देश की राजधानी दिल्ली चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी से लोगों का बुरा हाल है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में शुक्रवार को तापमान 51 डिग्री सेल्सियस रहा है। गर्मी के कहर को देखते हुए भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तर भारत के तमाम राज्यों में गर्मी अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। गर्मी के मौसम में अगर तापमान बढ़ता है तो शरीर को पसीना आना स्वाभाविक है, लेकिन जब वातावरण में नमी यानी उमस (Humidity) बढ़ जाती है, तो यह स्थिति शरीर के लिए कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो जाती है।
शालीमार बाग स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल इंटरनल मेडिसिन विभाग के सीनियर डायरेक्टर डॉ. विनीत अरोड़ा (Dr Vineet Arora, Senior Director, Internal Medicine, Max Super Speciality Hospital, Shalimar Bagh) का कहना है कि उमस भरी गर्मी में न केवल शरीर का तापमान नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है, बल्कि डिहाइड्रेशन, चक्कर आना, थकावट, घबराहट और हीट स्ट्रोक जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होने का भी खतरा कई गुणा ज्यादा होता है। उमस भरी गर्मी में केवल ठंडी चीजें खाना या कूलर-पंखे के नीचे बैठना ही पर्याप्त नहीं होता, बल्कि एक संतुलित जीवनशैली, सही खानपान और शरीर की आंतरिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए सेहत की देखभाल करना जरूरी होता है।
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उमस भरी गर्मी का शरीर पर प्रभाव- Effects of humid heat on the body
- उमस भरी गर्मी के कारण शरीर से पसीना ज्यादा निकलता है। इस स्थिति में शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है।
- गर्मी में शारीरिक थकावट और चक्कर आना आम समस्या होती है।
- पसीने के कारण हीट रैश, दाने, फंगल इंफेक्शन जैसे त्वचा रोग बढ़ जाते हैं।
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- डॉक्टर के अनुसार, उमस भरी गर्मी में नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इससे मानसिक तौर पर थकान और चिड़चिड़ापन होता है।
- गर्मी के कारण पाचन तंत्र धीमा हो जाता है। इससे गैस, अपच जैसी समस्याएं होती हैं।
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उमस भरी गर्मी में कैसे रखें सेहत का ध्यान- How to take care of your health in the humid summer
- दिनभर में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी जरूर पिएं। अगर आपको प्यास नहीं भी लगी है तो बीच-बीच में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी पीते रहें।
- पानी के साथ उमस भरी गर्मी में शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए नींबू पानी, नारियल पानी, बेल शरबत, सत्तू और छाछ पिएं।
- थोड़ा-थोड़ा करके और बार-बार ताजा बना हुआ खाना खाएं। खाने में खीरा, ककड़ी, लौकी, तोरई, टमाटर, तरबूज, खरबूजा जैसे ठंडी तासीर वाली चीजों को शामिल करें।
- तरबूज, खरबूजा या खट्टे फलों जैसे भरपूर प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स वाले फल खाएं। इन फलों में पर्याप्त मात्रा में पानी होता है, जिससे शरीर हाइड्रेट रहता है।
- ढीले, हल्के रंग के और सूती कपड़े पहनें जो हवा पास करें। सिंथेटिक और अन्य फैब्रिक के कपड़े पहनने से बचें।
- दोपहर 11 बजे से 3 बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचें। यदि बाहर जाना जरूरी हो तो सिर पर टोपी या छाता जरूर रखें।
- दिन में कम से कम 2 बार ठंडे पानी से स्नान करें। नहाने के पानी में नीम की पत्तियां या फिटकरी डालें। इससे स्किन इंफेक्शन से बचाव होता है।
- नहाने के तुरंत बाद सीधे कूलर या एसी की हवा में जाने से बचें। इससे सर्दी, खांसी और जुकाम की समस्या हो सकती है।
- उमस में नींद की गुणवत्ता खराब हो सकती है। ऐसे में एसी और कूलर की हवा में ही सोएं। दिन में जरूरत पड़ने पर थोड़ी देर का पावर नैप (20-30 मिनट) लेना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
- स्किन पर चिपचिपापन और पसीने से दाने, मुंहासे और खुजली हो सकती है। ऐसे में एलोवेरा जेल, गुलाब जल, मुल्तानी मिट्टी जैसी चीजों का इस्तेमाल करें।
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निष्कर्ष
उमस भरी गर्मी में स्वास्थ्य का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है। ऐसी परिस्थितियों में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। पानी के साथ-साथ ताजे खाने को तवज्जो दें। फ्रीज में रखा हुआ बासी और स्ट्रीट फूड खाने से बचें।
FAQ
ज्यादा गर्मी में रहने से कौन सी बीमारी होती है?
ज्यादा गर्मी में रहने से हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, चक्कर आना, थकावट, लू लगना, फंगल इंफेक्शन और हीट रैश जैसी बीमारियां हो सकती हैं। ज्यादा गर्मी में रहने से शरीर और दिमाग का तापमान भी बढ़ता है। इससे कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।गर्मियों में क्या नहीं खाना चाहिए
इस मौसम में गर्म तापमान के कारण खाना जल्दी खराब हो जाता है। इसलिए गर्मी में बाहर का जंक, प्रोसेस्ड खाना नहीं खाना चाहिए। इसके साथ ही गर्मी में बासी खाने से भी परहेज करना चाहिए।शरीर में गर्मी बढ़ने से क्या होता है?
शरीर में गर्मी बढ़ने से सिरदर्द, आंखों में जलन, मुंह में छाले, पेशाब में जलन, त्वचा पर फोड़े-फुंसी, थकावट, चक्कर और गुस्सा आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।