कई बार स्वास्थ्य से जुड़े मिथ्स सेहत पर भारी पड़ सकते हैं। बहुत से लोग इन मिथ्स की सच्चाई माने बिना ही इनपर भरोसा कर लेते हैं, जोकि सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए कभी भी बिना चिकित्सक या फिर एक्सपर्ट की सलाह से आपको स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी चीज पर भरोसा नहीं करना चाहिए। क्या आप भी उन्हीं लोगों में शामिल हैं। अगर हां, तो यह लेख आप ही के लिए है। आइये दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल की न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रियंका सहरावत से जानते हैं इन मिथ्स की सच्चाई।
हाई बीपी से सिरदर्द होता है
बहुत से लोगों में यह मिथ रहता है कि हाई बीपी होने से सिरदर्द की समस्या रहती है। डॉक्टर के मुताबिक ऐसा बिलकुल नहीं होता कि आपका बीपी हाई होने पर सिर में दर्द या माइग्रेन होता है। बीपी शरीर के अन्य पहलुओं के हिसाब से बदलता रहता है इसलिए यह जरूरी है कि समय-समय पर अपना बीपी चेक करते रहें।
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ग्लूटेन फ्री डाइट लेनी चाहिए
कुछ लोगों में यह मिथ रहता है कि ग्लूटेन फ्री डाइट लेना सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है। जबकि ऐसा नहीं है ग्लूटेन फ्री डाइट हर किसी के लिए हेल्दी साबित नहीं होती है। यह डाइट ग्लूटेन सेंस्टिविटी वाले या फिर गेहूं से एलर्जी रखने वालों के लिए हेल्दी हो सकती है।
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अंडे से हार्ट अटैक होता है
आजकल यह मिथ भी काफी पॉपुलर है कि अंडे खाने से कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम खराब होता है और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ता है। जबकि दिनभर में एक अंडा खाने से आपके दिल की सेहत किसी प्रकार प्रभावित नहीं होती है।
उंगलियां चटकाने से अर्थराइटिस होता है
यह भ्रम भी पूरी तरह से गलत है कि उंगलियां चटकाने से अर्थराइटिस होता है। इस आदत को फॉलो करने से हड्डियों से आवाज आती है, जबकि यह एक गलत आदत है। इससे ज्वॉइंट्स में फ्लूड जम जाता है। लेकिन इससे अर्थराइटिस नहीं होता है।
शुगर इनटेक कम करना डायबिटीज के लिए फायदेमंद
शुगर इनटेक को कम करने से डायबिटीज ठीक रहती है। जबकि, यह पूरी तरह से गलत है। शुगर इनटेक कम करने के बजाय आपको डाइट्री फाइबर के सेवन को बढ़ाना चाहिए।