What Causes Food Cravings In Early Pregnancy In Hindi: प्रेग्नेंसी की शुरुआत होते ही महिलाओं के शरीर में तरह-तरह के बदलाव होने लगते हैं जैसे महिलाओं को उल्टी, मॉर्निंग सिकनेस, थकान, ब्रेस्ट में बदलाव आदि। ये सभी बदलाव हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण होते हैं। वैसे भी इन दिनों महिला के शरीर में एक भ्रूण विकास कर रहा होता है, तो ऐसे में शारीरिक बदलाव होना लाजिमी है। बहरहाल, आपने देखा होगा कि प्रेग्नेंसी की शुरुआती दिनों में कुछ महिलाओं को खाने की स्मेल आते ही उल्टी हो जाती है। वे कुछ भी विशेष खा नहीं पाती हैं। इसके उलट, ऐसी महिलाओं की भी संख्या कम नहीं है जिन्हें खाने की क्रेविंग काफी ज्यादा होने लगती है। उन्हें तरह-तरह के पकवान खाने का मन करता है। सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? किन कारणों से प्रेग्नेंसी की शुरुआती दिनों में फूड क्रेविंग बढ़ने लगती है। आइए, जानते हैं वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से।
प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में क्यों बढ़ जाती है फूड क्रेविंग?- Causes Of Food Cravings During Pregnancy In Hindi
प्रेग्नेंसी की शुरुआती दिनों में कई महिलाओं की फूड क्रेविंग बढ़ने लगती है। ऐसा होना नॉर्मल है। इसके पीछे कई तरह के कारण हो सकते हैं, जैसे हार्मोनल बदलाव। वहीं, इन दिनों महिलाओं के शरीर में कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत अधिक मात्रा में होती है। जब शरीर में किसी तत्व की कमी होने लगती है, तब भी अक्सर बॉडी को फूड की क्रेविंग होने लगी है। फूड क्रेविंग का अन्य कारण है कि साइकोलॉजिकल फैक्टर। असल में, इन दिनों महिलाओं को बार-बार मूड स्विंग होता है। ऐसी कंडीशन में महिलाएं अपने इमोशन को कंट्रोल करने के लिए कुछ खाने की इंपॉर्टेंस देती है। वहीं, अगर प्रेग्नेंसी की शुरुआती दिनों में महिलाएं किसी चीज के खाने के बारे सोचती हैं, किसी को स्वादिष्ट भोजन करते हुए देखती है, तब भी उनमें खाने की चाह बढ़ जाती है।
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क्या प्रेग्नेंसी की शुरुआत में फूड क्रेविंग को रोकना जरूरी है?- When To Stop Food Cravings During Pregnancy In Hindi
फूड क्रेविंग होना कोई बुरी बात नहीं है। वैसे भी इन दिनां महिला को अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। महिला जिस भी तरह के आहार का सेवन करती है, उसका आहार भ्रूण के विकास पर पड़ता है। इसलिए, जरूरी है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं हेल्दी चीजें खाएं। लेकिन, अगर फूड क्रेविंग होने पर महिलाएं अनहेल्दी चीजों का सेवन अधिक मात्रा में करती है, तो यह उनकी हेल्थ के लिए सही नहीं है। इसका निगेटिव असर बच्चे के विकास पर भी पड़ता है। इसलिए, अगर स्ट्रीट फूड, जंक फूड आदि खाने की क्रेविंग बढ़ रही है, तो उसे सीमित करें। सप्ताह में एक बार ही जंक फूड का सेवन कर सकते हैं। अगर प्रेग्नेंसी से जुड़ी किसी तरह की जटिलताएं हो रही हैं, तो बेहतर होगा कि आप अनहेल्दी डाइट बिल्कुल फॉलो न करें। आपको प्रेग्नेंसी की शुरुआती दिनों में क्या खाना है और क्या नहीं, इस बारे में डॉक्टर से बात कर लें।
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प्रेग्नेंसी की शुरुआती दिनों में फूड क्रेविंग बढ़ने पर कब जाएं डॉक्टर के पास
फूड क्रेविंग का मतलब है कि कोई चीज खाने की चाह होना। लेकिन, अगर प्रेग्नेंसी की शुरुआती दिनों में आपको मिट्टी, डिटर्जेंट, क्ले, पेंट आदि खाने की मन करे, तो इस संबंध में आपको डॉक्टर को जरूर बताना चाहिए। ध्यान रखें कि यह स्थिति नहीं है। इस तरह की चीजें खाने की क्रेविंग होने का मतलब है कि आपमें किसी न किसी तरह की न्यूट्रिशन की कमी है। ध्यान रखें कि क्ले, मिट्टी, सर्फ आदि चीजें खाने से गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं।