पीसीओएस में महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसका असर उनकी स्किन, बालों और ओवरऑल स्वास्थ्य पर नजर आता है। इतना ही नहीं पीसीओएस में महिलाओं का वजन तेजी से बढ़ना एक आम समस्या है, जिसके कारण अक्सर वे परेशान रहती है। वजन कम करने के लिए महिलाएं कई तरह की शारीरित गतिविधियां करती हैं और डाइटिंग भी करती हैं। शारीरिक गतिविधियां पीसीओएस के पीड़ित महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए अच्छी मानी जाती है। लेकिन पीसीओएस में डाइटिंग करना उनके सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकता है। ऐसे में आइए न्यूट्रिशनिस्ट राशि चौधरी से जानते हैं कि PCOS से पीड़ित महिलाओं को डाइटिंग किन तरीको को फॉलो करने से बचना चाहिए?
PCOS में डाइटिंग का कौन-सा तरीका नहीं अपनाना चाहिए?
1. इंटरमिटेंट फास्टिंग
PCOS से पीड़ित महिलाओं में अक्सर हार्मोनल असंतुलन होता है, जिसमें कोर्टिसोल और इंसुलिन हार्मोन में उतार-चढ़ाव होता है, जो इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) करने से और ज्यादा बढ़ सकता है। हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव बढ़ने से आपके पीसीओएस के लक्षण और ज्यादा ट्रिगर हो सकते हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग में आप लंबे समय तक भूखे रहते हैं, जो इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ा सकता है, जो PCOS में एक आम समस्या है।
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2. कम कैलोरी वाली डाइट
बेहद कम कैलोरी वाला आहार शरीर को जरूरी पोषक तत्वों से दूर रख सकता है और चयापचय को धीमा कर देता है, जिससे आपके शरीर में हार्मोन असंतुलन की समस्या बढ़ सकती है, जो पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लक्षणों को ओर अधिक बढ़ा सकता है। पोषक तत्वों की कमी वाला आहार महिलाओं में थकान, बालों के झड़ने और अनियमित पीरियड के लक्षणों को बढ़ा सकता है, जिससे वजन स्थायी रूप से कम करना मुश्किल हो सकता है।
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3. केवल फल खाना
फल हेल्दी माना जाते हैं, लेकिन सारा दिन सिर्फ फलों पर निर्भर रहना आपके सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकता है, खासकर पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को। केवल फलों वाले आहार में प्रोटीन, स्वस्थ वसा और अन्य जरूरी पोषक तत्वों की कमी होती है। इतना ही नहीं, अत्यधिक फलों के सेवन से फ्रुक्टोज की खपत बढ़ जाती है, जिससे शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है, जिससे इंसुलिन रेसिस्टेंस बिगड़ जाता है। इसके साथ ही, यह आहार बार-बार भूख गने, क्रेविंग और वजन बढ़ने को ट्रिगर कर सकता है, जो सभी पीसीओएस वाली महिलाओं के लिए हानिकारक है।
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निष्कर्ष
पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को वजन कम करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग, कम कैलोरी वाली डाइट और सिर्फ फलों पर निर्भर रहना नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए आपको वजन कंट्रोल में रखने और स्वस्थ रहने के लिए प्रोटीन, फाइबर और स्वस्थ वसा वाले संतुलित भोजन पर ध्यान देना चाहिए। इंसुलिन प्रतिरोध को कंट्रोल करने के लिए प्रोसेस्ड और चीनी युक्त खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए और अपने हार्मोन्स को संतुलित रखने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने पर फोकस करना चाहिए।
Image Credit: Freepik
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