Salt Craving In Pregnancy In Hindi: प्रेग्नेंसी में किसी भी तरह की खाने की क्रेविंग को पूरी तरह नॉर्मल माना जाता है। विशेषज्ञों की मानें, तो प्रेग्नेंसी में क्रेविंग का मुख्य कारण हार्मोनल बदलाव होता है। हालांकि, समय के साथ कुछ महिलाओं में क्रेविंग कम हो जाती है। हां, कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी की आखिरी तिमाही में क्रेविंग बनी रहती है। मगर, यह शिशु को किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाता है और न ही इसका नेगेटिव असर महिला के हेल्थ पर पड़ता है। लेकिन, इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि कई बार क्रेविंग सिर्फ हार्मोनल बदलाव का ही नतीजा नहीं होता है। कभी-कभी फूड क्रेविंग किसी समस्या या शरीर में पोषक तत्वों की कमी की ओर इशारा करता है। जैसे इस लेख में अभी हम जानेंगे कि प्रेग्नेंसी में नमक खाने की क्रेविंग क्यों होती है? यह किस स्वास्थ्य समस्या की ओर इशारा करता है। इसकी सच्चाई जानने के लिए हमने Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से विस्तार से बातचीत की।
प्रेग्नेंसी में नमक की क्रेविंग क्यों होती है?- What Causes Salt Craving During Pregnancy In Hindi
ब्लड वॉल्यूम के बढ़ने के कारण
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर अधिक मात्रा में ब्लड प्रोड्यूस करता है। ऐसा गभ्र में पल रहे भ्रूण के विकास के लिए जरूरी है। शरीर में ब्लड की कमी होने के कारण एनीमिया जैसी दिक्कतें आ सकती हैं। बहरहाल, शरीर नेचुरल तरीके से अधिक रक्त का उत्पादन करता है। जब शरीर में अधिक ब्लड प्रोड्यूस होता है, तो इसकी वजह से बॉडी को अधिक मात्रा में सोडियम की जरूरत होती है, ताकि फ्लूइड को बैलेंस किया जा सके। ऐसे में महिला को सॉल्ट की क्रेविंग बढ़ जाती है। यह प्रेग्नेंसी में सॉल्ट क्रेविंग का एक कारण है।
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इलेक्ट्रोलाइट को बैलेंस
सोडियम एक जरूरी इलेक्ट्रोलाइट है। गर्भावस्था के दौरान कभी-कभी शरीर में इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस हो सकता है। ऐसे में महिला को नमक की चीजें और नमकीन खाने की क्रेविंग बढ़ सकती है। असल में, यह शरीर को एक संकेत है कि इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस हो रहा है और इसे बैलेंस करने की जरूरत है।
हार्मोनल बदलाव
इसका जिक्र हमने पहले भी किया है कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। यह बदलाव भी महिलाओं की फूड क्रेविंग बढ़ा देती है। इसमें भी कभी मीठा खाने की चाह बढती है, तो कभी नमकीन खाने की। असल में, प्रेग्नेंसी के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इसी की वजह से महिलाओं के टेस्ट बड्स बदलते रहते हैं और समय-समय पर उन्हें अलग-अलग चीजें खाने का मन करता है।
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पोषक तत्वों की जरूरत
प्रेग्नेंसी के दौरान अगर आपको बहुत ज्यादा नमक खाने की की चाह हो रही है, तो इसका कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी को भी माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार जब शरीर में आयरन की कमी होने लगती है, तो प्रेग्नेंट महिला में नमकीन खाने की चाह बढ़ जाती है। हालांकि, ऐसा हर बार हो, यह जरूरी नहीं है। अगर आपके शरीर में आयरन या इसी तरह के अन्य पोषक तत्वों की कमी हो रही है, तो इस बारे में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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डॉक्टर की राय
प्रेग्नेंसी की पूरी जर्नी में आपको क्या चीज कितनी मात्रा में खाना चाहिए, इस बारे में डॉक्टर से ही सटीक जानकारी लें। अगर आपको सोडियम की कमी को पूरा करने के लिए नमकीन चीजों को अपनी डाइट में शामिल कर रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें सीमित मात्रा में ही नमक का सेवन करें। अगर हाई बीपी की दिक्कत है, तो नमक का सेवन करने से बचें। आप नमकीन चीजों के लिए हेल्दी विकल्प को चुनें। जैसे नट्स, घर में बना हुआ पॉपकॉर्न और लो सोडियम कंटेंट युक्त आहार लें।
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FAQ
नमक खाने की इच्छा क्यों होती है?
प्रेग्नेंसी में नमक खाने की क्रेविंग हार्मोनल बदलाव के कारा होती है। लेकिन, अगर सामान्य और स्वस्थ व्यक्ति को नमक खाने की क्रेविंग हो, तो उन्हें सचेत रहना चाहिए। ऐसा किसी मेडिल कंडीशन, डाइट्री इंबैलेंस और लाइफस्टाइल में किए गए बदलावों की वजह से हो सकता है।प्रेग्नेंसी में नमक खाने से क्या होता है?
प्रेग्नेंसी में सीमित मात्रा में नमक खाने से कुछ नहीं होता है। हां, अगर आप इसे अतिरिक्त मात्रा में खाते हैं, तो इसकी वजह से हाइपरटेंशन हो सकता है, स्ट्रोक का रिस्क बढ़ सकता है और दिल से संबंधित बीमारियों का रिस्क भी बढ़ जाता है।प्रेग्नेंसी क्रेविंग इतनी तीव्र क्यों होती है?
प्रेग्नेंसी में फूड क्रेविंग होना पूरी तरह से नॉर्मल है। इसका मुख्य कारण हार्मोनल बदलाव जैसे एस्ट्रोजन ओर प्रोजेस्टेरोन में फ्लक्चुएशन होता है। प्रेग्नेंसी में फूड क्रेविंग के अलावा, गंध और स्वाद के प्रति भी अधिक सेंसिटिव हो जाती हैं।
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