आजकल लोग हेल्दी रहने के लिए तरह-तरह की चाय पीने लगे हैं, खासतौर पर हर्बल टी का क्रेज तेजी से बढ़ा है। वजन घटाना हो, डिटॉक्स करना हो या स्ट्रेस कम करना हो, लोग हर्बल टी को एक जादुई समाधान मानते हैं। लेकिन इस बढ़ती पॉपुलैरिटी के साथ-साथ कई मिथक भी सोशल मीडिया और मार्केट में फैल गए हैं, जिन पर आंख मूंदकर भरोसा करना नुकसानदायक हो सकता है। लखनऊ के विकास नगर में स्थित न्यूट्रिवाइज क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा ने बताया कि कई लोग मानते हैं कि ग्रीन टी हमेशा ब्लैक टी से बेहतर होती है, या हर हर्बल चाय वजन घटा सकती है। कुछ लोग सोचते हैं कि हर्बल टी में बिल्कुल कैफीन नहीं होता या यह आपको हाइड्रेट नहीं करती। लेकिन सच्चाई यह है कि हर चाय की अपनी खासियत और सीमाएं होती हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इन मिथकों को समझना और सच्चाई को जानना बहुत जरूरी है ताकि आप अपनी सेहत के साथ कोई रिस्क न लें। इस लेख में हम ऐसे ही हर्बल टी से जुड़े 5 मिथकों की पड़ताल करेंगे और आपको बताएंगे कि हकीकत क्या है।
1. Myth- ग्रीन टी हमेशा ब्लैक टी से बेहतर होती है- Green Tea is Always Healthier Than Black Tea
यह मानना गलत है कि ग्रीन टी हर स्थिति में ब्लैक टी से ज्यादा फायदेमंद होती है। दोनों ही चाय कैमेलिया साइनेंसिस पत्तियों से बनती हैं, लेकिन इनकी प्रोसेसिंग अलग होती है। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट ज्यादा होते हैं, वहीं ब्लैक टी में थीफ्लाविन्स जैसे यौगिक, हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। आपकी हेल्थ कंडीशन और जरूरत के अनुसार, कभी-कभी ब्लैक टी ज्यादा लाभदायक हो सकती है।
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2. Myth- हर्बल टी असली चाय होती है- Herbal Tea is Real Tea
हर्बल टी, तकनीकी रूप से 'चाय' नहीं होती क्योंकि ये कैमेलिया साइनेंसिस पत्तियों से नहीं बनती। यह फूलों, जड़ियों, मसालों और जड़ी-बूटियों का मिश्रण होती है, जिसे 'टी-इन्फ्यूजन' या 'टिसेन' कहा जाता है। इसका मतलब यह नहीं कि हर्बल टी खराब है, बल्कि बस यह जानना जरूरी है कि यह पारंपरिक चाय से अलग है। ग्रीन टी, ब्लैक टी, व्हाइट टी, ओलोंग टी ही असली चाय मानी जाती है।
3. Myth- चाय पीने से शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है- Tea Dehydrates Body
यह एक पुराना मिथक है कि चाय पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। दरअसल, सामान्य मात्रा में ली गई चाय आपके फ्लूइड इंटेक का हिस्सा बनती है। हां, अगर आप जरूरत से ज्यादा स्ट्रॉन्ग चाय पीते हैं, तो कैफीन से डिहाइड्रेशन हो सकता है, लेकिन सामान्य स्थितियों में चाय, शरीर को डिहाइड्रेट नहीं करती।
4. Myth- चाय पूरी तरह कैफीन फ्री होती है- Tea is Completely Caffeine Free
यह बात केवल कुछ प्रकार की हर्बल टी पर ही लागू होती है। ग्रीन, ब्लैक और व्हाइट टी में कैफीन होता है, हालांकि मात्रा में फर्क हो सकता है। यहां तक कि कुछ हर्बल चाय, जैसे ग्वाराना, में भी प्राकृतिक रूप से कैफीन होता है। इसलिए अगर आप कैफीन से दूर रहना चाहते हैं, तो लेबल जरूर पढ़ें।
5. Myth- हर्बल टी वजन घटाने का समाधान है- Herbal Teas Are Weight Loss Solution
यह सबसे आम मिथक है। कुछ हर्बल चाय जैसे डैंडेलियन या पुदीना मेटाबॉलिज्म को हल्का बढ़ा सकती हैं, लेकिन ये कोई मैजिक ड्रिंक नहीं हैं। केवल हर्बल चाय पीकर, वेट लॉस नहीं किया जा सकता जब तक कि आप हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज ना करें। इन्हें सपोर्टिव तौर पर ही देखें, न कि मुख्य उपाय के रूप में।
हर्बल टी से जुड़े मिथकों पर भरोसा करने से पहले जरूरी है कि हम तथ्यों को समझें। यह एक हेल्दी विकल्प हो सकता है, बशर्ते आप इसे समझदारी से अपनी डाइट में शामिल करें।
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FAQ
हर्बल टी पीने से क्या-क्या फायदे होते हैं?
हर्बल टी इम्यूनिटी को बढ़ाती है, पाचन में सुधार करती है और स्ट्रेस को कम करती है। इसमें कैफीन नहीं होता, जिससे यह शरीर को डिटॉक्स करने और अच्छी नींद लाने में मदद करती है।ग्रीन टी और हर्बल टी में क्या अंतर है?
ग्रीन टी कैमेलिया साइनेंसिस पत्तियों से बनती है और इसमें कैफीन होता है। वहीं, हर्बल टी फूलों, मसालों या जड़ी-बूटियों से बनती है और यह कैफीन-फ्री होती है। दोनों के स्वास्थ्य लाभ अलग-अलग होते हैं।हर्बल चाय कब नहीं पीनी चाहिए?
गर्भवती महिलाएं, दवा लेने वाले लोग या एलर्जी से जूझ रहे लोग बिना सलाह हर्बल टी न पिएं। खाली पेट पीने से गैस या एसिडिटी भी हो सकती है। सोने से पहले, कुछ प्रकार की हर्बल टी पीने से अनिद्रा की समस्या भी हो सकती है।