Hemoglobin Related Myths: जब भी शरीर में कमजोरी महसूस होती है या थकान जल्दी लगती है, तो लोग अक्सर यह मान लेते हैं कि इसका कारण हीमोग्लोबिन की कमी है। हीमोग्लोबिन हमारे खून में मौजूद एक प्रोटीन होता है जो ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाने का काम करता है। लेकिन हीमोग्लोबिन के लेवल को लेकर समाज में कई तरह की गलतफहमियां फैली हुई हैं। उदाहरण के लिए, कुछ लोग मानते हैं कि सिर्फ आयरन की कमी ही हीमोग्लोबिन को कम करती है, जबकि ऐसा हमेशा सही नहीं होता। वहीं कुछ का यह भी मानना है कि जो लोग मीट या मछली खाते हैं, उन्हें कभी भी हीमोग्लोबिन की कमी नहीं हो सकती। यह जरूरी नहीं कि केवल खानपान से ही हीमोग्लोबिन लेवल को पूरी तरह से कंट्रोल किया जा सकता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे हीमोग्लोबिन से जुड़ी 5 बड़ी गलतफहमियां जिन पर यकीन करना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
मिथक 1: सिर्फ आयरन डाइट से ही हीमोग्लोबिन बढ़ता है- Hemoglobin Increases Only Through Iron Rich Diet
लोग मानते हैं कि हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए सिर्फ आयरन युक्त आहार लेना ही काफी है। जबकि सच यह है कि विटामिन बी12, फोलेट और विटामिन-सी जैसे पोषक तत्व भी हीमोग्लोबिन प्रोडक्शन में अहम भूमिका निभाते हैं। सिर्फ आयरन पर ध्यान देना बाकी पोषक तत्वों की कमी को अनदेखी कर सकता है। इसलिए हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए संतुलित भोजन जरूरी है।
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मिथक 2: वेजिटेरियन्स में हमेशा हीमोग्लोबिन की कमी होती है- Vegetarians Always Have Low Hemoglobin
ऐसा माना जाता है कि शाकाहारी लोगों में हीमोग्लोबिन की कमी होना तय है। जबकि संतुलित शाकाहारी डाइट (हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, नट्स) से भी हीमोग्लोबिन का लेवल अच्छा रखा जा सकता है। शाकाहारी भोजन में मौजूद आयरन को शरीर बेहतर तरीके से एब्सॉर्ब कर सके, इसके लिए विटामिन-सी युक्त चीजें जैसे नींबू और आंवला लेना फायदेमंद होता है। जरूरी है कि शाकाहारी लोग भी समय-समय पर अपने हीमोग्लोबिन लेवल की जांच कराएं।
मिथक 3: हीमोग्लोबिन की कमी सिर्फ महिलाओं में होती है- Hemoglobin Deficiency Affects Only Women
यह सोचना गलत है कि सिर्फ महिलाएं हीमोग्लोबिन की कमी की शिकार होती हैं। पुरुषों और बच्चों में भी यह समस्या हो सकती है, खासकर पोषण की कमी या किसी बीमारी के कारण। लंबे समय तक अनदेखी करने पर यह थकान, इम्यूनिटी और विकास में रुकावट जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है। इसलिए हर उम्र और जेंडर के लोगों को हीमोग्लोबिन जांच पर ध्यान देना चाहिए।
मिथक 4: हीमोग्लोबिन कम होने पर दवाओं से इलाज संभव है- Low Hemoglobin Can Treated with Medicines
लोग सोचते हैं कि हीमोग्लोबिन की कमी केवल दवाओं से पूरी की जा सकती है। जबकि सही डाइट, नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह से भी इसका लेवल सुधारा जा सकता है। कई बार दवाओं पर निर्भर रहने से शरीर में अन्य पोषक तत्वों का संतुलन बिगड़ सकता है। इसलिए लाइफस्टाइल में बदलाव और संतुलित पोषण भी उतना ही जरूरी है।
मिथक 5: हाई हीमोग्लोबिन हमेशा अच्छा होता है- High Hemoglobin is Always Better
लोग सोचते हैं कि ज्यादा हीमोग्लोबिन होने का मतलब है कि शरीर ज्यादा स्वस्थ है, जबकि बहुत ज्यादा हीमोग्लोबिन हार्ट संबंधित और ब्लड क्लॉट जैसी समस्याओं का संकेत भी हो सकता है और यह फेफड़ों या बोन मैरो संबंधी रोग का लक्षण भी हो सकता है।
हीमोग्लोबिन से जुड़े मिथकों पर भरोसा करना आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। हमेशा डॉक्टर से सलाह लें और अपनी सेहत को लेकर सजग बनें।
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FAQ
हीमोग्लोबिन को तुरंत कैसे बढ़ाएं?
हीमोग्लोबिन तुरंत बढ़ाने के लिए आयरन और विटामिन-सी युक्त चीजें जैसे अनार, चुकंदर, पालक, आंवला, गुड़ और किशमिश खाएं। गंभीर कमी हो, तो डॉक्टर से आयरन सप्लीमेंट लें।हीमोग्लोबिन की कमी से क्या होता है?
हीमोग्लोबिन की कमी से थकान, कमजोरी, सांस फूलना, चक्कर आना और चेहरे पर पीलापन दिख सकता है। शरीर में ऑक्सीजन सप्लाई प्रभावित होने से अंगों की कार्यक्षमता घट सकती है।हीमोग्लोबिन घटने के क्या कारण हैं?
हीमोग्लोबिन घटने के कारणों में पोषण की कमी, आयरन, विटामिन-बी12 या फोलेट की कमी, लंबे समय तक ब्लीडिंग, कुछ बीमारियां और इंफेक्शन शामिल हो सकते हैं।