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बच्चों के लिए खतरनाक हैं हीट वेव्स और यूवी रेज, गर्मियों में इन 5 तरीकों से करें उनकी सुरक्षा

Tips To Protect Your Child From Heat Waves and UV Rays: गर्मी में हीट वेव और यूवी रेज से बच्चों की देखभाल सही तरीके से न कि जाए, तो यह कई बीमारियों का कारण बन सकती है।
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बच्चों के लिए खतरनाक हैं हीट वेव्स और यूवी रेज, गर्मियों में इन 5 तरीकों से करें उनकी सुरक्षा


Tips To Protect Your Child From Heat Waves and UV Rays :पूरे देश में गर्मी ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। गर्मियों का मौसम एक तरफ हीट वेव और यूवी रेज से जुड़ी परेशानियों का होता है। तो दूसरी तरफ गर्मियां बच्चों के लिए खेलकूद, मस्ती और स्कूल से छुट्टियों से भरी होती है। गर्मी के मस्ती भरे मौसम में अगर बच्चों की सेहत का ध्यान न रखा जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे भी ला सकता है, खासकर जब बात हीट वेव (लू) (Heat Wave Impact on Health) और यूवी (अल्ट्रावायलेट) रेज की हो। हीट वेव और यूवी रेज न सिर्फ बच्चों की त्वचा को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि शरीर के तापमान को अनियंत्रित करके कई प्रकार की बीमारियों का कारण बनता है।

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बच्चों के लिए खतरनाक क्यों है हीटवेव और यूवी रेज?- Heat waves and UV Rays how they impact children

दिल्ली के जनरल फिजिशियन और एमबीबीएस डॉ. सुरिंदर कुमार का कहना है कि गर्मियों में तापमान ज्यादा होता है। इस दौरान हीट वेव और यूवी रेज बच्चों के शरीर और त्वचा से संपर्क बनाए, तो उन्हें कई प्रकार की बीमारियों का खतरा रहता है। दरअसल, हीट वेव और यूवी रेज बच्चों के शरीर के तापमान को अचानक से बढ़ा देता है। बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, इसलिए अचानक से तापमान ज्यादा होने पर बीमारियों का खतरा बढ़ता है।

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1. सनबर्न और रैशेज

वयस्कों की तुलना में बच्चों की त्वचा अधिक कोमल, नाजुक और सेंसेटिव होती है। गर्मियों में हीट स्ट्रोक और यूवी रेज बच्चों की त्वचा से संपर्क बनाकर सनबर्न, रैशेज और घमौरियां जैसी समस्याओं को जन्म देती है। अगर बच्चे बिना किसी प्रोटेक्शन के लंबे समय तक यूवी रेज के संपर्क में रहते हैं, तो इससे स्किन कैंसर का भी खतरा रहता है।

2. हीट स्ट्रोक

जो बच्चे सुबह 12 से 4 बजे के बीच धूप में खेलते हैं, उन्हें हीट स्ट्रोक का खतरा रहता है। यह सबसे गंभीर स्थिति होती है जब शरीर का तापमान 104°F (40°C) से भी ज्यादा हो जाता है। हीट स्ट्रोक जैसी स्थिति में बच्चों को तेज बुखार, चक्कर आना, उल्टी, बेहोशी या भ्रम की स्थिति देखी जाती है। डॉ. सुरिंदर कुमार का कहना है कि बच्चों में हीट स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है। इस स्थिति में पेरेंट्स को तुरंत मेडिकल सहायता लेनी चाहिए।

3. डिहाइड्रेशन

गर्मियों में हीट वेव और यूवी रेज के संपर्क में खेलते वक्त अक्सर बच्चे पानी पीना भूल जाते हैं, जिससे शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है। इस स्थिति को डिहाइड्रेशन कहा जाता है। इसमें शारीरिक कमजोरी, सिरदर्द और चक्कर आने की परेशानी देखी जाती है।

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बच्चों को हीट वेव और यूवी रेज से बचाने के उपाय- Ways to protect children from heat waves and UV rays

  1. सुबह 12 से 5 बजे तक के बीच गर्मी, हीटवेव, धूप और यूवी रेज का प्रकोप सबसे ज्यादा होता है। इस दौरान बच्चों को बाहर खेलने और बच्चों के साथ बाहर की कोई भी एक्टिविटी से बचाना चाहिए।
  2. खेलने के दौरान बच्चा पानी पीना भूल जाता है, लेकिन पेरेंट्स को उन्हें बीच-बीच में पानी, नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ और इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त ड्रिंक्स पिलाने चाहिए।
  3. बच्चों को बाहर खेलने भेजने से पहले उसकी त्वचा पर एसपीएफ 50 युक्त सनस्क्रीन जरूर लगाएं। सनस्क्रीन बच्चों की त्वचा को यूवी रेज के खतरनाक इफेक्ट से बचाने में मदद करती है।
  4. हीटवेव और यूवी रेज से बचाव के लिए बच्चों को चौड़ी किनारी वाली टोपी और UV प्रोटेक्टेड चश्मा जरूर पहनाएं।
  5. डॉ. सुरिंदर कुमार का कहना है गर्मियों में हीट वेव और यूवी रेज को लेकर भारतीय मौसम विभाग द्वारा बीच-बीच में हीट वेव को लेकर अलर्ट जारी किया जाता है। पेरेंट्स को इन अलर्ट्स को ध्यान में रखकर बच्चों के दिनभर की प्लानिंग करनी चाहिए।

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निष्कर्ष

बच्चे मासूम और नादान होते हैं। इसलिए गर्मियों में बच्चों को हीटवेव और यूवी रेज से सुरक्षित रखना पेरेंट्स के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। पेरेंट्स थोड़ी सी सावधानी अपनाकर बच्चों को हीटवेव और यूवी रेज से बचा सकते हैं।

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