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क्या कब्ज से जुड़े इन 5 मिथकों पर आप भी करते हैं भरोसा? डॉक्टर से जानें इनकी सच्चाई

कब्ज से जुड़े कई ऐसे मिथकों को सच मानकर लोग सालों से उन पर विश्वास करते आ रहे हैं। ऐसे ही मिथकों की सच्चाई डॉक्टर इस लेख में बता रहे हैं।
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क्या कब्ज से जुड़े इन 5 मिथकों पर आप भी करते हैं भरोसा? डॉक्टर से जानें इनकी सच्चाई

Constipation Myths in Hindi: आजकल के लाइफस्टाइल में जंक और पैकेज्ड फूड खाने का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है। लोग खाने में फल-सब्जियों की बजाय बर्गर-पिज्जा को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसलिए शायद पेट संबंधी समस्याएं भी ज्यादा होने लगी हैं। इस कड़ी में कब्ज भी एक ऐसी समस्या बनकर उभर रही है, जो जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों में से एक है। कब्ज को लेकर लोगों में कई भ्रांतियां हैं, जिसकी वजह से कई बार कब्ज गंभीर रूप ले लेती है। इसलिए कब्ज से जुड़े मिथकों की सच्चाई जानना बहुत जरूरी है। दिसंबर महीने को कब्ज जागरूकता माह के तौर पर मनाया जाता है। इसी के चलते हमने हैदराबाद के सिटीजन स्पेशलिटी अस्पताल के इंटरनल और जनरल मेडिसन फिजिशियन डॉ. पापाराव नाड्डाकुंडरू से बात की और उन्होंने कब्ज से जुड़े कई मिथकों की सच्चाई बताई। 

कब्ज से जुड़े 5 मिथक और उनकी सच्चाई

मिथक: जो लोग हर दिन शौच नहीं करते, वे कब्ज से पीड़ित होते हैं।  

सच्चाई: डॉ. पापाराव कहते हैं कि यह जरूरी नहीं है। अधिकतर मामलों में रोजाना शौच जाना आम है, लेकिन कुछ लोग रोजाना शौच नहीं जाते। इसके बावजूद वे स्वस्थ रहते हैं। इसलिए इसमें कोई सच्चाई नहीं है कि रोज शौच न जाने से कब्ज हो जाती है। कई बार लोग इस मिथक को सच मानकर दवाई या घरेलू नुस्खे अपनाने लगते हैं, जिससे पेट पर असर पड़ सकता है। आप खुद महसूस करें कि आपका शौच जाने का शेड्यूल क्या है। अगर किसी को मल त्याग करने में मुश्किल महसूस होती है, मल कठोर आता है, या फिर बहुत ही कम शौच जाता है, तो उसे कब्ज की श्रेणी में रखा जाता है। शौच जाने की संख्या के आधार पर कब्ज को परिभाषित नहीं किया जा सकता। 

Constipation myths and facts expert

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मिथक:  कब्ज से कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं होती।

सच्चाई: वैसे देखा जाए, तो कब्ज किसी के लिए जानलेवा नहीं हो सकती। कब्ज होने का प्रभाव तुरंत शरीर पर देखने को नहीं मिलता, लेकिन लगातार कब्ज रहने से बवासीर, ऐनल फिशर्स या पाचन की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए अगर किसी को कब्ज की समस्या बार-बार हो रही है और इसका इलाज नहीं करवाया जा रहा, तो जीवन की क्वालिटी को प्रभावित कर सकती है। इसलिए कब्ज की समस्या को हल्के में न लें और समय रहते इसका इलाज करवाएं। 

मिथक: कब्ज होने की समस्या सिर्फ डाइट की वजह से होती है।  

सच्चाई: डॉ. पापाराव कहते हैं, “अक्सर लोग जब कब्ज की समस्या लेकर आते हैं, तो उनका कहना होता है कि वे सही डाइट ले रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें कब्ज की समस्या हो रही है। मैं हमेशा यही समझाता हूं कि हालांकि कब्ज में डाइट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन इसके साथ-साथ जीवनशैली से जुड़ी अन्य आदतों पर भी गौर करना जरूरी होता है। अगर रोगी नियमित रूप से एक्सरसाइज नहीं करता, स्ट्रेस रहता है और भरपूर मात्रा में पानी नहीं पीता, तो भी कब्ज की समस्या हो सकती है।” 

मिथक: अगर कब्ज क्रोनिक हो जाए तो इसका इलाज संभव नहीं है।  

सच्चाई: यह गलत धारणा है। क्रोनिक कब्ज का भी इलाज हो सकता है। रोगी को समय रहते डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। आमतौर पर डाइट में बदलाव, फाइबर की मात्रा बढ़ाना, हाइड्रेशन पर चेक रखना और जरूरत होने पर दवाइयां देकर कब्ज का इलाज किया जाता है। अगर बीमारी की अनदेखा की जाए, तो यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, इसलिए डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

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मिथक: कब्ज का इलाज करने के लिए दवाओं पर निर्भर रहना ठीक नहीं है क्योंकि यह लत का कारण बनता है।

सच्चाई: डॉ. पापाराव कहते हैं कि वैसे दवाइयां कब्ज का कुछ समय के लिए इलाज कर सकती हैं, लेकिन यह परमानेंट समाधान नहीं है। इसके साथ-साथ आहार और लाइफस्टाइल में बदलाव करना भी उतना ही जरूरी है। अगर दवाइयों को लंबे समय तक इस्तेमाल किया जाए, तो शरीर इन दवाइयों का आदी हो जाता है। यह शरीर के लिए प्राकृतिक रुप से सही नहीं है। इसलिए दवाइयां लगातार नहीं लेनी चाहिए। 

कब्ज का इलाज कैसे करें?

फाइबर की मात्रा बढ़ाएं: डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दालें शामिल करें।  

प्रचुर मात्रा में पानी पिएं: हाइड्रेटेड रहने से मल मुलायम होता है।   

रोजाना कसरत करें: इससे पेट की क्रियाओं को सही रखने में मदद मिलती है। 

रेगुलर रूटीन बनाएं: खाने का टाइम सेट करें और शौच करने को टालने से बचें।  

स्ट्रेस मैनेज करें: तनाव कब्ज का कारण बन सकता है, इसलिए मेडिटेशन जैसी टेक्नीक पर काम करें। 

हर्बल उपचार: इसमें हर्बल उपचार जैसे त्रिफला, सिना या अलसी के बीज मदद कर सकते हैं।  

डॉक्टर से सलाह लें: अगर कब्ज रहती है, तो डॉक्टर की सलाह लेकर ही दवाई लें। 

लाइफस्टाइल में बदलाव करके कब्ज की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है, लेकिन पुरानी कब्ज या लगातार कब्ज होने की परेशानी में डॉक्टर की सलाह जरूर लें। डॉक्टर से बिना पूछे किसी भी तरह की दवाई लेने से उसके गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

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