हीमोग्लोबिन की नॉर्मल रेंज क्या होती है? अगर पुरुषों की बात करें तो उनमें हीमोग्लोबिन की नॉर्मल मात्रा 13 से 16 हो सकती है। महिलाओं में हीमोग्लोबिन की नॉर्मल रेंज करीब 12 से 15 के बीच हो सकती है। 6 से 12 साल के बच्चों के शरीर में हीमोग्लोबिन की नॉर्मल रेंज 11 से 15 के बीच होती है। अगर इस नॉर्मल रेंज के बीच आपका हीमोग्लोबिन है तो ठीक है पर इस रेंज से कम होने पर आपको दवा या सही डाइट लेने की जरूरत पड़ सकती है। हीमोग्लोबिन कम होने पर आपको कमजोरी या चक्कर जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं। हीमोग्लोबिन की कमी होने पर आपको जरूरी टेस्ट करवाने की जरूरत पड़ सकती है। इस लेख में हम जानेंगे हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण और इसकी जरूरत कब और किन लोगों को पड़ सकती है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
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हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण क्या होते हैं?
हीमोग्लोबिन की कमी होने पर कुछ लक्षण नजर आते हैं जिन पर आपको गौर करना चाहिए जैसे-
- अगर आपके दिल की धड़कन तेज है या अनियमित धड़कन के शिकार हैं तो हो सकता है कि आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो।
- अगर आप बहुत जल्दी थक जाते हैं या आपका मन किसी काम में नहीं लग पाता तो हो सकता है कि आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो।
- सांसों की कमी होना या बहुत ज्यादा कमजोरी होना भी हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण हो सकते हैं।
- अगर आपको भूख कम लग रही है तो हो सकता है शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो।
- अगर चक्कर आने या नाखून कमजोर होने जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं तो हो सकता है आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो।
- अगर आपको डिप्रेशन के लक्षण नजर आ रहे हैं तो भी हो सकता है कि आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो।
- अगर आपका शरीर पीला नजर आ रहा है या आपको पीलिया हो गया है तो हो सकता है कि आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो।
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हीमोग्लोबिन की मात्रा कब हो जाती है? (Haemoglobin deficiency)
- कई लोगों को किसी गंभीर चोट के कारण या एक्सीडेंट हो जाने के कारण खून की कमी हो जाती है।
- कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कैंसर के मरीज हैं, कैंसर हो जाने पर भी खून की कमी हो सकती है।
- अगर आपको थैलेसीमिया है तो भी आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो सकती है।
- कई बार महिलाओं में पीरियड्स के दौरान हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है।
- गर्भावस्था के दौरान भी महिलाओं को हीमोग्लोबिन की कमी हो सकती है जिसके चलते आपको एनीमिया के लक्षण नजर आ सकते हैं।
- लीवर की समस्या है तो भी शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो सकती है।
- अगर आपके शरीर में विटामिन बी12 की कमी है तो हो सकता है आपके शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो।
- अगर आप थायरॉइड के मरीज हैं तो हो सकता है आपके शरीर में खून की कमी हो।
हीमोग्लोबिन टेस्ट (Haemoglobin test)
हीमोग्लोबन एक तरह का प्रोटीन है और इस प्रोटीन का केंद्र आयरन माना जाता है। अगर आपके शरीर में हीमोग्लोबिन है तो आपके शरीर में रेड ब्लड सेल्स की मात्रा बनाए रखने के लिए हीमोग्लोबिन मुख्य भूमिका निभाता है। हीमोग्लोबिन टेस्ट की मदद से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर मापा जाता है। कुछ केस में ऐसा भी होता है कि हीमोग्लोबिन की मात्रा ज्यादा हो, इसके लिए आपको हीमोग्लोबिन टेस्ट करवाना चाहिए। कई टेस्ट होते हैं जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी का पता लगाया जा सकता है। कुछ प्रमुख टेस्ट की बात करें तो उनमें थॉयराइड टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट, लिवर फंक्शन टेस्ट, सीबीसी टेस्ट आदि शामिल है।
हीमोग्लोबिन की कमी को कैसे पूरी करें? (How to get rid of haemoglobin deficiency)
- अगर आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है तो आपको उसकी कमी अपनी डाइट से पूरी करनी चाहिए।
- हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए आपको हरी पत्तेदार सब्जियां, खट्टे फल, अंडे की जर्दी, गन्ना, सूखे मेवों का मिश्रण, नट्स, बीज आदि का सेवन करना चाहिए।
- ठंड के दिनों में आप पंपकिन सीड्स और फ्लैक्स सीड्स का सेवन मिक्स करके भी कर सकते हैं।
- हीमोग्लोबिन की कमी है तो आपको गुड़ का सेवन भी करना चाहिए, गुड़ को आप सर्दियों के दिनों में चने के साथ भी खा सकते हैं।
- पालक का सेवन करने से भी हीमोग्लोबिन की कमी पूरी दूर होती है, आपको पर्याप्त मात्रा में पालक का सेवन करना चाहिए।
- जिन लोगों के शरीर में डाइट के जरिए हीमोग्लोबिन की कमी को पूरा नहीं किया जा सकता उन्हें डॉक्टर आयरन की टैबलेट खाने की सलाह भी देते हैं।
- आप विटामिन बी12 की गोली भी खा सकते हैं। इसके अलावा आपको मल्टीविटामिन इंजेक्शन लग सकता है या आयरन की इंजेक्शन लगाने की सलाह भी डॉक्टर दे सकते हैं।
- इसके अलावा ब्लड ट्रांसफ्यूजन का ऑप्शन भी रहता है पर आपको उसके लिए डॉक्टर की सलाह लेने की जरूरत होती है।
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हीमोग्लोबिन टेस्ट कैसे किया जाता है? (How haemoglobin test is done)
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- हीमोग्लोबिन टेस्ट करने के लिए बाजू की नस में सूई लगाकर खून का सेंपल लिया जाता है।
- इसके लिए डॉक्टर सूई लगने वाली जगह को साफ करके फिर सूई इंसर्ट करते हैं।
- इसके बाद त्वचा के ऊपरी भाग में पट्टी बांध दी जाती है जिससे खून का बहाव ऊपर की तरफ रुक जाए।
- ऐसा करने से नस दिखाई देने लगेगी और डॉक्टर शीशी या सीरिंज में सेंपल लें लेंगे।
- सूई निकालने के बाद डॉक्टर उस जगह बैंडेज या रूई लगा देते हैं।
हीमोग्लोबिन टेस्ट से पहले जानें जरूरी टिप्स
- अगर हीमोग्लोबिन टेस्ट के साथ कोई अन्य टेस्ट भी करवाना हो तो आप खाली पेट ही जाएं।
- अगर आप धूम्रपान करते हैं या आप किसी गंभीर बीमारी की दवा लेते हैं तो जांच करवाने से पहले ही इसकी जानकारी डॉक्टर को दें।
- अगर सूई लगने के बाद उस स्थान पर नीला निशान पड़ रहा है तो आप डॉक्टर को दिखाएं, ज्यादा दबाव के कारण ऐसा हो सकता है।
अगर आपको लग रहा है कि शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें और समय पर टेस्ट करवाएं।
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