Uterine Fibroid During Pregnancy In Hindi: प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह समस्याएं महिलाओं की प्रेग्नेंसी के लिए खतरनाक हो सकती हैं। इसी वजह से डॉक्टर महिलाओं को रेगूलर चेकअप की सलाह देते हैं। महिलाओं को फाइब्रॉएड की समस्या हो सकती है। यह एक ट्यूमर होता है। महिलाओं के गर्भाशय में फाइब्रॉएड की समस्या कई कारणों से हो सकती है, डॉक्टरों के अनुसार हार्मोन लेवल, आनुवांशिक, मोटापा इस समस्या के मुख्य कारण हो सकते हैं। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को गर्भाशय की रसौली होने पर बच्चे का जन्म समय से पहले हो सकता है, बच्चे का वजन कम हो सकता है, प्रीटर्म लेबर हो सकता है। कुछ महिलाओं को फाइब्रॉयड की वजह से मिसकैरेज हो सकता है। आगे स्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विभा बसंल से जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में गर्भाशय की रसौली के क्या कारण होते हैं और महिलाओं को क्या लक्षण महसूस हो सकती है।
प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भाशय में रसौली के लक्षण और कारण - Causes Of Uterine Fibroid During Pregnancy In Hindi
गर्भवती होने पर फाइब्रॉएड बनने के क्या कारण होते हैं?
प्रेग्नेंसी के दौरान फाइब्रॉएड होने के सही कारणों का पता नहीं लगाया जा सका है। लेकिन, कुछ कारक ऐसे होते हैं जैसे कि हार्मोन्स, आनुवांशिकता और ग्रोथ फैक्टर्स जिनसे यह समस्या हो सकती है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे कुछ हॉर्मोन, पीरियड्स के दौरान गर्भाशय की अंदरूनी सतह को बढ़ाने में सहायक होते हैं। ऐसे में फाइब्रॉएड के लिए इन्हें जिम्मेदार माना जा सकता है। कुछ रिसर्च से पता चला है कि गर्भाशय की मांसपेशियों की तुलना में फाइब्रॉएड में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन के अवशोषण की उपस्थिति अधिक हो सकती है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान जब महिला के शरीर में एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ता है, तो इससे फ्राइब्रॉएड में सूजन होने लगती है। इसके अलावा कुछ महिलाओं के परिवार में पहले से ही जीन्स के द्वारा यह समस्या एक पीढ़ी से आने वाले बच्चों को ट्रांसफर हो सकती है। इसके अलावा, ग्रोथ फैक्टर्स शरीर के टिश्यूज को मेंटेन करने में मदद करते हैं, जो कि फाइब्रॉएड के बनने के जिम्मेदार हो सकते हैं।
प्रेग्नेंसी में यूटराइन फाइब्रॉएड में क्या लक्षण दिखाई देते हैं? - Symptoms Of Uterine Fibroid During Pregnancy In Hindi
वैसे तो अधिकतर महिलाओं को फाइब्रॉएड के कोई लक्षण नहीं महसूस होते हैं। जबकि, अधिकतर महिलाओं को इसके बारे में तब तक जानकारी नहीं होती है, जब तक वह स्कैनिंग ना करा लें। वहीं बेहद कम महिलाओं में फ्राइब्रॉएड के कारण असामान्य पीरियड और दर्द हो सकता है। इसके अलावा आगे बताए लक्षण फाइब्रॉएड में दिखाई दे सकते हैं।
- प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं का मिसकैरेज हो जाना।
- भारी ब्लीडिंग और एनीमिया होना।
- बार-बार यूरीन पास करना और पेशाब करते समय दर्द होना।
- फाइब्रॉएड की वजह से यूरिनरी ट्रैक्ट पर दबाव पड़ना।
- पेट के निचले हिस्से में भारीपन महसूस होना।
- पेल्विक एरिया में दर्द होना, आदि।
इसे भी पढ़ें : क्या प्रेग्नेंसी में अमीनो एसिड सप्लीमेंट्स लेना सुरक्षित होता है? डॉक्टर से जानें
फाइब्रॉएड का इलाज किया जा सकता है। यदि प्रेग्नेंसी में फाइब्रॉएड की समस्या पहचान में आती है, तो ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। समय रहते इस बीमारी के इलाज से किसी प्रकार की कोई अन्य समस्या नहीं होती हैं।