Doctor Verified

क्या आप भी अपेंडिक्स से जुड़े इन मिथकों पर भरोसा करते हैं, जानें डॉक्टर से इसकी सच्चाई

Appendix myths and facts: आमतौर पर लोगों में अपेंडिक्स को लेकर कई तरह के मिथक होते हैं, जिसकी सच्चाई जाने बिना लोग घरेलू उपचार भी करने लगते हैं। इस लेख में अपेंडिक्स से जुड़े कई मिथकों की सच्चाई डॉक्टर ने बताई है।
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या आप भी अपेंडिक्स से जुड़े इन मिथकों पर भरोसा करते हैं, जानें डॉक्टर से इसकी सच्चाई


Appendix myths and facts: आमतौर पर लोग मानते हैं कि शरीर में अपेंडिक्स होने का कोई फायदा नहीं है। इसका शरीर में कोई इस्तेमाल नहीं होता, लेकिन सच्चाई इससे अलग है। अपेंडिक्स एक छोटी, नलीनुमा थैली होती है, जो बड़ी आंत के साथ जुड़ी रहती है। लोग मानते हैं कि अपेंडिक्स को शरीर से निकाल देने से कुछ नहीं होता, जबकि NCBI रिसर्च से सामने आया है कि अपेंडिक्स इम्युनिटी बढ़ाने का काम करता है। इसमें मौजूद बैक्टीरिया कई बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं और आंतों को इंफेक्शन से बचाते हैं। हालांकि ऐसी स्टडीज अभी ज्यादा नहीं हुई है, लेकिन आज भी लोगों में इस अंग से जुड़े कई मिथक हैं, जिसके चलते कई बार अपेंडिक्स की सूजन काफी गंभीर स्थिति तक पहुंच जाती है। इसलिए इसके मिथकों की सच्चाई जानने के लिए हमने फरीदाबाद के यथार्थ अस्पताल के सर्जिकल विभाग के ग्रुप डायरेक्टर डॉ. बालकिशन गुप्ता (Dr. Balkishan Gupta, Group Director, Surgical Disciplines, Yatharth Hospitals, Faridabad) से बात की।

मिथक: मिर्च के बीज या फल के बीज अपेंडिसाइटिस का कारण बनते हैं।

सच्चाई: इस बारे में डॉ. बालकिशन कहते हैं, “ऐसा कुछ नहीं होता कि मिर्च या फल के बीज से अपेंडिसाइटिस होता है। लेकिन हां, अगर ये बीज अपेंडिक्स में जाकर फंस जाए तो सूजन की संभावना रहती है। ऐसा आमतौर पर नहीं होता, इसलिए फल और मिर्च आप आराम से खा सकते हैं। अपेंडिक्स में सूजन आने की वजह कुछ फूड्स होते हैं, जिसे मैं खाने से परहेज करने को कहता हूं। मैं लोगों को प्रोसेस्ड मीट व फ्राइड फूड, हाई फैट और कोलेस्ट्रॉल से भरपूर फूड्स, मैदा, शुगर, दूध या दूध से बने फूड्स, तला-भुना या मसालेदार खाने से मना करता हूं। डिब्बाबंद फूड में बहुत ज्यादा घी और तेल का इस्तेमाल होता है, जिसे पचाने में शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इस कारण हमारी आंतों में सूजन आ जाती है और ये अपेंडिसाइटिस बीमारी का रिस्क बढ़ा सकता है। इसलिए आंतों को सेहतमंद रखना जरूरी है।

appendix myths and facts expert advice

इसे भी पढ़ें: अपेंडिक्स की सर्जरी के बाद जरूर बरतें ये सावधानियां, जानें डॉक्टर से

मिथक: पेट के दाहिने निचले हिस्से में दर्द होने का मतलब अपेंडिक्स का दर्द ही है।

सच्चाई: डॉ. बालकिशन के अनुसार, पेट के निचले हिस्से में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं। इसमें बदहजमी या कोलाइटिस, कब्ज की वजह से गैस बनने से पेटदर्द शामिल है। अपेंडिक्स का दर्द अचानक से नाभि के पास या पेट के निचले हिस्से में काफी तेज होता है। यह दर्द नाभि के आसपास वाली जगह से शुरू होता है और फिर पेट के दाहिने निचले हिस्से में चला जाता है। इसका पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड और सिटी स्कैन किया जाता है। अगर किसी को पेट में अचानक तेज दर्द और बढ़ता हुआ दर्द, बुखार और ठंड लगना, उल्टी और जी मिचलाना, पेट में सूजन और कठोरता, भूख में कमी जैसे लक्षण नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें क्योंकि ये अपेंडिक्स फटने के लक्षण हो सकते हैं।

मिथक: अपेंडिक्स सिर्फ वयस्कों को ही होता है।

सच्चाई: डॉ. बालकिशन ने बताया, “अपेंडिसाइटिस किसी भी उम्र में हो सकता है, आमतौर पर यह 10-30 साल के लोगों में अधिक देखने को मिलता है। बच्चों के साथ-साथ अपेंडिक्स की समस्या बुजुर्ग लोगों में भी हो सकता है। इसका मतलब है कि अपेंडिसाइटिस की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। इसका समाधान अपने खानपान में सुधार करना ही है।

इसे भी पढ़ें: अपेंडिक्स में कैंसर के जोखिम कारक क्या हो सकते हैं? डॉक्टर से जानें

मिथक: अपेंडिक्स में हमेशा सर्जरी ही करानी पड़ती है।

सच्चाई: डॉ. बालकिशन के अनुसार, अगर अपेंडिक्स में गंभीर रूप से सूजन आ जाए और तेज दर्द होना शुरू हो जाए, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। ऐसी स्थिति में अपेंडिसाइटिस का एकमात्र इलाज ऑपरेशन ही होता है। ऑपरेशन न होने पर अपेंडिक्स के फटने का डर रहता है। बच्चों और बुजुर्ग लोगों में अपेंडिक्स के जल्दी फटने का डर रहता है। अगर अपेंडिक्स माइल्ड होता है, तो दवाइयों से कंट्रोल किया जा सकता है। यह रोगी की स्थिति पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है।

मिथक: अपेंडिक्स के इलाज में घरेलू नुस्खे कारगर होते हैं।

सच्चाई: डॉ. बालकिशन कहते हैं, “अपेंडिक्स की सूजन यानि अपेंडिसाइटिस एक इमरजेंसी स्थिति है। इसमें रोगी का किसी भी तरह का घरेलू उपचार नहीं करना चाहिए। जरा सी लापरवाही से अपेंडिक्स फट भी सकता है और ये रोगी के लिए गंभीर स्थिति हो सकती है। इसकी बजाय रोगी को तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं। कई मामलों में देखा गया है कि लोग या तो लक्षणों को समझ नहीं पाते या फिर घर पर ही दवाइयों या घरेलू तरीकों से दर्द कम करने की कोशिश करते हैं, ऐसी कंडीशन में देरी होने से समस्या ज्यादा बढ़ सकती है।”

मिथक: अपेंडिक्स का शरीर में कोई काम नहीं होता।

सच्चाई: डॉ. बालकिशन ने बताया कि दरअसल, जहां बड़ी आंत और छोटी आंत मिलती है, वहां पर 8-10 सेंटीमीटर लंबी नली के आकार का अंग है। इसे अपेंडिक्स कहते हैं। यह हमारी नाभि के नीचे राइट साइड में होता है। इसका हमारे शरीर में कोई विशेष महत्व नहीं होता है। हालांकि कुछ स्टडीज में ऐसा पाया गया है कि ये इम्यूनिटी में मदद करती है, लेकिन अभी तक बहुत ज्यादा रिसर्च नहीं हुई है। अगर दर्द, सूजन या संक्रमण हो तो सर्जरी करके निकाल देने पर शरीर को कोई नुकसान भी नहीं होता है। इसमें सूजन आने या इन्फेक्शन होने पर यह बहुत जल्दी फूल जाता है और फट जाता है। अपेंडिक्स के फटने से पूरे पेट में इंफेक्शन हो सकता है, जो मरीज के लिए जानलेवा हो सकता है।

मिथक: अपेंडिसाइटिस का एकमात्र कारण रुकावट है।

सच्चाई: डॉ. बालकिशन कहते हैं,”यह लोगों का वहम है कि रुकावट की वजह से अपेंडिक्स का दर्द होता है। अगर अपेंडिक्स में संक्रमण या किसी भी वजह से सूजन आ जाए, तो भी अपेंडिसाइटिस हो सकता है। बड़ी आंत में किसी भी तरह का संक्रमण भी इसके दर्द का कारण बन सकता है। इसलिए लापरवाही बिल्कुल न बरतें और किसी भी तरह का लक्षण महसूस होने पर डॉक्टर से तुरंत मिलें।”

Read Next

क्या वाकई पित्ताशय की पथरी की वजह से पेशाब का रंग बदल जाता है? जानें डॉक्टर से

Disclaimer

TAGS