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PCOS के संकेत हो सकते हैं सामान्य लगने वाले ये 5 लक्षण, न करें नजरअंदाज

Symptoms of Pcos: कई बार पीसीओएस के संकेत असमान्य भी हो सकते हैं जिससे इसकी पहचान कर पाना मुश्किल हो सकता है।   
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 PCOS के संकेत हो सकते हैं सामान्य लगने वाले ये 5 लक्षण, न करें नजरअंदाज


Hidden Symptoms of Pcos: शरीर में कोई भी समस्या होने पर उसके लक्षण बाहरी रूप से नजर आने लगते हैं। अगर हमें बुखार है तो शरीर का तापमान बढ़ जाताा है और शरीर में कमजोरी महसूस होने लगती है। शरीर में कोई आंतरिक चोट लगती है, तो पूरे शरीर पर उसका असर देखने को मिलता है। लेकिन कुछ समस्याएं ऐसी भी हैं जिनके लक्षण बाहरी रूप से नजर नहीं आते हैं। ऐसे में इन समस्याओं का पता लगाना काफी मुश्किल हो जाता है। इन्हीं समस्याओं में शामिल है पीसीओएस की समस्या। यह समस्या हार्मोन के असंतुलित होने की वजह से होती है, जिसके कारण अनियमित पीरियड्स, अत्यधिक वजन बढ़ने जैसी परेशानियां देखने के लिए मिलती हैं। लेकिन बिजनौर की ऑब्स्टेट्रिशियन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ नीरज शर्मा बताती हैं कि पीसीओएस के कुछ अनदेखे लक्षण भी होते हैं, जो आमतौर पर हमारी जीवनशैली से जुड़े होते हैं। आइए ओनलीमायहेल्थ के इस लेख के माध्यम से जानें इन लक्षणों के बारे में। 

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पीसीओएस के अनदेखे संकेत- Hidden Symptoms of Pcos

बहुत ज्यादा क्रेविंग होना

अक्सर किसी भी मनपसंद चीज की क्रेविंग होना आम बात है। लेकिन अगर आपको बार-बार किसी न किसी चीज की क्रेविंग होती रहती है, तो यह पीसीओएस का संकेत हो सकता है। अगर यह समस्या लंबे समय से चल रही है, तो बिना देरी किये डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। इसके साथ ही अगर आपको पेट भर खाने के बाद भी बार-बार भूख लगती है, तो यह भी पीसीओएस के लक्षणों में शामिल हो सकता है।  

अत्यधिक थकावट रहना

हार्मोन के असंतुलित होने के कारण पीसीओएस की समस्या हो सकती है। ऐसे में आपको दिनभर अत्यधिक थकावट और कमजोरी का अहसास हो सकता है। आप बिना कार्य किये भी बहुत थकावट और कमजोरी महसूस कर सकते हैं। ऐसे संकेत मिलते ही डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।  

इसे भी पढ़े- महिलाओं में 4 तरह के हो सकते हैं पीसीओएस (PCOS), जानें इनके लक्षण और बचाव के उपाय

मानसिक तनाव या डिप्रेशन होना

आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन पीसीओएस का संबंध मानसिक स्वास्थ्य से भी जुड़ा हुआ है। दरअसल, पीसीओएस की समस्या हार्मोन के असंतुलित होने के कारण होती है। वहीं हार्मोन का प्रोडक्शन मस्तिष्क से माना जाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक पीसीओएस से ग्रस्त महिलाओं को मानसिक तनाव या डिप्रेशन की समस्या भी हो सकती है। 

लिबिडो की कमी होना

लिबिडो यानि सेक्स में रूचि न होना भी पीसीओएस के महत्वपूर्ण सेकंतो में शामिल है। लिबिडो की कमी होने पर डाइट और लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव करके समस्या से बाहर आया जा सकता है। 

दिमाग में कंफ्यूजन रहना

पीसीओएस से ग्रस्त लोगों को अक्सर दिमाग में कंफ्यूजन रहती है। उनके लिए कई बार चीजो पर ध्यान लगा पाना मुश्किल हो सकता है या साधारण चीजों को समझ पाना भी मुश्किल हो सकता है। 

इसे भी पढ़े- क्या इलाज के बाद दोबारा PCOS हो सकता है? जानें डॉक्टर की राय

अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आते हैं, तो बिना देरी किये डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। पीसीओएस को समय पर कंट्रोल करना बेहद आवश्यक है जिससे समस्या को समय पर कंट्रोल किया जा सके। 

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