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Fact Check: क्या गर्भावस्था के लक्षणों से लिंग का पता लगाया जा सकता है?

Baby Gender Prediction: गर्भावस्था के लक्षणों से बच्चे का लिंग जानना सिर्फ एक मिथक है। मेडिकल रूप से अल्ट्रासाउंड ही सही तरीका माना जाता है।
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Fact Check: क्या गर्भावस्था के लक्षणों से लिंग का पता लगाया जा सकता है?


क्या वाकई लक्षणों से गर्भ में बच्‍चे का ल‍ि‍ंग जान सकते हैं?- Can You Tell Baby Gender by Symptoms 

मेडिकल साइंस की तरक्की के बाद, प्रेग्नेंसी में अल्ट्रासाउंड के माध्यम से यह पता लगाया जाता था कि गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की। लेकिन सरकार ने इस पर रोक लगाकर इसे गैरकानूनी कर दिया है। इसके बाद कुछ लोग प्रेग्नेंसी में पुराने जमाने में अजमाए जाने वाले तरीकों से यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि गर्भ में लड़का है या लड़की। स्टार मैटरनिटी हॉस्पिटल की स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ विजय लक्ष्मी कहती हैं कि, 'प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में तमाम तरह के शारीरिक बदलाव होते हैं, लेकिन इन बदलावों को देखकर गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है। लोग शारीरिक बदलाव और संकेतों के आधार पर अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं, जो कि पूरी तरह से अवैज्ञानिक माना जाता है। इनमें से कुछ लोगों का अनुमान सही हो जाता है और कुछ लोगों का गलत।'

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पुराने जमाने से ही लोग इन लक्षणों को देखकर शिशु के लिंग का पता लगाने की कोशिश करते हैं, आइये जानते हैं इनकी हकीकत-

1. प्रेग्नेंसी में हार्टबर्न होना- Heartburn in Pregnancy 

गर्भावस्था में सीने में जलन या हार्टबर्न की समस्या आम है। लेकिन पुराने समय में यह कहा जाता था कि लगातर और तेज जलन होने का संकेत लड़की का है और कम जलन का अनुभव होने का मतलब है कि गर्भ में लड़का पल रहा है। डॉक्टर कहती हैं कि गर्भावस्था में शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से हार्टबर्न जैसी स्थिति होती है, इसका शिशु के लिंग से कोई लेना-देना नहीं है।

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2. प्रेग्नेंसी में क्रेविंग होना- Cravings in Pregnancy 

प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से फूड क्रेविंग होती है। इसको लेकर यह मान्यता है कि अगर गर्भवती महिला को मीठी चीजों की क्रेविंग हो रही है, तो लड़की होगी और अगर क्रेविंग नमकीन या खट्टी चीजों की हो रही है, तो गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है। हालांकि ऐसा कुछ भी नहीं है, इसके पीछे का वैज्ञानिक तथ्य यह है कि शरीर में हॉर्मोन के असंतुलन की वजह से फूड्स क्रेविंग हर महिला में अलग-अलग हो सकती है।

3. प्रेग्नेंसी के दौरान स्किन में बदलाव आना- Skin Changes in Pregnancy 

गर्भवती महिलाओं की स्किन में होने वाले बदलाव से यह पता लगाने की कोशिश की जाती थी कि लड़का होगा या लड़की। कहा जाता है कि महिला की स्किन अगर ड्राई है तो लड़का होगा और ऑयली स्किन वाली महिला को लड़की होगी। हालांकि इसके पीछे कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है और यह दावा भी मिथक मात्र है।

4. प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग सिकनेस होना- Morning Sickness in Pregnancy 

ऐसा कहा जाता है कि गर्भवती महिलाओं को अगर मॉर्निंग सिकनेस और उल्टी ज्यादा होती है, तो लड़की होगी और अगर कम होती है, तो लड़का होगा। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है, गर्भावस्था के दौरान हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (एचजी) की वजह से और शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से यह होता है। 

5. लिनिया नाइग्रा की लंबाई- Linea Nigra Length in Pregnancy

प्रेग्नेंसी के दौरान पेट पर एक लाइन बन जाती है, जिसे लिनिया नाइग्रा कहते हैं। यह माना जाता है कि अगर लिनिया नाइग्रा आपकी नाभि के नीचे से शुरू होती है, लड़की होगी और अगर ऊपर से शुरू होती है, तो लड़का होगा। डॉक्टर कहती हैं कि गर्भावस्था में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से मेलेनिन का प्रोडक्शन उत्तेजित होता है और इसकी वजह से भी लिनिया नाइग्रा की स्थिति हर महिला में अलग होती है।

इन लक्षणों और संकेतों के अलावा कई और लक्षण भी हैं, जिनकी सहायता से गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग की पहचान करने की कोशिश की जाती है। लेकिन इन संकेतों से लिंग का पता लगाने के पीछे कोई वैज्ञानिक आधार या तथ्य नहीं है। 

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FAQ

  • प्रेग्नेंसी में जेंडर कब पता चलता है?

    प्रेग्नेंसी के लगभग 18 से 20 हफ्ते बाद अल्ट्रासाउंड के जरिए बच्चे का जेंडर जाना जा सकता है, अगर वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे।
  • जेंडर टेस्ट क्या होता है?

    जेंडर टेस्ट एक मेडिकल प्रक्रिया होती है जिससे भ्रूण का लिंग (लड़का या लड़की) निर्धारित किया जाता है। इसमें अल्ट्रासाउंड या ब्‍लड टेस्‍ट भी क‍िया जाता है।
  • सोनोग्राफी रिपोर्ट से जेंडर कैसे पता करें?

    आप खुद जेंडर का पता नहीं लगा सकते, न ही डॉक्‍टर आपको इसकी जानकारी देते हैं। सोनोग्राफी रिपोर्ट में जननांग की स्थिति और संरचना देखी जाती है। अगर लिंग साफ दिखाई दे, तो डॉक्टर को जेंडर की पुष्टि हो जाती है, पर भारत में यह जानकारी लेना या पूछना गैर-कानूनी है।

 

 

 

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