
मिसकैरेज यानि कि गर्भपात आमतौर पर गर्भावस्था के 20 वें सप्ताह से पहले होता है। अन्य दूसरे महीनों के मुकाबले पहले तीन महीनों में मिसकैरेज होना किसी भी महिला के लिए आम होता है। गर्भधारण के प्रथम चरण यानी पहले 20 दिनों में कई बार औरतों को यह पता ही नहीं होता की वह गर्भवती है, वह इसका ध्यान नहीं देती और मिसकैरेज हो जाता है। पहले तीन महीनों में होने वाले अधिकांश मिसकैरेज भ्रूण में असामान्यताओं के कारण होते हैं। दूसरी तिमाही में होने वाले मिसकैरेज अक्सर मां के आघात के कारण होते हैं। आमतौर पर मिसकैरेज की मेडिकल वजहें होती है मसलन जेनेटिक कारण, प्लासेंटा की स्थिति, वजाइना में लगातार इन्फेक्शन, डायबिटीज की वजह से होने वाला इन्फेक्शन, गलत मेडीसिन खाना आदि। पहले ट्राइमेस्टर में होनेवाले 90 फीसदी मिसकैरेज जिनेटिक कारणों से होते हैं। ज्यादा उछल, कूद डांस, दूसरे बच्चे का बहुत जल्दी आना भी मिसकैरेज की वजह बन सकता है।
मिसकैरेज के मुख्य कारण
20 वर्ष से 40 वर्ष की उम्र में एक महिला को मिसकैरेज होने की संभावना 20 गुना अधिक होती है। अगर महिला पहले मिसकैरेज करा चुकी है या अनजाने में उसका मिसकैरेज हो चुका है तो अगली बार प्रेग्नेंट होने पर इसका कारण ज्यादा बढ़ जाता है। जो लोग मधुमेह, हाइपोथायरायडिज्म या किसी अन्य रोग से पीड़ित होते हैं उन महिलाओं में मिसकैरेज के चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं। सिस्टमिक एरिथ्रोमैटस लुपस, गर्भाशय फाइब्रॉएड या एंडोमेट्रोसिस, पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम (पीसीओएस), पोस्ट-आघात संबंधी तनाव विकार, रूबेला और हर्पस इत्यादि जैसे रोग जोखिम को बढ़ाते हैं। शरीर के हार्मोन में अचानक गिरावट से गर्भपात हो सकता है। अल्कोहल, कैफीन और सिगरेट की अत्यधिक खपत जोखिम को बढ़ाती है।
मिसकैरेज के लक्षण
- मिस्कैरेज के कई लक्षण होते हैं। यह जरूरी नहीं है कि एक ही लक्षण हर महिला में दिखाई दे। मिसकैरेज के लक्षणों में से एक है वजाइनल डिस्चार्ज। यह भूरे रंग का स्पॉटिंग या गहरे लाल रंग की ब्लीडिंग भी हो सकती है जो कई दिनों तक होती रहती है। लेकिन कई बार गर्भावस्था की पहली तिमाही में हल्की वजाइनल ब्लीडिंग आम बात है। आप चाहें तो सुरक्षित गर्भावस्था के लिए इन लक्षणों को दिखने पर अपने डॉक्टर से सपंर्क कर सकती हैं।
- ज्यादातर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पीरियड्स में होने वाले बैक पेन से भी तेज दर्द की शिकायत होती है। इस लक्षण को गर्भपात का लक्षण माना जाता है। गर्भावस्था के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द में यह दिखाता है कि महिला के शरीर से भ्रूण निस्काषित होने वाला है। कुछ मामलों में ऐंठन व दर्द के कारण सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। यह भी मिस्कैरेज का एक कारण है।
- अगर आप गर्भावस्था के शुरुआती चरण मे हैं तो यह जानना बहुत जरूरी है आपके लिए। इस दौरान एक संकुचन सा महसूस होता है। अगर यह संकुचन तेज या बर्दाशत के बाहर हो तो यह मिस्कैरेज का लक्षण हो सकता है। यह संकुचन लगभग पांच से बीस मिनट के दौरान होती है। अकसर ऐसा संकुचन प्रसव के दौरान होता है लेकिन अगर पहली तिमाही में आपको ऐसा महसूस हो रहा है तो इसे नजरअंदाज ना करें।
- अगर गर्भावस्था के दौरान आपका वजन अचानक से घटने लगे तो आपको सचेत हो जाना चाहिए। यह गर्भपात के लक्षणों में से एक है। अकसर महिलाएं इस लक्षण को हल्के में लेकर टाल जाती है जो आगे चलकर गंभीर समस्या बन जाती है।
मिसकैरेज की जांच
- अगर गर्भपात के लक्षण पहली या दूसरी तिमाही में आतें है तो डॉक्टर आपको बिस्तर पर आराम करने की सलाह देगा। इसके अलावा व्यायाम व सम्भोग से बचना चाहिए।यह पैमाने गर्भपात के रोकथाम के कोई सबूत नहीं हैं लेकिन बहुत से डॉक्टरों का मानना है कि इन बातों के जरिए गर्भपात के खतरे को टाला जा सकता है।
- यदि आपकी गर्भवस्था एक खतरा है कि आपकी ग्रीवा अक्षम नहीं है तो डॉक्टर ग्रीवा को मजबूत करने के लिए ग्रीवा के आसपास टांका ( सर्स्लेग ) लगाएगा ग्रीवा कनाल को बंद करे के लिए। इस टांके को आमतौर पर गर्भावस्था के 36 हफ्तों के बाद काट दिया जाता है। जब यह टांका लगाया जायेगा तो आपकी उचित देखभाल का पूरा प्रबंध किया जाएगा।
- यदि आपका अपूर्ण गर्भपात है तो आपकी स्त्री रोग विशेषज्ञ ( गी वाई एन ) डील्टेशन और कुरेटेग( डी सी ) नाम की सर्जरी से ग्रीवा में से आराम से भ्रूण के बचे हुए उतक गर्भाशय से हटाएगी । यदि आप गर्भावस्था की देर की दूसरी तिमाही में हैं तो डॉक्टर आपको अस्पताल में दाखिल करेगा और आपको लेबर जिससे आप भ्रूण और प्लासेन्टा को प्रसव कर सकें।
- यदि गर्भपात गर्भाशय के आकर की वजह से होता है तो आपको सर्जरी की आवश्यकता है। इस समस्या को समय रहते ठीक कर लें, इससे पहले की आप फिर से गर्भवती हों।
मिसकैरेज से बचाव के तरीके
- यदि गर्भपात का संदेह हो तो डॉक्टर पेल्विक का परीक्षण गर्भाशय के आकर कि जांच करेगा ताकि पता लग सके कि ग्रीवा खुला है या बन्द है। यदि गर्भपात होने वाला है तो ग्रीवा आमतौर पर खुला होता है और भ्रूण के ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाएगा। यदि गर्भपात पहले ही हो चुका है तो ग्रीवा या खुला या बंद हो सकता है, यह इस पर निर्भर करता है कि गर्भावस्था के सभी ऊतक बच्चेदानी से बाहर निष्कासित हो गए हों।
- आपके खून की जांच खून के प्रकार को जांचने के लिय कि जाती है और मानव क्रोनिक गोनाएडो ट्रओपीन ( बीटा- एच सी जी ) , जब आप गर्भवती होती हैं तो एक हार्मोन प्लासेन्टा से आपके शरीर में मौजूद होता है। अगर आपके सिस्टम में हार्मोंस कि मात्रा कम है और तो यह संकेत है कि आपका गर्भपात हो सकता है। अल्ट्रा साउंड से हर मामले में भ्रूण के होने की पहचान की जा सकती है , इससे यह पता लगाया जा सकता है कि भ्रूण के दिल कि धड़कन है या भ्रूण की मृत्यु हो चुकी है।
- यदि ऊतक आपकी योनी से बाहर चला गया है तो उसे आप किसी ग्लास या प्लास्टिक के कंटेनर में सील करके अपने डॉक्टर के पास ला सकती हैं इससे डॉक्टर को ऊतक का परीक्षण करने में मदद मिलेगी। कई मामलों में ऊतक को माइक्रोस्कोप के द्वारा परीक्षण करने के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है। इससे गर्भपात के कारणों का पता लगाया जा सकता है।
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