
शरीर में अन्य अंगों की तरह ही हार्ट का स्वस्थ होना बेहद आवश्यक होता है। हार्ट स्वस्थ होने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही तरह से होता है। एक मिनट में हार्ट जितनी बार धड़कता है, उसको हार्ट रेट या हार्ट बीट के रूप में जाना जाता है। व्यक्ति की शारीरिक गतिविधियों के आधार पर यह हार्ट रेट अधिक या कम हो सकती है। कुछ लोगों की हार्ट रेट अधिक, तो कुछ की कम होती है। ये दोनों ही स्थितियां खराब होती है। इन स्थितियों में आपको कई तरह के रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। हार्ट रेट अधिक होने पर लोगों को सीने में दर्द व सांस लेने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है। बच्चों व वयस्कों का सामान्य हार्ट रेट होना बेहद आवश्यक है। इस विषय पर मैक्स अस्पताल पटपड़गंज के कॉर्डियक साइंस विभाग के निदेशक डॉक्टर परनीश अरोड़ा ने बताया कि बच्चों और वयस्क का नॉर्मल रेस्टिंग हार्ट रेट कितना होना चाहिए।
वयस्कों का सामान्य हार्ट रेट कितना होना चाहिए? What is Normal Resting Heart Rate In Adults In Hindi
अमेरिकन हार्ट एसोसिशन के अनुसार हार्ट रेट की सामान्य दर 60 से 100 बीपीएम के बीच हो सकती है। जबकि, कुछ लोगों के नॉर्मल रेस्टिंग हार्ट रेट 60 से भी कम हो सकती है। इसे भी समान्य की श्रेणी में रखा जा सकता है। एथिलट व कुछ विशेष तरह की दवाओं को लेने से नॉर्मल रेस्टिंग हार्ट रेट 60 से कम हो सकती है। इसे आगे विस्तार से बताया गया है। 18 से 30 आयु तक के लोगों का हार्ट रेट 80.2 तक रह सकता है। 30 से 50 आयु वर्ग के लोगों का हार्ट रेट 75. 3 से 78.5 तक हो सकती है। 50 से 70 आयु वर्ग तक के लोगों का हार्ट रेट 73.0 से 73.9 तक हो सकती है।
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बच्चों का नॉर्मल रेस्टिंग हार्ट रेट कितना होना चाहिए? What is Normal Resting Heart Rate In Child In Hindi
डॉक्टर के अनुसार बच्चों की नॉर्मल रेस्टिंग हार्ट रेट सोते समय और जागते समय अलग-अलग हो सकता है। जन्म के बाद 3 माह के बच्चों की हार्ट रेट सोते समय 80 से 160 बीपीएम, जबकि जागते समय 85 से 205 बीपीएम तक हो सकता है। 3 माह से 2 साल के बच्चे की जागते समय नार्मल रेस्टिंग हार्ट रेट 100 से 190 बीपीएम व सोते समय 75 से 160 बीपीएम तक हो सकता है। 2 से 10 साल के बच्चे का हार्ट रेट जागते समय 60 से 140 व सोते समय 60 से 190 तक हो सकता है। 10 साल से अधिक आयु के बच्चो का नॉर्मल रेस्टिंग हार्ट रेट जागते समय 60 से 100 बीपीएम व सोते समय 50 से 90 बीपीएम तक रह सकता है।
हार्ट रेट बढ़ने के कई कारक हो सकते हैं? What Factors Increase Heart Rate In Hindi
हार्ट रेट अधिक होने की स्थिति को टैकिकार्डिया (Tachycardia) कहते हैं। इसके निम्न कारक हो सकते हैं।
- एनीमिया,
- जन्म से हृदय रोग,
- हृदय रोग, जो रक्त प्रवाह को प्रभावित करता हो,
- दिल पर चोट, जैसे - दिल का दौरा पड़ना,
- हृदय गति अनियंत्रित होना, आदि।
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हार्ट में अधिक या कम होने पर व्यक्ति को क्या समस्या हो सकती है?
- सीने में जकड़न या दर्द,
- हार्ट स्ट्रोक का खतरा होना,
- सांस लेने में कठिनाई,
- बेहोशी,
- चक्कर आना, आदि।
हृदय से जुड़ी किसी भी समस्या को आप अनदेखी न करें। इससे आपको कई अन्य तरह की समस्याएं हो सकती है।