प्रेगनेंसी में क्‍यों होती है 'फूड क्रेविंग', जानिए इसके होने के नुकसान क्‍या हैं और बचाव कैसे करें

 कौन कौन से ऐसे फूड हैं जिन के लिए प्रेग्नेंट महिला को क्रेविंग्स होती हैं? लेकिन सबसे पहले जानते हैं कि फूड क्रेविंग्स का अर्थ क्या है?
  • SHARE
  • FOLLOW
प्रेगनेंसी में क्‍यों होती है 'फूड क्रेविंग', जानिए इसके होने के नुकसान क्‍या हैं और बचाव कैसे करें


देखा गया है कि अधिकांश गर्भवती महिलाओं में क्रेविंग होती है यानी थोड़े-थोड़े अंतराल पर खाने की इच्छा। यही नहीं, वे कभी कभी वो सब चीजें भी खाना पसंद करती हैं जो शायद उन्हें कभी नापसंद रही हों। गर्भवती महिला को इस समय क्रेविंग होना एक बहुत साधारण सी और सामान्य सी बात है। लेकिन आप सोच रही होंगी कि क्रेविंग का क्या कारण है और किस किस चीज के लिए क्रेविंग होती है? आज हम इसी विषय के पर बात करेंगे मगर उस से पहले जान लेते हैं कि फूड क्रेविंग्स आखिर है क्या?

क्या हैं प्रेग्नेंसी क्रेविंग्स (What is Pregnancy Cravings)

diet

जब आप 12 हफ्ते की प्रेग्नेंट होती हैं तो कभी अचानक से कुछ चटपटा या तला भुना कभी-कभी तो बहुत मसालेदार जैसे, नाचोज , मोमोज ,समोसा, पानी पूरी खाने का मन करता है। लेकिन जैसे ही आप अपनी पसंद का फूड  लेके आती हैं तो आप को कुछ खट्टा या मीठा जैसे , कोई खास मिठाई या आइसक्रीम या फिर फल जैसे कि स्ट्राबेरीज खाने का मन करने लगता है। प्रेग्नेंसी क्रेविंग्स हर समय बदलती रहती हैं। आज हम जानेंगे कि प्रेग्नेंसी में क्रेविंग्स क्यों होती हैं? क्या इन की कोई खास वजह  है या फिर यह स्वाभाविक होती हैं? 

क्यों होती हैं प्रेग्नेंसी क्रेविंग्स (Why is Pregnanacy cravings)

रिसर्च के मुताबिक प्रेग्नेंसी के दौरान अलग अलग तरह का खाना खाना जो कि शायद आप ने पहले कभी न खाया हो एक आम बात है। लगभग 50 से 90 प्रतिशत महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान भिन्न भिन्न प्रकार के खाने को टेस्ट करने की जिज्ञासा उठती है। डाॅक्टर इस का सटीक कारण नहीं ढूंढ पाएं हैं ,परंतु तेजी से हारमोन्स का बदलना इस का एक कारण हो सकता है। जब आप का शरीर जल्दी खून बनाने के लिए अधिक काम करता है तो भी क्रेविंग्स का होना आम है। या फिर जब शरीर में कोई बदलाव आता है तो हमारा शरीर कुछ अनोखा खाने को मांगता है। 

इसे भी पढ़ें: प्रेगनेंसी के दौरान ब्रेस्‍ट की देखभाल करने के हैं ये 5 तरीके, जरूर जानें

कब शुरू होती हैं प्रेग्नेंसी क्रेविंग्स (When It starts)

ज्यादा तर महिलाओं में फूड क्रेविंग्स पहले तीन महीनों में शुरू होने लगती है। उस के बाद के तीन महीनों में सब से ज्यादा क्रेविंग्स होती हैं।  बाद के तीन महीनों में क्रेविंग्स बिलकुल कम होने लगती है। डाक्टरों का कहना है कि कुछ प्रकार के भोजन के लिए तो डिलीवरी के बाद भी क्रेविंग्स होना जारी रहता हैं। कुछ महिलाओं की क्रेविंग्स तो हर दिन बदलती रहती हैं। उन्हें आज कुछ और तो कल कुछ और खाने को चाहिए। ज्यादा तर महिलाओं को मीठा जैसे आइसक्रीम, डेरी प्रोडक्ट जैसे चीज़, सोर क्रीम, फ्रूट, वेजीटेबल व फास्ट फूड जैसे पिज्जा या कुछ तरह की खट्टी चीजों की क्रेविंग्स होती हैं।

इसे भी पढ़ें: क्या प्रेग्नेंसी के दौरान च्यवनप्राश खाया जा सकता है? क्या गर्भावस्था में च्यवनप्राश खाने के नुकसान होते हैं?

क्या डाक्टर का परामर्श लेना चाहिए? (Should a Pregnant Seek Doctor’s Advice)

वैसे तो प्रेग्नेंसी के दौरान क्रेविंग्स होना बहुत ही आम है। परंतु कुछ क्रेविंग्स खतरनाक भी हो सकती हैं। यदि आप को कुछ ऐसा खाने की इच्छा होती है जो कि खाने योग्य पदार्थ नहीं है जैसे मिट्टी, साबुन आदि तो यह एक खतरनाक क्रेविंग हो सकती है। आप को इस बारे में अपने डाक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। यदि आप को शराब या ड्रग्स लेने का मन है तो भी अपने डाक्टर से अवश्य पूछें। यह बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है। 

Monika Agarwal

Read More Articles On Women Health In Hindi

Read Next

कोरोना के इस दौर में कॉम्प्लिकेटेड हो सकती है आपकी प्रेग्नेंसी, अपनाएं इम्यूनिटी बूस्टर माइक्रो न्यूट्रिएंट्स

Disclaimer