Normal Pulse Rate By Age: पल्स रेट धमनियों में होने वाले रक्त प्रवाह यानि ब्लड फ्लो का संकेत होता है। पल्स रेट को हार्ट रेट की माप भी कहा जा सकता है। इसके जरिए हार्ट रेट पता लगाने में भी मदद मिलती है। जब आपके हार्ट से ब्लड को धमनियों के माध्यम से शरीर के अलग-अलग अंगों तक भेजा जाता है, तो ब्लड फ्लो के कारण धमनियां फैलती और सिकुड़ती हैं। धमनियों की इसी क्रिया को पल्स रेट कहते हैं। हर व्यक्ति की पल्स रेट उसकी शारीरिक, मानसिक और स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियों के आधार पर कम या ज्यादा हो सकती है। शरीर, लिंग और उम्र के हिसाब से भी पल्स रेट कम या ज्यादा हो सकती है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं उम्र के हिसाब से पल्स रेट की नॉर्मल रेंज कितनी होती है।
उम्र के हिसाब से नॉर्मल पल्स रेट कितना होना चाहिए?- Normal Pulse Rate By Age in Hindi
पल्स रेट या नाड़ी दर को हार्ट रेट की माप भी कहा जाता है। लखनऊ के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ केके कपूर कहते हैं, "स्वस्थ व्यक्ति की सामान्य पल्स रेट 60 से 100 बीट प्रति मिनट (BPM) होनी चाहिए। 60 से कम या 100 से ज्यादा होने पर यह किसी समस्या का संकेत हो सकता है।" आमतौर पर जब आप आराम कर रहे होते हैं, तो आपकी पल्स रेट 60 बीट प्रति मिनट होती है। 60 से कम पल्स रेट होने को धीमी पल्स रेट ब्रैडीकार्डिया कहा जाता है और 100 से ज्यादा होने को टैचीकार्डिया कहते हैं।
इसे भी पढ़ें: हार्ट रेट व पल्स रेट में क्या अंतर होता है? जानें इसकी नॉर्मल रेंज
एथलीट्स व कुछ विशेष तरह की दवाओं को लेने वाले लोगों की नॉर्मल रेस्टिंग पल्स रेट 60 से कम हो सकती है। इसे आगे विस्तार से बताया गया है। 18 से 30 आयु तक के लोगों का पल्स रेट 80.2 तक रह सकता है। 30 से 50 आयु वर्ग के लोगों का पल्स रेट 75. 3 से 78.5 तक हो सकती है। 50 से 70 आयु वर्ग तक के लोगों का पल्स रेट 73.0 से 73.9 तक हो सकती है।
उम्र के हिसाब से पल्स रेट की नॉर्मल रेंज इस तरह से होनी चाहिए-
21 साल से कम: 56 – 65 BPM
21 से 25 साल : 55 – 65 BPM
26 से 30 साल: 57 – 66 BPM
31 से 35 साल: 58 – 67 BPM
36 से 40 साल: 57 – 67 BPM
41 से 45 साल: 56 – 65 BPM
46 से 50 साल: 56 – 65 BPM
51 से 55 साल: 56 – 65 BPM
56 से 60 साल: 56 – 65 BPM
61 से 65 साल: या उससे अधिक: 56 – 65 BPM
पल्स रेट और हार्ट रेट दो अलग-अलग पैरामीटर हैं। पल्स रेट भी सामान्य से कम या ज्यादा गंभीर खतरे का संकेत हो सकता है। अक्सर लोग हार्ट रेट और पल्स रेट को एक ही समझ बैठते हैं, जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। हार्ट रेट सीने में धड़कते दिल से महसूस किया जा सकता है और प्लस रेट चेक करने के लिए आपको हाथों की कलाई पर नसों की धड़कन चेक करनी होती है।
(Image Courtesy: Freepik.com)