगे कि प्रेग्नेंसी में सूजन किन कारणों से होती है और बचाव क्या हैं।
प्रेग्नेंसी में कब से शुरू होता है एडिमा/सूजन
डॉ. मनीषा रंजन का कहना है कि प्रेग्नेंसी में एडिमा की समस्या आमतौर पर हर महिला को झेलनी पड़ती है। यह गर्भावस्था के 20 हफ्ते के बाद होता है। यह गर्भावस्था का समय जैसे-जैसे बढ़ता है वैसे-वैसे यह एडिमा बढ़ता है। कई बार प्रेग्नेंसी होने तक एडिमा रहता है।
प्रेग्नेंसी में हाथों या पैरों में सूजन क्यों होती है?
फिजियोलोजिकल डिपेंडेंट एडिमा
हाथों या पैरों में सूजन तब आती है जब ऊतकों में जरूरत से ज्यादा तरल जमा हो जाता है। प्रेग्नेंसी में डिपेंडेंट एडिमा सबसे कॉमन है। डिपेंडेंट एडिमा शरीर के अलग-अलग हिस्सों होता है। यह पैर, पंजा या हाथों में होता है। डिपेंडेंट एडिमा फिजियोलोजिकल डिपेंडेंट एडिमा होता है।
खून की कमी
महिलाओं में अक्सर खून की कमी की समस्या देखी जाती है। प्रेग्नेंसी में यह परेशानी और बढ़ जाती है। गर्भावस्था में महिला का बहुत अधिक कुछ खाने का मन नहीं करता है। इस वजह से शरीर में पोषक तत्त्वों में कमी आ जाती है। डॉ. मनीषा का कहना है कि प्रेग्नेंसी में शरीर में खून की कमी की वजह से पैरों में हाथों में सूजन आती है।
नॉन डिपेंडेंट एडिमा
प्रेग्नेंसी में नॉन डिपेंडेंट एडिमा हाइपो थायरॉयडिज्म के कारण के होता है। यह भी प्रेग्नेंसी में चेहरा, हाथ, टखने और पैरों में सूजन का का कारण बनता है।
किडनी की परेशानी
जिन महिलाओं में किडनी की समस्या होती है उनमें भी प्रेग्नेंसी के दौरान सूजन की परेशानी हो सकती है। दरअसल, जब किडनी से अतिरिक्त सोडियम और पानी शरीर से बाहर नहीं निकलता है तो वह रक्त धमनियों में दबाव बढ़ाने लगता है जिस वजह से शरीर में सूजन आ जाती है। कई बार इस सूजन की शुरूआत हाथों और आंखों से होती है।
हार्मोन्स में बदलाव
गर्भावस्था के दौरान हार्मोन्स में बदलाव होता है। इस वजह से शरीर में सोडियम और पानी की मात्रा बढ़ जाती है जिस वजह से भी सूजन हो सकती है। कई बार देखा गया है कि गर्भावस्था अवसाद और तनाव भी लेकर आती है, ऐसे में अधिक समय एक्सरसाइज न करना, शरीर में मोटापा बढाता और सूजन का कारण बनता है।
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प्रेग्नेंसी में कहां-कहां होती है सूजन
हाथ
पैर
उंगली
टखने
चेहरा
प्रेग्नेंसी में सूजन कब गंभीर हो सकती है?
इस सवाल के जवाब में डॉ. मनीषा का कहना है कि अगर किसी महिला को डायबिटीज है या खून की कमी है तो यह परेशानी गंभीर भी हो सकती है। इससे टाइप 2 और टाइप 3 एडिमा भी हो सकता है। इसलिए प्रेग्नेंसी में डाइट का विशेष का ख्याल रखने को कहा जाता है। डॉक्टर का कहना है कि अगर किसी महिला को ये परेशानियां हैं और उनके शरीर में सूजन हो रही है तो वे डॉक्टर से जरूर मिलें।
प्रेग्नेंसी में सूजन से बचने के उपाय
गर्भावस्था में जब पैरों, हाथों में या उंगलियों में सूजन आती है तो महिलाओं को चलने-फिरने में असहजता होती है। चलने पर पैर भारी होती हैं। कई बार चुभन भी महसूस होती है। एडिमा से बचने के उपाय नीचे दिए गए हैं।
व्यायाम
डॉ. मनीषा का कहना है कि फिजियोलोजिकल एडिमा को ठीक करने के लिए जरूरी है कि प्रेग्नेंट महिला नियमित तौर पर एक्सरसाइज करे। साथ ही पैरों की एक्सरसाइज भी करें। जिन जगहों पर सूजन है उनकी एक्सरसाइज करें। इससे उन्हें आराम मिलेगा।
लंबे समय एक जगह खड़े होने से बचें
महिलाओँ को अक्सर किचन में देर तक काम करना पड़ता है। ऐसे में देर तक खड़ी रहती हैं। देर तक किसी जगह खड़े रहने से भी पैरों में सूजन की समस्या होती है, इसलिए इस तरह खड़े होने से बचें।
मोटापे पर नियंत्रण करें
मोटापा कई बीमारियों का जनक है। मोटापे के कारण शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए प्रेग्नेंसी में मोटापा न बढ़ने दें। नियमित एक्सरसाइज करें।
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हेल्दी डाइट लें
हेल्दी डाइट के खानपान से गर्भावस्था को सुरक्षित बनाया जा सकता है। सूजन से बचने के लिए और शरीर में कोई और बीमारी न पनपे उसके लिए हेल्दी डाइट लें। सीजनल फल, सब्जियां खाएं।
विटामिन डी और कैल्शियम का सेवन करें
डॉ. मनीषा का कहना है कि डिपेंडेंट एडिमा में विटामिन डी और कैल्शियम की कमी हो जाती है। इसलिए इसकी पूर्ति के लिए दूध का सेवन व विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। यह हड्डियों को मजबूत करता है और सूजन को कम करता है।
कंप्रेस स्टॉकिंग
कंप्रेस स्टॉकिंग एक तरह के इलास्टिक के मोजे होते हैं। इन्हें पहनने से सूजन कम होती है। यह मोजें खून को टखनों के पास जमा नहीं होने देते हैं। इस वजह से सूजन नहीं होती है। कंप्रेस स्टॉकिंग से सूजन कंप्रेस होती है।
पैरों की एक्सरसाइज
पैरों की सूजन कम करने के लिए पैरों की एक्सरसाइज करें। इसमें लेटकर पैर को ऊपर, नीचे करें और गोल घुमाएं। इस प्रकार आपको पैरों की सूजन से राहत मिलेगी। इस एक्सरसाइज को करते समय कोशिश करें शुरूआत में 15 बार पैरों को घुमाएं फिर 30 तक ले जाएं।
खूब पानी पीएं
प्रगेनेंसी में आप जितना पानी पीएंगी उतनी सूजन की परेशानी कम होगी। पानी शरीर को डिहाइड्रेशन से भी बचाता है। इसलिए दिन में 8 गिलास पानी जरूर पिएं। अगर आपको पानी का स्वाद अच्छा नहीं लग रहा है तो आप जीरे का पानी, पुदीने का पानी भी पी सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में हाथों या पैरों में सूजन होना एक आम समस्या है। इसे एडिमा कहा जाता है। इसे घरेलू उपायों से भी ठीक किया जा सकता है।
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