प्रेग्नेंसी में यूट्रीन रप्चर (गर्भाशय का फटना) क्यों होता है? जानें इसके कारण और इलाज

प्रेग्नेंसी में यूट्रीन रप्चर होने से मां और बच्चे दोनों को जान का जोखिम होता है। आगे जानते हैं इसके लक्षण और इलाज के बारे में  
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प्रेग्नेंसी में यूट्रीन रप्चर (गर्भाशय का फटना) क्यों होता है? जानें इसके कारण और इलाज


प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह की समस्या हो सकती हैं। प्रेग्नेंसी में कुछ महिलाओं को यूट्रीन रप्चर का सामना करना पड़ता है। ये परेशानी मुख्य रूप से प्रेग्नेंसी के तीसरी तिमाही में होती है। इस समस्या को लेकर महिलाओं के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। जिन महिलाओं की पहले सिजेरियन डिलीवरी हो चुकी है, उनको यूट्रीन रप्चर की समस्या हो सकती है। दरअसल, सी-सेक्शन के चीरे के निशान से यूट्रेस रप्चर होने की संभावना बढ़ जाती है। मणिपाल अस्पताल, खराडी पुणे की आब्सटेट्रिक्स और गायनोकॉलोजी कंसलटेंट डॉ. रुशाली निखिल जाधव ने बताया कि यूट्रीन रप्चर के क्या कारण होते हैं। 

यूट्रीन रप्चर क्या होता है? What is Uterine Rupture In Hindi

प्रेगनेंसी में यूट्रीन रप्चर एक मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति होती है। यह स्थिति मां और गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए घातक हो सकती है। यूट्रीन रप्चर होने पर ब्लीडिंग होती है, जिसकी वजह से महिलाओं की प्रेग्नेंसी में समस्याएं हो सकती है। इस दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे के दिल की धड़कने धीमी हो सकती है। साथ ही, ऑक्सीजन कम हो सकती है। ऐसे में भ्रूण का ब्रेन डैमेज और दम घुटने की समस्या हो सकती है। ऐसे में कई बार डॉक्टर को प्री मैच्योर डिलीवरी हो सकती है। 

यूट्रीन रप्चर के क्या कारण है? Causes Of Uterine Rupture in Hindi 

यूट्रीन रप्चर होने के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन, इस तरह की समस्या ब्रेक्सन हिक्स के दौरान होती है। दरअसल, प्रेग्नेंसी में यूट्रेस कॉन्ट्रैकशन के दौरान पहले सिजेरियन के निशानों के टिश्यू पर दबाव पड़ता है। जिससे वह फट जाते हैं। इस दौरान महिलाओं की डिलीवरी की जाती है। डॉक्टर के अनुसार, यदि महिला का पहले सी-सेक्शन हुआ है, तो इससे आपको गर्भाशय फटने का अधिक खतरा होता है। पहले सर्जरी के समय यदि सर्जन ने चीरे ज्यादा डीप नहीं लगाया है, तो इससे युट्राइन रप्चर होने की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा पेट से संबंधी हुई अन्य किसी सर्जरी के कारण भी महिलाओं को प्रेग्नेंसी में यूट्रीन रप्चर की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 

uterine rupture in hindi

यूट्रीन रप्चर के लक्षण क्या होते हैं? What Is Symptoms Of Uterine Rupture In Hindi 

प्रेग्नेंसी में यूट्रीन रप्चर होने पर आपको कई तरह लक्षण महसूस हो सकते हैं। आगे इन लक्षणों को जानते हैं। 

  • गर्भ में पलने वाले बच्चे का हार्ट रेट कम होना,  
  • गर्भवती महिला का ब्लड प्रेशर लो होना या हार्ट रेट तेज होना,
  • अचानक और गंभीर पेट दर्द महसूस होना,
  • योनि से रक्तस्राव होना,
  • संकुचन (कॉन्ट्रैक्शन) जो रुकते या ख़त्म नहीं होते हैं, आदि। 

अगर आपकी डॉक्टर जानती हैं कि आपको यूट्रीन रप्चर का खतरा है, तो ऐसे में आपको सावधानी बरतने की सलाह दी जा सकती है। 

यूट्रीन रप्चर में इलाज कैसे किया जाता है? Treatment Of Uterine Rupture In Hindi 

यदि आपका यूट्रीन रप्चर (गर्भाशय फट) हो जाता है, तो ऐसे में डॉक्टर आपकी तुरंत डिलीवरी की सलाह दे सकते हैं। ऐसे में सर्जरी से आपके गर्भाशय को दोबारा से ठीककिया जाता है। इस दौरान, यदि महिला का बहुत अधिक रक्त बह रहा हो, तो हिस्टेरेक्टॉमी (गर्भाशय को निकालना) की आवश्यक हो सकती है।  इस दौरान यदि बच्चे को या मां को जान का जोखिम हो, तो डिलीवरी की जाती है।

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प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर से ही महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलाव तेजी से होते हैं। साथ ही, महिलाओं को हर माह अलग-अलग तरह के लक्षण महसूस हो सकते हैं। इस समय किसी भी तरह की समस्या को अनदेखा न करें। यदि, परेशानी अधिक है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

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