Why Do Pregnant Women Crave Sugar In Hindi: आपने अक्सर सुना होगा कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को तरह-तरह की चीजें खाने का मन करता है। कभी उन्हें खट्टा पसंद आता है, तो कभी उन्हें मीठा पसंद आता है। कभी जी करता है कि बहुत सारी चटपटी चीजें खा ली जाएं, तो कभी लगता है कि कुछ भी न खाया जाए। हालांकि, धीरे-धीरे क्रेविंग कम हो जाती है। मगर यहां यह सवाल जरूर उठता है कि क्या इस तरह की क्रविंग होना सामान्य होता है। खासकर, प्रेग्नेंसी में मीठा महिलाओं को बहुत ज्यादा पसंद आता है। तो क्या इसे नॉर्मल माना जा सकता है या यह किसी स्वास्थ्य समस्या की ओर इशारा करता है। आइए, इस बारे में हम Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं।
क्या प्रेग्नेंसी में मीठा खाने की क्रेविंग नॉर्मल होती है?- Is It Normal To Crave Sugar During Pregnancy In Hindi
प्रेग्नेंसी में मीठा खाने की क्रेविंग कई महिलाओं को होती है। मीठा यानी चॉकलेट, मिठाई, आईस्क्रीम आदि। इन्हें पूरी तरह से नॉर्मल माना जाता है। इस बारे में डॉक्टर क्लियर करते हैं, "प्रेग्नेंसी में मीठा खाने की क्रेविंग पूरी तरह से सामान्य होती है। ऐसा होने का मुख्य कारण हार्मोनल बदलाव होता है। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी के दिनों में महिलाओं को अधिक कैलोरी जरूरत होती है, क्योंकि गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए यह आवश्यक होता है। यह भी मीठा खाने की क्रेविंग को बढ़ा सकता है।" डॉक्टर अपनी बात खत्म करते हुए एक जरूरी सलाह देते हैं, "मीठा खाने की चाह होने में कोई बुराई नहीं है। यह इस बात की ओर इशारा करता है कि शिशु का विकास सही तरह से हो रहा है और महिला का स्वास्थ्य भी सही है। लेकिन, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि प्रेग्नेंसी में भी मीठा सीमित मात्रा में ही खाया जाना चाहिए। अतिरिक्त मात्रा में मीठा खाना हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है और शिशु के विकास को भी बाधित कर सकता है।"
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प्रेग्नेंसी में मीठा खाने की क्रेविंग क्यों होती है?
हार्मोनल बदलावः प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में बहुत ज्यादा हार्मोनल बदलाव होते हैं। कभी-कभी इसका शरीर पर नेगेटिव असर भी पड़ता है और महिला को मूड स्विंग और चिड़चिड़ेपन से जूझना पड़ता है। बहरहाल, हार्मोनल बदलाव के कारण ही महिलाओं में मीठा खाने की क्रेविंग भी बढ़ जाती है। आपको बता दें कि प्रेग्नेंसी की पूरी जर्नी में महिला की खाने के प्रति क्रेविंग बदलती रहती है। मीठे के अलावा खट्टा या चटपटा खाने का मन भी कर सकता है।
कैलोरी की जरूरतः प्रेग्नेंसी के दिनां में महिलाओं में कैलोरी की जरूरत ज्यादा होती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर महिलाओं में मीठा खाने की क्रेविंग बढ़ रही है, तो इसका एक कारण बॉडी में कैलोरी की कमी हो सकती है। कहने का मतलब है कि शरीर आपको यह संकेत दे रहा है कि कैलोरी इनटेक बढ़ाने की जरूरत है।
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एक्सपर्ट की सलाह
प्रेग्नेंसी में मीठे खाने की चाह होना अच्छी बात है। लेकिन सिर्फ मीठा खाना बिल्कुल सही नहीं होता है। आपको चाहिए कि मीठा खाने के साथ-साथ डाइट को बैलेंस्ड रखें। अपने खाने की प्लेट को तरह-तरह के पोषक तत्वों से भरपूर बनाए रखें। इसमें कैलोरी, फैट, कार्ब्स, फाइबर, आदि सब चीजें होनी चाहिए। इसके अलावा, इस बात का ध्यान रखें कि अगर आप ज्यादा मात्रा में मीठा खा बैठते हैं, तो इसकी वजह से जेस्टेशनल डायबिटीज का रिस्क रहता है। जेस्टेशनल डायबिटीज एक तरह की मेडिकल कंडीशन है, जो महिलाओं के ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा देता है।
FAQ
प्रेग्नेंसी में कौन सा महीना नाजुक होता है?
वैसे तो प्रेग्नेंसी का हर महीना नाजुक होता है। लेकिन पहली तिमाही और आखिरी तिमाही को ज्यादा क्रिटिकल माना जाता है। पहली तिमाही में भ्रूण विकसित हो रहा होता है। इस दौरान गर्भपात का जोखिम बहुत ज्यादा होता है। इसी तरह, तीसरी तिमाही में भ्रूण शिशु का रूप ले चुका है। इस दौरान जरा भी लापरवाही करने से शिशु के विकास पर बुरा असर पड़ सकता है।गर्भवती महिलाओं को ज्यादा भूख कब लगती है?
गर्भवतीम महिलाओं को पहली तिमाही में बहुत ज्यादा भूख लगती है। इन दिनों उन्हें प्रतिदिन लगभग 300 से 350 ज्यादा कैलोरी की जरूरत होती है। जबकि आखिरी तिमाही तक आते-आते यह जरूरत और बढ़ जाती है।प्रेग्नेंसी में ज्यादा लेटे रहने से क्या होता है?
प्रेग्नेंसी में ज्यादा लेटे नहीं रहना चाहिए। इससे पीठ में दर्द, सूजन आदि समस्याएं हो सकती हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन भी बाधित हो सकता है।