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क्या भ्रूण की हार्ट रेट से पता लगाया जा सकता है बच्चे का जेंडर? डॉक्टर से जानें

प्रेग्नेंसी का समय कपल्स के लिए बेहद खास होता है, कई लोग इस दौरान ये जानने के लिए बेताब रहते हैं कि उनके घर लड़के का जन्म होने वाला है या लड़की का। यहां जानिए, क्या हृदय गति बच्चे का लिंग तय करती है?
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क्या भ्रूण की हार्ट रेट से पता लगाया जा सकता है बच्चे का जेंडर? डॉक्टर से जानें


गर्भावस्था हर कपल के लिए एक अनमोल अनुभव होता है और इस दौरान माता-पिता के मन में बच्चे के स्वास्थ्य, विकास और आने वाले जीवन के साथ कई सवाल उठते हैं। इन्हीं सवालों में से एक सवाल अक्सर यह होता है कि उनके घर में लड़के का जन्म होगा या लड़की। हालांकि, भारत में बच्चे के लिंग का पता लगाना कानूनन अपराध है लेकिन इसके बावजूद कुछ कपल्स पारंपरिक धारणाओं और घरेलू मिथकों के आधार पर लिंग का अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं। कई पुरानी मान्यताओं के अनुसार, भ्रूण की हृदय गति यानी हार्ट रेट, पेट का आकार या गर्भवती महिला की भूख और मूड स्विंग्स जैसे कारकों को बच्चे के लिंग से जोड़कर देखा जाता है। उदाहरण के लिए, माना जाता है कि अगर भ्रूण की हृदय गति 140 बीट प्रति मिनट से अधिक है, तो यह लड़की का संकेत हो सकता है और अगर इससे कम है तो लड़के का। लेकिन क्या यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सही है? इस लेख में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल से जानिए, क्या भ्रूण की हार्ट रेट से पता लगाया जा सकता है बच्चे का जेंडर?

क्या हार्ट रेट से बच्चे का जेंडर जानना संभव है? - Can we predict baby gender by heart rate

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल बताती हैं कि अक्सर कपल्स भ्रूण की हृदय गति को देखकर बच्चे के लिंग का अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं। हालांकि, इस विचार में कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। भ्रूण की हृदय गति का इस्तेमाल केवल स्वास्थ्य की निगरानी के लिए किया जाता है, न कि लिंग का अनुमान लगाने के लिए। भ्रूण की हृदय गति बच्चे के स्वास्थ्य का संकेत देती है, न कि उसके लिंग का। ऐसे मिथक केवल मनोरंजन का साधन हो सकते हैं, लेकिन इन्हें सच्चाई मानना गलत है।

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गर्भावस्था के दौरान भ्रूण की हृदय गति (Fetal Heart Rate - FHR) से बच्चे के लिंग का अनुमान लगाना एक पुरानी धारणा है। माना जाता है कि यदि भ्रूण की हृदय गति 140 बीट प्रति मिनट से अधिक हो तो यह लड़की होने का संकेत देती है और यदि इससे कम हो तो लड़का होने की संभावना रहती है। हालांकि, यह धारणा पूरी तरह से वैज्ञानिक आधार पर सही नहीं है।

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क्या कहती हैं शोध रिपोर्ट्स

1. 2018 का अध्ययन: Journal of Maternal-Fetal & Neonatal Medicine में प्रकाशित 1,000 से अधिक गर्भधारण पर किए गए अध्ययन ने यह स्पष्ट किया कि भ्रूण की हृदय गति और लिंग के बीच कोई संबंध नहीं है।

2. 2015 का अध्ययन: American Journal of Obstetrics and Gynecology के एक रिव्यू में 500 से अधिक गर्भधारण की जांच के बाद यह निष्कर्ष निकला कि भ्रूण की हृदय गति बच्चे के लिंग का सटीक अनुमान लगाने में सक्षम नहीं है।

3. 2012 का अध्ययन: Journal of Ultrasound in Medicine में प्रकाशित अध्ययन में 200 से अधिक गर्भधारण के आंकड़े शामिल थे। इस अध्ययन में भी यही परिणाम सामने आए कि भ्रूण की हृदय गति और लिंग के बीच कोई संबंध नहीं है।

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भ्रूण की हृदय गति का असली महत्व

  • भ्रूण की हृदय गति बच्चे के स्वास्थ्य और गर्भावस्था की स्थिति का आकलन करने के लिए मानी जाती है।
  • प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान भ्रूण की हृदय गति 110-160 बीट प्रति मिनट के बीच होनी चाहिए।
  • दूसरे और तीसरे तिमाही में यह सामान्यतः 120-160 बीट प्रति मिनट होती है।
  • डॉक्टर भ्रूण की हृदय गति की निगरानी करते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि गर्भावस्था सामान्य रूप से प्रगति कर रही है।

बेटा होगा या बेटी कैसे पता चलेगा?

गर्भावस्था के दौरान बच्चे का लिंग जानने के लिए अल्ट्रासाउंड स्कैन सबसे सटीक तरीका है। इसके अलावा, आनुवंशिक परीक्षण उपयोग भी किया जाता है। लेकिन बता दें कि भारत में भ्रूण का लिंग जानना कानूनन अपराध है और इसके लिए सजा का प्रावधान भी है।

निष्कर्ष

भ्रूण की हृदय गति से बच्चे के लिंग का पता लगाना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से संभव नहीं है। यह केवल एक मिथक है जो पीढ़ियों से चला आ रहा है। गर्भावस्था के दौरान मां और बच्चे की सेहत पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है। भ्रूण की हृदय गति का उद्देश्य केवल स्वास्थ्य की निगरानी करना है।

All Images Credit- Freepik

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