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कर्नाटक में बढ़ी सी-सेक्शन प्रसव संख्‍या, जानें यह नॉर्मल ड‍िलीवरी के मुकाबले क्‍यों है सेहत पर भारी

कर्नाटक में बढ़ती सी-सेक्शन प्रसव की संख्या, नॉर्मल डिलीवरी से ज्‍यादा मह‍िलाओं के ल‍िए स्वास्थ्य जोखिम का कारण बन रही है।
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कर्नाटक में बढ़ी सी-सेक्शन प्रसव संख्‍या, जानें यह नॉर्मल ड‍िलीवरी के मुकाबले क्‍यों है सेहत पर भारी


कर्नाटक में सी-सेक्शन प्रसव की संख्या में लगातार ग्रोथ हो रही है, जो एक चिंता का विषय बन चुकी है। हालांकि यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जो इमरजेंसी में जीवनरक्षक साबित हो सकती है, लेकिन इसके स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक असर होते हैं। कर्नाटक सरकार को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि सी-सेक्शन केवल जब जरूरी हो तभी किया जाए और नॉर्मल डिलीवरी को बढ़ावा दिया जाए, ताकि मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को बेहतर तरीके से सुनिश्चित किया जा सके। कर्नाटक स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करते हुए अस्‍पतालों को नॉर्मल ड‍िलीवरी पर जोर देने की बात कही है। मह‍िलाओं की सेहत को ध्‍यान में रखते हुए यह एक बड़ा कदम साब‍ित हो सकता है क्‍योक‍ि सी-सेक्‍शन ड‍िलीवरी के कारण सेहत को कई मुश्‍क‍िलों का सामना करना पड़ता है। इन समस्‍याओं को आगे व‍िस्‍तार से जानेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्‍प‍िटल की गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।

कर्नाटक में तेजी से बढ़े सी-सेक्‍शन ड‍िलीवरी के मामले

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कर्नाटक में सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी में 2022-2023 में 38 % से 2024-2025 (अप्रैल से अक्टूबर तक) में 46 % की ग्रोथ देखी गई है। आंकड़ों से पता चला है कि इस जिले के प्राइवेट हॉस्‍प‍िटल में सी-सेक्शन डिलीवरी 2022-2023 में 76 % से बढ़कर इस साल 80 % हो गई है। सरकारी अस्पतालों में यह ग्रोथ 2022-2023 में 52 % से बढ़कर 55 % हो गई है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने मीड‍िया को बताते हुए कहा कि प्राइवेट हॉस्‍प‍िटल में सीजेरियन डिलीवरी की संख्या असाधारण रूप से ज्‍यादा है और उन्होंने इसके संभावित कारणों की जांच करने का वादा किया है। हालांक‍ि प्राइवेट हॉस्‍प‍िटल के डॉक्‍टरों का कहना है क‍ि सरकारी अस्‍पतालों में भी सी-सेक्‍शन ड‍िलीवरी की संख्‍या ज्‍यादा है। डॉक्‍टरों के मुताब‍िक, मह‍िलाओं में गर्भावस्था के दौरान डायब‍िटीज और हाई बीपी जैसी बीमार‍ियों के कारण उन्‍हें सी-सेक्‍शन ड‍िलीवरी कराने की सलाह दी जाती है। आज के दौर में यह बीमार‍ियां आम होती जा रही हैं और यही सी-सेक्‍शन ड‍िलीवरी का सबसे बड़ा कारण है।

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नॉर्मल के मुकाबले सी-सेक्शन डिलीवरी क्यों है हान‍िकारक?- Cesarean Delivery Side Effects

सी-सेक्शन डिलीवरी (Cesarean Delivery) एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसे डॉक्टर तब करते हैं जब नॉर्मल डिलीवरी संभव नहीं होती या किसी प्रकार की गंभीर समस्‍या हो जाती है। हालांकि सी-सेक्शन जीवनरक्षक साबित हो सकता है, लेकिन नॉर्मल डिलीवरी के मुकाबले इसके कई स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं-

  • पहला जोखिम सर्जिकल होता है। सी-सेक्शन में पेट की मांसपेशियों और ट‍िशूज को काटा जाता है, जिससे इंफेक्‍शन, ज्‍यादा ब्‍लीड‍िंग और अन्य शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।
  • सी-सेक्शन के बाद महिलाओं को भविष्य में गर्भधारण में मुश्‍क‍िल हो सकती है, जैसे कि प्लेसेंटा प्रिविया या गर्भाशय फटना। यह गंभीर समस्‍याएं, मां और बच्चे दोनों के लिए हान‍िकारक हो सकती हैं।
  • इसके अलावा, ऑपरेशन के बाद रिकवरी में समय लगता है और महिलाएं ज्‍यादा दर्द महसूस करती हैं। नॉर्मल डिलीवरी में यह समस्याएं बहुत कम होती हैं और मां जल्दी स्वस्थ हो जाती है।
  • अंत में, सी-सेक्शन से मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि कई महिलाएं इसे मानसिक और शारीरिक रूप से खराब अनुभव मानती हैं। इसलिए, जहां तक संभव हो, नॉर्मल डिलीवरी को प्राथमिकता दी जाती है, क्योंकि यह मां और बच्चे दोनों के लिए सुरक्षित और फायदेमंद है।

क‍िस स्‍थ‍ित‍ि में होती है सी-सेक्‍शन ड‍िलीवरी?

सी-सेक्शन डिलीवरी (Cesarean Delivery) तब की जाती है जब नॉर्मल डिलीवरी संभव नहीं होती। इसे एक सर्जिकल प्रक्रिया के रूप में किया जाता है, जिसमें डॉक्टर गर्भाशय में चीरा लगाकर बच्चे को बाहर निकालते हैं। इसे इन स्‍थि‍त‍ियों में क‍िया जाता है-

  • प्लेसेंटा का गर्भाशय के निचले हिस्से में होना या प्लेसेंटा का समय से पहले हटना
  • अगर लेबर का चरण बहुत धीमा हो
  • अगर गर्भाशय में कोई इंफेक्‍शन या पिछले सी-सेक्शन के बाद का घाव हो
  • डायब‍िटीज, हाई बीपी, ह्रदय रोग जैसी बीमार‍ियां हों
  • डिलीवरी के दौरान ऑक्सीजन की कमी हो या दिल की धड़कन असामान्य हो
  • जब श‍िशु का आकार बहुत बड़ा हो या जब गर्भाशय में कोई रुकावट हो

सी-सेक्शन एक इमरजेंसी में उठाया गया कदम हो सकता है, जब नॉर्मल डिलीवरी से मां या बच्चे को खतरा हो। लेक‍िन नॉर्मल ड‍िलीवरी ही सेहत के ल‍िए ज्‍यादा बेहतर व‍िकल्‍प है।

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