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प्रेग्नेंसी में मिस्ड मिसकैरेज की स्थिति कब होती है? जानें इसके लक्षण और कारण

प्रेग्नेंसी में महिलाओं को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इस दौरान थोड़ी सी परेशानी भी महिलाओं के लिए बड़ी समस्या का कारण बन सकती है। इस लेख में जानते हैं कि मिस्ड मिसकैरेज के लक्षण और कारण क्या हो सकते हैं?
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प्रेग्नेंसी में मिस्ड मिसकैरेज की स्थिति कब होती है? जानें इसके लक्षण और कारण


Signs And Symptoms of Missed Miscarriage: प्रेग्नेंसी महिलाओं के जीवन का एक इमोशनल बदलाव का समय होता है। प्रेग्नेंसी की पुष्टि के बाद ही महिलाएं बच्चे के आने की खुशी का सुखद अनुभव करती हैं। लेकिन, यह समय सावधानी बरतने का भी होता है। इस दौरान लाइफस्टाइल और खानपान में कई तरह के बदलाव करने की सलाह दी जाती है। यदि, महिलाएं इस समय आप लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव न करें, तो यह मिस्ड मिसकैरेज की स्थिति बन सकती है। मिस्ड मिसकैरेज सामान्य गर्भपात से थोड़ा अलग होता है, क्योंकि इसमें महिला के शरीर को गर्भपात का तुरंत संकेत नहीं मिलता और महिलाएं इसे नॉर्मल प्रेग्नेंसी मान लेती हैं। इस लेख में डॉ. प्रिया गुप्ता, सीनियर कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी, कोकून हॉस्पिटल, जयपुर से जानते हैं कि मिस्ड मिसकैरेज क्या होता है और इसके कारण और लक्षण क्या हो सकते हैं?

मिस्ड मिसकैरेज क्या है? - What is Missed Miscarriage In Hindi

मिस्ड मिसकैरेज को "साइलेंट मिसकैरेज" भी कहा जाता है। इसमें भ्रूण (Embryo) या भ्रूण की धड़कन (Heartbeat) बंद हो जाती है, लेकिन महिला के शरीर को इसकी जानकारी नहीं मिलती। गर्भाशय में भ्रूण मृत होता है, फिर भी महिला को गर्भपात के सामान्य लक्षण जैसे रक्तस्राव (bleeding), पेट दर्द (cramps) आदि महसूस नहीं होते। महिलाएं अक्सर इसकी जानकारी नियमित अल्ट्रासाउंड के दौरान पता चलती है।

Causes and symptoms of missed miscarriage in

मिस्ड मिसकैरेज के लक्षण - Symptoms Of Missed Miscarriage in Hindi

मिस्ड मिसकैरेज के लक्षण बहुत हल्के होते हैं या कई बार बिल्कुल नहीं होते। लेकिन, इस दौरान महिलाओं को कुछ संकेतों पर ध्यान देना जरूरी है।

  • गर्भावस्था के लक्षणों का अचानक कम हो जाना, जैसे स्तनों में संवेदनशीलता का कम होना, मतली या उल्टी का रुक जाना।
  • हॉर्मोनल बदलाव का महसूस ना होना, प्रेगनेंसी हार्मोन hCG का स्तर कम हो सकता है।
  • हल्का ब्राउन डिस्चार्ज होना, कभी-कभी हल्का ब्राउन रंग का डिस्चार्ज हो सकता है।

ध्यान दें कि ऊपर बताए गए लक्षण किसी अन्य कारण से भी हो सकते हैं, इसलिए केवल लक्षणों के आधार पर निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। ऐसे में आपको डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता होती है।

मिस्ड मिसकैरेज के प्रमुख कारण - Causes Of Missed Miscarriage In Hindi

मिस्ड मिसकैरेज आमतौर पर महिला की किसी गलती की वजह से नहीं होता, बल्कि इसके कारण बायोलॉजिकल या मेडिकल हो सकते हैं। इसके कुछ संभावित कारण को आगे बताया गया हैं।

क्रोमोसोमल असामान्यताएं (Chromosomal Abnormalities)

भ्रूण में अनुवांशिक दोष होने पर वह सामान्य रूप से विकसित नहीं हो पाता और उसकी मृत्यु हो जाती है।

हार्मोनल असंतुलन

अगर शरीर में प्रोजेस्टरॉन जैसे आवश्यक हार्मोन की कमी हो, तो भ्रूण का विकास रुक सकता है।

थायरॉइड विकार

हाइपोथायरॉइडिज़्म या हाइपरथायरॉइडिज़्म गर्भावस्था को प्रभावित कर सकते हैं।

इम्यून सिस्टम की समस्याएं

शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र भ्रूण को बाहरी वस्तु समझ कर नुकसान पहुंचा सकता है।

संक्रमण (Infections)

कुछ वायरस या बैक्टीरिया जैसे लिस्टेरिया, टो़क्सोप्लाज्मा आदि भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

महिला की आयु (Maternal Age)

35 वर्ष से ऊपर की महिलाओं में मिस्ड मिसकैरेज का खतरा अधिक होता है।

अन्य कारण

अत्यधिक तनाव, धूम्रपान, शराब, ड्रग्स, मोटापा, या अत्यधिक कैफीन सेवन भी जोखिम बढ़ा सकते हैं।

मिस्ड मिसकैरेज का इलाज कैसे किया जाता है? - Treatment Of Missed Miscarriage In Hindi

मिस्ड मिसकैरेज के बाद डॉक्टर तीन तरह के विकल्प दे सकते हैं।

प्राकृतिक तरीका (Natural Management)

कुछ महिलाएं इंतजार करती हैं कि शरीर स्वयं भ्रूण को बाहर निकाले।

दवा से इलाज (Medical Management)

कुछ दवाएं दी जाती हैं जो गर्भाशय को संकुचित कर भ्रूण को बाहर निकालने में मदद करती हैं।

सर्जरी (Surgical Management)

डाइलेशन एंड क्यूरिटेज (Dilation and Curettage) प्रक्रिया के जरिए भ्रूण को हटाया जाता है।

इसे भी पढ़ें: क्यों होता है महिलाओं का मिसकैरेज? जानें इसके मुख्य कारण और बचाव के तरीके

हर स्थिति अलग होती है, इसलिए डॉक्टर की सलाह सबसे अहम होती है। इस दौरान महिला को खुद को दोषी नहीं मानना चाहिए। इस दौरान डिप्रेशन से बचने के लिए महिला को दोस्तों के साथ बात करनी चाहिए। मिस्ड मिसकैरेज का मतलब यह नहीं कि आप भविष्य में मां नहीं बन सकतीं। अधिकतर महिलाएं इस अनुभव के बाद भी स्वस्थ गर्भावस्था का अनुभव करती हैं। लेकिन, प्रेग्नेंसी से पहले आपको डॉक्टर से संपर्क अवश्य करना चाहिए।

FAQ

  • गर्भपात से बचने के क्या उपाय हैं?

    इसमें संतुलित आहार बनाए रखना, नियमित व्यायाम करना और तंबाकू और शराब जैसे हानिकारक पदार्थों से बचना शामिल है।
  • प्रेग्नेंसी में क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

    प्रेग्नेंसी में महिलाओं को ज्यादा झुकने के लिए माना किया जाता है। साथ ही, भारी वजन उठाने के लिए भी मना किया जाता है। इसके अलावा, ज्यादा काम करने से बचने की सलाह दी जाती है।

 

 

 

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