How Many C-Sections Are Safe In Hindi: सी-सेक्शन यानी सिजेरियन प्रोसीजर की मदद से बच्चे को जन्म देना। आमतौर पर हर महिला नेचुरल तरीके से ही अपने बच्चे को जन्म को महत्व देती है। लेकिन, कई बार परिस्थितियां ऐसी हो जाती हैं, जिस कारण डॉक्टरों को मजबूरन गर्भवती महिला का सी-सेक्शन करना पड़ता है। सी-सेक्शन के कारणों की बात करें, तो प्लेसेंटा का सर्विक्स में फंस जाना, शिशु का हार्ट रेट बढ़ना, गर्भवती महिला का स्वास्थ्य बिगड़ना या अर्ली डिलीवरी होना। इस तरह की स्थितियों में डॉक्टर मां और बच्चे दोनों की जान-माल को हानि होने से बचाने के लिए सी-सेक्शन का सहारा लेते हैं। लेकिन, यहां सवाल ये उठता है कि एक महिला अपने पूरे जीवनकाल में कितने सी-सेक्शन करवा सकती हैं? क्योंकि माना जाता है कि पहली प्रेग्नेंसी सी-सेक्शन हो, तो अगली सभी प्रेग्नेंसी में सी-सेक्शन की संभावना दर बढ़ जाती है। इस संबंध में विस्तार से जानने के लिए हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की है। जानने के लिए लेख पूरा पढ़ें।
एक महिला कितनी बार सी-सेक्शन करवा सकती है?- Kitne C-Section Safe Hai
विशेषज्ञों की मानें, तो सी-सेक्शन की कोई सीमित संख्या नहीं है। लेकिन, महिलाओं को तीन से ज्यादा सी-सेक्शन नहीं करवाने चाहिए। यह महिला के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि, ऐसे भी मामले देखे गए हैं, जिसमें महिलाओं से इससे ज्यादा सी-सेक्शन करवाएं और भविष्य में स्वस्थ जीवन जिया है। इसके बावजूद, सी-सेक्शन के साथ कुछ जटिलताएं जुड़ी होती हैं। सी-सेक्शन करवाने के कारण भविष्य में महिलाओं को कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं, उनकी इम्यूनिटी वीक हो सकती है और बीमारी से रिकवरी में भी समय लग सकता है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए महिलाओं सी-सेक्शन ज्यादा नहीं करवाने चाहिए। वैसे यह बात भी जानने योग्य है कि हर महिला की बॉडी अलग होती है और हर तरह के ट्रीटमेंट पर उनकी बॉडी अलग-अलग किस्म से प्रतिक्रिया कर सकती है। कुछ महिलाओं के लिए एक से अधिक सी-सेक्शन जानलेवा हो सकते हैं, तो वहीं कुछ महिलाएं तीन सी-सेक्शन के बाद भी हेल्दी लाइफ जी सकती हैं। इसलिए, आपकी बॉडी कितने सी-सेक्शन झेल सकती है, इस संबंध में अपने गायनेकोलॉजिस्ट से बात करना आवश्यक होता है।
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सी-सेक्शन से जुड़ी जटिलताएं- What Are The Risk Factors For C-section In Hindi
जैसा कि पहले ही बताया है कि सी-सेक्शन की कोई सीमित संख्या नहीं है। इसके बावजूद, बार-बार सी-सेक्शन करवाने की वजह से कई तरह की जटिलताओं का जोखिम बढ़ जाता है, जैसे-
- यूट्रीन रप्चर (Uterine Rupture) होना यानी गर्भाशय का फटना
- सी-सेक्शन के दौरान हैवी ब्लीडिंग होना, जिससे ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यक हो सकती है
- ब्लैडर या बाउल का क्षतिग्रस्त होना
- हर सी-सेक्शन के साथ हिस्टेरेक्टॉमी का जोखिम बढ़ना
- प्लेसेंटा का असामान्य आरोपण, जैसे कि प्लेसेंटा एक्रीटा
- हर्निया का जोखिम बढ़ना
- डायस्टेसिस रेक्टी (जब पेट की मांसपेशियां अलग हो जाती हैं और पेट बाहर निकल आता है) का रिस्क होना
- चीरा लगाने वाली जगह पर सुन्नपन और दर्द
- एंडोमेट्रियोसिस का जोखिम
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सी-सेक्शन के बाद दूसरी प्रेग्नेंसी का सही समय- Second Baby After C-Section In Hindi
आमतौर पर डॉक्टर्स नेचुरल प्रेग्नेंसी के बाद दो-तीन साल के बाद सेकेंड बेबी प्लान करने की सलाह देते हैं। बच्चे और मां दोनों की मेंटल-फिजिकल हेल्थ को ध्यान में रखते हुए ऐसा कहा जाता है। हालांकि, नेचुरल प्रेग्नेंसी के बाद कई महिलाएं महज 6 माह के अंतराल में दूसरी बार कंसीव कर लेती हैं और इसके बाद हेल्दी बच्चे को जन्म देती हैं। लेकिन, सी-सेक्शन के बाद मुख्य रूप से हम बॉडी की हीलिंग पॉवर को ध्यान रखते हैं। महिला का शरीर सी-सेक्शन से जितनी तेजी से रिकवरी करता है, वे उतनी ही जल्दी दूसरी प्रेग्नेंसी कंसीव कर सकती हैं। विशेषज्ञों की मानें, सी-सेक्शन के बाद 18 से 24 महीने का इंतजार जरूर करना चाहिए। इसके बाद वे दूसरी बार कंसीव कर सकती हैं, ताकि सी-सेक्शन से पहले महिला का शरीर पूरी तरह रिकवर हो जाए और अगले प्रोसीजर में कम कॉम्प्लीकेशन रहे।
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