लोगों के मन में खानपान यानि डाइट को लेकर कई प्रकार के मिथ होते हैं। कई बार इन मिथ्स को फॉलो करके लोगों की सेहत को गंभीर नुकसान तक पहुंचता है। ऐसे में लोग जाने अंजाने में गलत खाद्य पदार्थों का सेवन कर लेते हैं। अगर आप भी उन्हीं लोगों में शामिल हैं तो इस लेख में हम आपको इन मिथकों की सच्चाई के बारे में बताएंगे। आइये डायबिटीज और थायराइड एक्सपर्ट डॉ. अक्षत चढ्ढा से जानते हैं डाइट से जुड़े किन मिथ्स पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
गुड ज्यादा फायदेमंद
डायबीटीज के मरीजों में अक्सर यह मिथ रहता है कि गुड और शहद उनकी सेहत के लिए चीनी की तुलना में फायदेमंद साबित हो सकती है। जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है, गुड भी उनकी सेहत के लिए उतना ही प्रभावित साबित हो सकता है।
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पत्तेदार सब्जियां ज्यादा नुकसानदायक
थायराइड के कुछ मरीजों में गलत धारणा रहती है कि पत्तेदार सब्जियां खाना उनकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं। जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है पत्ता गोभी, ब्रोकली आदि खाना सेहत के लिए फायदेमंद साबित होती है।
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वेजिटेरियन फूड्स में प्रोटीन नहीं होता
वेजिटेरियन फूड्स में प्रोटीन की अच्छी खासी मात्रा होती है, जिसे खाने से शरीर में प्रोटीन की कमी पूरी होती है। इसके लिए आप दाल, चिया सीड्स, क्वाइना और हेम्प सीड्स आदि का सेवन कर सकते हैं।
रागी डायबिटीज के लिए अच्छा होता है
कुछ लोगों का मानना है कि डायबिटीज के मरीजों के लिए रागी खाना सेहतमंद होती है। जबकि ऐसा नहीं है, कई बार सीमित मात्रा में इसे खाना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से नुकसान भी पहुंच सकता है।
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हर दो घंटे में खाना
कई बार लोगों में यह धारणा भी होती है कि डायबिटीज के मरीजों को हर दो घंटे के अंतराल में खाना खाना चाहिए। जबकि हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक ऐसा नहीं है। हर दो घंटे में खाना खाने से डायबिटीज के रोगियों को किसी तरह का फायदा नहीं मिलता है।