Doctor Verified

हार्ट रेट व पल्स रेट में क्या अंतर होता है? जानें इसकी नॉर्मल रेंज

Difference Between Heart Rate And Pulse Rate: हार्ट रेट और पल्स रेट दो अलग-अलग चीजें होती हैं, जानें इसकी नॉर्मल रेंज।
  • SHARE
  • FOLLOW
हार्ट रेट व पल्स रेट में क्या अंतर होता है? जानें इसकी नॉर्मल रेंज


Difference Between Heart Rate And Pulse Rate: शरीर को हेल्दी रखने और सही ढंग से कामकाज करने के लिए हार्ट का हेल्दी होना बहुत जरूरी है। हार्ट के हेल्दी रहने के लिए हार्ट रेट का ठीक होना बहुत जरूरी है। हार्ट रेट या हार्ट बीट सामान्य से ज्यादा या कम होने पर गंभीर परेशानी हो सकती है। इसकी वजह से व्यक्ति की जान भी जा सकती है। हार्ट रेट और पल्स रेट दो अलग-अलग चीजें होती हैं। पल्स रेट भी सामान्य से कम या ज्यादा गंभीर खतरे का संकेत हो सकता है। अक्सर लोग हार्ट रेट और पल्स रेट को एक ही समझ बैठते हैं, जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। हार्ट रेट सीने में धड़कते दिल से महसूस किया जा सकता है और प्लस रेट चेक करने के लिए आपको हाथों की कलाई पर नसों की धड़कन चेक करनी होती है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं हार्ट रेट और पल्स रेट में अंतर और इसकी नॉर्मल रेंज।

हार्ट रेट व पल्स रेट में क्या अंतर होता है?- Difference Between Heart Rate And Pulse Rate in Hindi

हार्ट रेट क्या है?- What is Heart Rate in Hindi

दिल की धड़कन या हार्ट रेट 1 मिनट में हार्ट या हृदय में होने वाली धड़कन को कहा जाता है। हार्ट रेट कम या ज्यादा होने के पीछे शारीरिक और मानसिक कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। आराम की स्थिति में हार्ट रेट अपने आप कम हो जाती है और काम करते समय या डर आदि जैसे भाव में हार्ट रेट बढ़ जाती है। हार्ट रेट एक तरह से हार्ट के स्वास्थ्य का संकेत भी होता है। दिल की धड़कन या हार्ट रेट कम या ज्यादा होना हार्ट से जुड़ी समस्याओं का संकेत हो सकता है।

Difference Between Heart Rate And Pulse Rate

इसे भी पढ़ें: घर पर हार्ट रेट कैसे चेक करें? डॉक्टर से जानें खुद से दिल की धड़कन चेक करने का सही तरीका

पल्स रेट क्या है?- What is Pulse Rate in Hindi

पल्स रेट धमनियों में होने वाले रक्त प्रवाह यानि ब्लड फ्लो का संकेत होता है। पल्स रेट को हार्ट रेट की माप भी कहा जा सकता है। इसके जरिए हार्ट रेट पता लगाने में भी मदद मिलती है। जब आपके हार्ट से ब्लड को धमनियों के माध्यम से शरीर के अलग-अलग अंगों तक भेजा जाता है, तो ब्लड फ्लो के कारण धमनियां फैलती और सिकुड़ती हैं। धमनियों की इसी क्रिया को पल्स रेट कहते हैं। शारीरिक स्थिति, इंजरी और स्थिति के हिसाब से हर व्यक्ति की पल्स रेट कम या ज्यादा होती रहती है।

हार्ट रेट और पल्स रेट की नॉर्मल रेंज- Normal Range of Heart Rate And Pulse Rate in Hindi

हार्ट रेट और प्लस रेट की नॉर्मल रेंज 60 से 100 BPM (बीट प्रति मिनट) होती है। आमतौर पर महिलाओं का हार्ट रेट पुरुषों से ज्यादा रहता है। इसके अलावा पल्स रेट भी 60 से 100 BPM ही होता है। शारीरिक स्थिति, स्वास्थ्य और मानसिक स्थितियों के कारण इसकी रेंज कम या ज्यादा हो सकती है। 

इसे भी पढ़ें: बच्चों से बुजुर्गों तक, किस उम्र में कितना होना चाहिए सामान्य हार्ट रेट? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

एथलीट्स व कुछ विशेष तरह की दवाओं को लेने वाले लोगों की नॉर्मल रेस्टिंग हार्ट रेट 60 से कम हो सकती है। इसे आगे विस्तार से बताया गया है। 18 से 30 आयु तक के लोगों का हार्ट रेट 80.2 तक रह सकता है। 30 से  50 आयु वर्ग के लोगों का हार्ट रेट 75. 3 से 78.5 तक हो सकती है। 50 से 70 आयु वर्ग तक के लोगों का हार्ट रेट 73.0 से 73.9 तक हो सकती है।

नोट- यह लेख लखनऊ के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ केके कपूर से मिले इनपुट्स पर आधारित है।

(Image Courtesy: Freepik.com)

Read Next

हृदय रोगों से बचने के लिए के लिए जरूरी है हेल्दी लाइफस्टाइल, डॉक्टर से जानें कैसी हो आपकी जीवनशैली

Disclaimer