C Section Surgery: एक समय था जब महिलाओं की नार्मल डिलीवरी को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती थी और सर्जरी गंभीर समस्याओं में ही कराई जाती थी, लेकिन अब समय बदल गया है। आज के समय में सिजेरियन डिलीवरी (C-section) बहुत ही कॉमन बात हो गई है। कई बार तो मां और शिशु की सेफ्टी के लिए सर्जरी करना जरूरी हो जाता है, लेकिन क्या सर्जरी का असर महिलाओं के हार्ट पर पड़ सकता है? वर्ल्ड हार्ट डे (World Heart Day) के मौके पर इस बारे में जब हमने दिल्ली के अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के कार्डियोलॉजी एवं कार्डियक सर्जरी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अंकेश अग्रवाल (Dr. Ankesh Aggarwal, Senior Consultant - Cardiology, Apollo Spectra Hospital, Delhi) से बात की, तो उन्होंने हमें इसके कई कारण बताए। इसमें सबसे आम ब्लड फ्लो बढ़ने से लेकर पैरों में ब्लड क्लोट बनना है।
सिजेरियन डिलीवरी में हार्ट फ्लो क्यों बढ़ता है?
डॉ. अंकेश कहते हैं, “सिजेरियन के दौरान महिला के शरीर को खून की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। ऐसी स्थिति में हार्ट को सामान्य से ज्यादा काम करना पड़ता है, इसलिए हार्ट फ्लो और वर्क लोड दोनों बढ़ जाते हैं। जिन महिलाओं का हार्ट पहले से ही कमजोर होता है, उन्हें हार्ट फेल्योर का रिस्क बढ़ सकता है। हार्ट पर अचानक स्ट्र्रेस आने पर अनियमित धड़कन (arrhythmia) भी हो सकता है।”
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ब्लड क्लोट बनने का रिस्क क्यों होता है?
डॉ. अंकेश कहते हैं कि सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिलाओं को लंबे समय तक बेड रेस्ट करना पड़ता है। इससे पैरों की नसों में खून जमने की संभावना रहती है। इस स्थिति को डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) कहते हैं। इससे पैरों में सूजन और दर्द हो सकता है। कई महिलाओं के पैरों में लालिमा तक आ जाती है। कुछ मामलों में देखने को मिलता है कि यह क्लोट (blood clot) टूटकर फेफड़ों में पहुंच जाते हैं और इससे Pulmonary Embolism का रिस्क बढ़ जाता है।
एनेस्थीसिया से होने वाले रिस्क
जब किसी भी सर्जरी होती है, तो उसे एनेस्थीसिया दिया जाता है और महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी के समय उन्हें आमतौर पर स्पाइनल एसेस्थीसिया दिया जाता है। इससे कई बार महिलाओं का ब्लड शुगर अचानक गिर जाता है, हार्ट की गति रुक जाती है और ब्लड प्रेशर में भी बैलेंस बिगड़ सकता है। इसलिए किसी को भी एनेस्थीसिया देते समय हार्ट का चेकअप किया जाता है। जिन महिलाओं को हार्ट की समस्या होती है, उन्हें एनेस्थीसिया देते समय ज्यादा सतर्कता बरती जाती है।
इंफेक्शन और ब्लीडिंग का रिस्क
डॉ. अंकेश कहते हैं कि हालांकि सिजेरियन डिलीवरी करते समय कई बातों का ध्यान रखा जाता है। इसके बावजूद कई महिलाओं को इंफेक्शन और ब्लीडिंग का रिस्क हो सकता है। इंफेक्शन से शरीर में कमजोरी आती है और इससे हार्ट पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है। कई बार ब्लीडिंग ज्यादा होने पर ब्लड प्रेशर गिर सकता है, जिससे हार्ट को नुकसान होता है।
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सिजेरियन से पहले इन महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए
डॉ. अंकेश ने कहा हैं कि आमतौर पर अगर महिला को प्रेग्नेंसी से जुड़ी कोई भी समस्या होती है, तो डॉक्टर पहले ही सिजेरियन के बारे में बता देते हैं। इसलिए महिलाओं को इन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
- जिन महिलाओं को हार्ट की समस्या होती है।
- जिन महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत होती है।
- जिन्हें जेस्टेशनल डायबिटीज की समस्या है।
- जो महिलाओं को मोटापे की समस्या है।
- जिन महिलाओं की फैमिली हिस्ट्री है।
सिजेरियन कराने से पहले हार्ट हेल्थ का ध्यान रखें
डॉ. अंकेश कहते हैं कि महिलाओं को इन खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- अगर किसी महिला को हार्ट की समस्या है, तो डिलीवरी से पहले कार्डियोलॉजिस्ट से सलाह जरूर लें ताकि हार्ट की हेल्थ को सेहतमंद रखा जा सके।
- सर्जरी के दौरान और बाद में मॉनिटरिंग के लिए ECG और BP का लगातार चेकअप करते रहना चाहिए।
- सर्जरी के बाद महिलाओं को जल्दी ही चलना-फिरना शुरू करना चाहिए ताकि ब्लड क्लोट न जमें।
- हार्ट हेल्थ और सर्जरी की रिकवरी के लिए डाइट और हाइड्रेशन पर ध्यान देना चाहिए।
- अगर हार्ट की समस्या है, तो डिलीवरी के बाद भी कार्डियोलॉजिस्ट से फॉलो अप जरूर लें।
निष्कर्ष
डॉ. अंकेश कहते हैं कि जिन महिलाओं को डिलीवरी के समय किसी भी तरह की दिक्कत आती हैं, तो सर्जरी के जरिए मां और शिशु दोनों की सेफ्टी निश्चित की जाती है। इसलिए सिजेरियन कराने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अगर किसी महिला को पहले से हार्ट की समस्या हो, तो डॉक्टर को जरूर बताए और डिलीवरी से पहले हेल्थ चेकअप जरूर कराएं। इससे मां और शिशु दोनों की सेहतमंद डिलीवरी होगी और महिला को सर्जरी के बाद किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी।
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Sep 29, 2025 16:02 IST
Modified By : Aneesh RawatSep 29, 2025 16:01 IST
Modified By : Aneesh RawatSep 29, 2025 16:01 IST
Published By : Aneesh Rawat