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क्या ओवरड्यू प्रेग्नेंसी में सी-सेक्‍शन ड‍िलीवरी जरूरी होती है? जानें इससे जुड़ी 5 बातें

Overdue Pregnancy: जब ड्यू डेट के बाद भी डिलीवरी न हो, तो उसे ओवरड्यू प्रेग्नेंसी कहते हैं। इसमें मां और बच्चे की सेहत पर नजर रखना जरूरी होता है।
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क्या ओवरड्यू प्रेग्नेंसी में सी-सेक्‍शन ड‍िलीवरी जरूरी होती है? जानें इससे जुड़ी 5 बातें


लखनऊ की रहने वाली रंजना गौड़, की डि‍लीवरी डेट 8 जुलाई की थी, लेक‍िन उनका बीपी हाई होने के कारण, डॉक्‍टर्स ने ड‍िलीवरी की तारीख आगे बढ़ा दी। 2 हफ्ते बाद, जब डि‍लीवरी की तारीख आई, तो डॉक्‍टर ने बताया क‍ि सी-सेक्‍शन यानी ऑपरेशन के ल‍िए डि‍लीवरी होगी।

प्रेग्नेंसी का समय, ज्‍यादातर केस में 37 से 40 हफ्तों तक का होता है। लेकिन कई बार कुछ महिलाओं की डिलीवरी 40 हफ्तों के बाद भी नहीं होती, जिसे ‘ओवरड्यू प्रेग्नेंसी’ या ‘पोस्ट-टर्म प्रेग्नेंसी’ कहा जाता है। ऐसे मामलों में अक्सर महिलाओं के मन में यह सवाल उठता है कि क्या अब सी-सेक्शन (C-Section) के जर‍िए डिलीवरी की जरूरत पड़ेगी? डॉक्टर्स कई बार प्रेग्नेंसी की बढ़ती अवधि को देखते हुए ऑपरेशन की सलाह देते हैं, ताकि मां और बच्चे दोनों की सेहत को कोई खतरा न हो। हालांकि, यह स्थिति हर महिला के लिए अलग होती है और इसका फैसला, डॉक्‍टर की सलाह पर न‍िर्भर करता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि ओवरड्यू प्रेग्नेंसी में सी-सेक्शन क्यों जरूरी हो सकता है, किन परिस्थितियों में नॉर्मल डिलीवरी संभव है, क्या इसके रिस्क होते हैं और गर्भवती महिलाओं को इस बारे में क्‍या जानना चाह‍िए। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्‍प‍िटल की वर‍िष्‍ठ गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।

ओवरड्यू प्रेग्नेंसी क्या है?- What is Overdue Pregnancy

जब प्रेग्नेंसी, 40 हफ्तों से ज्‍यादा हो जाए और ड‍िलीवरी न हो, तो उसे ओवरड्यू प्रेग्नेंसी (Overdue Pregnancy) कहते हैं। 9 में से 1 गर्भवती महि‍ला के केस में ओवरड्यू प्रेग्नेंसी की स्‍थि‍त‍ि बनती है।

1. क्या हर ओवरड्यू प्रेग्नेंसी में सी-सेक्शन की नौबत आती है?- Is C-Section Always Necessary in Overdue Pregnancy Case

नहीं, हर ओवरड्यू प्रेग्नेंसी में सी-सेक्शन जरूरत नहीं होती। अगर मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं, तो डॉक्टर कुछ दिनों तक और इंतजार करके नॉर्मल डिलीवरी की कोशिश कर सकते हैं। लेकिन अगर भ्रूण से जुड़ी समस्‍या (Fetal Distress) है, प्लेसेंटा में समस्या है या गर्भवती मह‍िला को हाई ब्लड प्रेशर जैसी दिक्कतें हो रही हों, तो सी-सेक्शन किया जा सकता है।

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2. ओवरड्यू प्रेग्नेंसी में सी-सेक्शन कब होता है?- When C-Section is Done in Overdue Pregnancy

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  • अगर बच्चे की हार्टबीट धीमी या अनियमित हो रही हो, या गर्भ में ऑक्सीजन की कमी दिखे, तो तुरंत सी-सेक्शन ड‍िलीवरी की जा सकती है। 
  • ओवरड्यू प्रेग्नेंसी के दौरान एम्नियोटिक फ्लूइड घट सकता है, जिससे बच्चे को खतरा हो सकता है। ऐसे में सी-सेक्शन जरूरी हो सकता है।
  • अगर 41-42 हफ्तों के बाद भी प्राकृतिक रूप से लेबर शुरू नहीं होता, तो डॉक्टर सी-सेक्शन करने का फैसला ले सकते हैं।
  • अगर अल्ट्रासाउंड में दिखे कि नाल बच्चे की गर्दन में लिपटी है और डिलीवरी रिस्की हो सकती है, तो डॉक्‍टर सी-सेक्शन करवाने की सलाह देते हैं।
  • ओवरड्यू प्रेग्नेंसी में प्लेसेंटा अपना काम ठीक से नहीं कर पाता जिससे बच्चे को पोषण और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता, ऐसी स्थिति में सी-सेक्शन किया जाता है।

3. ओवरड्यू प्रेग्नेंसी में ड‍िलीवरी नॉर्मल या सी-सेक्‍शन: कैसे तय करते हैं डॉक्‍टर?

  • भ्रूण की स्थिति और हार्टबीट को र‍िपोर्ट में देखकर।
  • मां की मेडिकल हिस्ट्री जैसे शुगर, हाई बीपी की स्‍थ‍िति‍ चेक करके।
  • अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में एमनियोटिक फ्लुइड की मात्रा देखकर।
  • बच्चा एक्टिव है या नहीं, यह भी चेक क‍िया जाता है।
  • नॉर्मल डिलीवरी का इतिहास है या पहली बार प्रेग्नेंसी है, इस बात पर गौर क‍िया जाता है।

4. प्रेग्नेंसी में ड्यू डेट निकल जाए तो क्या करें?- What To Do if Due Date Passes in Pregnancy

  • संतुलित डाइट और हल्की फिजिकल एक्टिविटी बनाए रखें।
  • अगर शरीर में कहीं भी दर्द, ब्‍लीड‍िंग या कोई अन्‍य समस्‍या हो, तो तुरंत डॉक्‍टर से सलाह लें।
  • समय-समय पर अपने डॉक्‍टर से चेकअप करवाएं।
  • भ्रूण के मूवमेंट पर व‍िशेष ध्‍यान दें, क‍िसी भी असामान्‍य मूवमेंट पर गौर करें।

5. ड्यू डेट के कितने दिन बाद डिलीवरी हो सकती है?- How Many Days After Due Date Can Delivery Happen

ड्यू डेट के बाद सामान्य रूप से 7 से 10 दिनों तक डिलीवरी हो सकती है। इसे पोस्ट टर्म प्रेग्नेंसी कहा जाता है, और ये स्थिति तब मानी जाती है जब प्रेग्नेंसी 42 हफ्तों से ज्‍यादा हो जाए। डॉक्टर आमतौर पर 41वें हफ्ते तक इंतजार करते हैं। अगर 41 हफ्तों के बाद भी लेबर शुरू नहीं होता, तो अक्सर इंडक्शन (Labour Induce) या सी-सेक्शन ड‍िलीवरी की जाती है।

ओवरड्यू प्रेग्नेंसी की स्‍थ‍िति‍ हर मह‍िला के ल‍िए अलग हो सकती है। ऐसे में आपको डॉक्‍टर से सलाह लेकर ही सेहत का ख्‍याल रखना चाह‍िए। ओवरड्यू प्रेग्नेंसी की स्‍थ‍ित‍ि में क‍िसी भी असामान्‍य लक्षण को नजरअंदाज न करें।

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FAQ

  • डिलीवरी डेट कैसे निकालें?

    डिलीवरी डेट निकालने के लिए आखिरी मासिक धर्म की पहली तारीख से 9 महीने और 7 दिन जोड़ सकते हैं। यह एक अनुमानित तारीख होती है, सही तारीख डॉक्‍टर की सलाह और भ्रूण व मां की स्‍थ‍ित‍ि पर न‍िर्भर करती है।
  • नॉर्मल डिलीवरी कितने वीक में होती है?

    नॉर्मल डिलीवरी आमतौर पर 37 से 42 हफ्तों के बीच होती है। 40वां हफ्ता, औसतन डिलीवरी का समय माना जाता है, लेकिन यह हर महिला में अलग हो सकता है।
  • क्या 37 वीक में डिलीवरी हो सकती है?

    हां, अगर डिलीवरी 37 हफ्ते में होती है, तो इसे फुल टर्म माना जाता है। इस समय शिशु के फेफड़े और अन्य अंग सामान्य रूप से विकसित हो चुके होते हैं।

 

 

 

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