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बच्चों का नार्मल हार्ट रेट क‍ितना होता है? डॉक्‍टर से जानें बच्‍चे की पल्‍स रेट कब और कैसे चेक करें

हार्ट रेट (Heart Rate) उस संख्या को कहते हैं जितनी बार आपका दिल एक मिनट में धड़कता है। इसे बीट्स पर मिनट (BPM) में मापा जाता है।
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बच्चों का नार्मल हार्ट रेट क‍ितना होता है? डॉक्‍टर से जानें बच्‍चे की पल्‍स रेट कब और कैसे चेक करें


Child's Normal Heart Rate: हार्ट रेट (Heart Rate) या हृदय गति उस संख्या को कहते हैं जितनी बार आपका दिल एक मिनट में धड़कता है। हार्ट रेट शरीर के स्वास्थ्य और फिटनेस का एक जरूरी संकेत होता है। वयस्कों में सामान्‍य हार्ट रेट की बात करें, तो वह 60-100 बीट्स प्रति मिनट होता है। शिशुओं का हार्ट रेट ज्‍यादा होता है और उम्र के साथ धीरे-धीरे कम होता जाता है। सामान्य हार्ट रेट, हार्ट के नार्म होने का संकेत है। अगर बच्‍चों में हार्ट रेट सामान्‍य नहीं है, तो यह हार्ट की समस्‍या के कारण हो सकता है।असामान्य हार्ट रेट उच्च रक्तचाप, मोटापा, या डायबिटीज जैसी बीमारियों का संकेत भी हो सकता है। इस लेख में जानेंगे बच्‍चों का नार्मल हार्ट रेट क‍ितना होना चाह‍िए और उसे कैसे चेक करते हैं। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के डफर‍िन अस्‍पताल के वर‍िष्‍ठ बाल रोग व‍िशेषज्ञ डॉ सलमान खान से बात की।

child's normal heart rate

बच्चों का नार्मल हार्ट रेट क‍ितना होता है?- Child's Normal Heart Rate

बच्चों का नार्मल हार्ट रेट (हृदय गति) उनकी उम्र के अनुसार होती है। जैसे- 

  • नवजात शिशु या 0-1 महीने में श‍िशु का हार्ट रेट 100 से 160  बीट्स प्रति मिनट होता है।
  • 1 से 12 महीने के बच्‍चों में हार्ट रेट 90 से 160  बीट्स प्रति मिनट होता है।
  • 1 से 2 वर्ष की उम्र के बच्‍चों में हार्ट रेट 80 से 130 बीट्स प्रति मिनट होता है।
  • 3 से 5 वर्ष की उम्र के बच्‍चों में हार्ट रेट 80-120 बीट्स प्रति मिनट होता है। 
  • 6 से 12 वर्ष की उम्र के बच्‍चों में हार्ट रेट 70-110 बीट्स प्रति मिनट होता है। 
  • 13-18 वर्ष की उम्र के बच्‍चों में हार्ट रेट 60-100 बीट्स प्रति मिनट होता है। 

बच्‍चे की पल्‍स रेट कैसे चेक करें?- How to Check Pulse Rate of Child 

बच्चे की पल्स रेट कब चेक करें:

  • अगर आपको लग रहा है क‍ि श‍िशु की तबीयत ठीक नहीं है, तो सबसे पहले उसकी पल्‍स रेट चेक करें। 
  • पल्स रेट आराम की स्थिति में सबसे सही मापी जाती है, जैसे कि सुबह जागने के बाद या जब बच्चा आराम कर रहा हो।
  • अगर बच्चा बीमार है, उसे बुखार है या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो नियमित अंतराल पर पल्स रेट चेक करें। 
  • शारीरिक गतिविधि के तुरंत बाद पल्स रेट बढ़ सकती है, इसे सामान्य स्थिति में लौटने के बाद चेक करें।

बच्चे की पल्स कैसे चेक करें:

पल्स रेट चेक करने के कई तरीके हैं-

कलाई पर चेक करें पल्‍स रेट:

  • बच्चे को शांत और आरामदायक स्थिति में बैठाएं या लिटा दें।
  • कलाई के अंदरूनी हिस्से पर अपनी इंडेक्स और मिडल फिंगर रखें।
  • धीरे से दबाव डालें और धड़कन महसूस करें।
  • 15 सेकंड तक धड़कनें गिनें और फिर उसे 4 से गुणा करें। इससे आपको प्रति मिनट धड़कनों की संख्या मिलेगी।

गर्दन पर चेक करें पल्‍स रेट:

  • बच्चे को शांत और आरामदायक स्थिति में बैठाएं या लिटा दें।
  • गर्दन के दोनों तरफ अपनी इंडेक्स और मिडल फिंगर रखें।
  • धीरे से दबाव डालें और धड़कन महसूस करें।
  • 15 सेकंड तक धड़कनें गिनें और फिर उसे 4 से गुणा करें। इससे आपको प्रति मिनट धड़कनों की संख्या मिलेगी।

इलेक्ट्रॉनिक ड‍िवाइस से चेक करें पल्‍स रेट:

  • पल्स ऑक्सीमीटर नाक के ड‍िवाइस को उंगली पर लगाकर बच्‍चे की पल्‍स रेट को चेक कर सकते हैं। 
  • कई स्मार्टवॉच और फिटनेस बैंड पल्स रेट मापने में मदद करता है। 
  • अगर पल्स रेट असामान्य हो या सांस लेने में कठ‍िनाई, चक्‍कर आने जैसे लक्षण द‍िखाई दें, तो डॉक्‍टर से संपर्क करें। 

उम्‍मीद करते हैं क‍ि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें। 

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