
गर्भावस्था का अनुभव सभी के लिए सुखद होता है। एक महिला जब प्रेग्नेंट होती है तब उसके शरीर के साथ-साथ उसकी पर्सनैलिटी में भी बदलाव आता है। उसकी मानसिक स्थिति भी स्विंग करती है। इसलिए कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी में परिवार को महिला का विशेष ध्यान रखना चाहिए, लेकिन कई बार देखा गया है कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को बहुत दुविधा होती है कि प्रेग्नेंसी में पोछा लगाएं या नहीं। उन्हें या परिवार को डर होता है कि कहीं पोछा लगाने से मां या बच्चे पर कोई नैगेटिव असर तो नहीं पड़ेगा। अगर आप या आपकी कोई सहेली इस तरह की दुविधा से जूझ रही है तो यहां इस लेख में आपकी परेशानी का हल मिल सकता है। इस परेशानी का हल निकालने के लिए हमने बात की गोंडा के जीवनदीप आईवीएफ सेंटर में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गुंजन भटनागर से। तो आइए विस्तार से जानते समस्या का हल।
प्रेगनेंसी में पोछा लगाना चाहिए या नहीं?
डॉ. गुंजन भटनागर का कहना है कि प्रेग्नेंसी के शुरूआती तीन महीनों तक महिला तक ज्यादा काम न करने की सलाह दी जाती है। लेकिन उस दौरान भी हमेशा बैठे नहीं रहना है। ज्यादा समय बैठे रहने से मांसपेशियां जकड़ जाती हैं। जिससे महिला को ही परेशानी होती है। प्रेग्नेंसी में पोछा लगाना चाहिए या नहीं, इस सवाल के जवाब में डॉ. गुंजन का कहना है कि प्रेग्नेंसी में शरीर जितना एक्टिव रहे उतना अच्छा है, क्योंकि शरीर को एक्टिव रखने से डिलेवरी में भी मदद मिलती है। ऐसी महिलाएं जो नियमित तौर पर घर के काम निपटा रही हैं उनकी डिलेवरी नॉर्मल होती है।
पोछा लगाने से शरीर की मांसपेशियां काम करती हैं, जिसकी वजह से शरीर फ्लेक्सिबल बनता है। पोछा लगाना या झाड़ू लगाना एक अच्छी फिजिकल एक्सरसाइज है, जो महिलाओं को करनी चाहिए। डॉक्टर का कहना है कि प्रेग्नेंसी में पोछा लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिन महिलाओं को पोछा बैठकर लगाने में दिक्कत है, वे खड़े होकर लगा सकती हैं।
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किन परिस्थतियों में न लगाएं पोछा?
इस सवाल के जवाब में डॉ. गुंजन भटनागर का कहना है कि हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में ही कुछ महिलाओं को काम करने से मना किया जाता है। साथ ही अगर किसी को ब्लीडिंग, अबॉर्शन न हुआ हो या तनाव न हो तो ऐसी महिलाएं भी झाड़ू पोछा लगा सकती हैं। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में ही महिला को आराम करने को कहा जाता है। डॉक्टर का कहना है कि प्रेग्नेंसी में बेड रेस्ट कम करना चाहिए। उन्होंने बताया कि जब कोई महिला प्रेग्नेंसी में पोछा लगाती है तो उससे उसकी पेल्विक मसल चलते रहते हैं जिससे डिलेवरी में आसानी होती है।
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इन बातों का रखें ध्यान
- डॉक्टर गुंजन भटनागर का कहना है कि प्रेग्नेंसी में बिल्कुल बैड रेस्ट न करें।
- बहुत देर तक खड़े या बैठे न रहें। शरीर को एक्टिव रखें। नहीं तो प्रेग्नेंसी की कॉम्पलीकेशन बढ़ जाते हैं।
- पोछा लगाते समय ध्यान रहे कि पानी में ऐसा कोई कैमिकल न हो जिसका प्रयोग करने से बच्चे को नुकसान हो।
- पोछा लगाते समय कोई ऐसी चीज के भी संपर्क में न आएं जिसकी वजह से आपको उल्टी की दिक्कत हो जाए।
- बहुत देर तक काम न करें। बीच-बीच में रेस्ट लेते रहें।
- अगर किसी तरह की एलर्जी है तो मास्क लगाकर काम करें।
झाड़ू या पोछा एक अच्छी एक्सरसाइज है। अगर आपको नॉर्मल डिलेवरी चाहिए तो उसके लिए शरीर को एक्टिव रखना जरूरी है। डॉक्टर गुंजन भटनागर ने बताया कि ज्यादा समय तक बैठे रहने या खड़े रहने से भी दिक्कतो होने लगती है, इसलिए बीच-बीच में आराम भी करती रहें। गर्भावस्था में मां को अपना और बच्चे का दोनों का ख्याल रखना चाहिए। किसी महिला के लिए प्रेगनेंसी में जितनी जरूरी फिजिकल एक्सरसाइज है उतनी ही मानसिक भी। इसलिए इस समय में मां को खुश रहना चाहिए। अधिक तनाव लेने से प्रेग्नेंसी में दिक्कत हो जाती है।
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