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एंडोमेट्रियोसिस में क्यों होता है बार-बार मिसकैरेज, डॉक्टर से जानें

कई तरह की समस्याएं गर्भधारण करने में परेशानी की वजह बन सकती हैं। इसमें एंडोमेट्रियोसिस को भी शामिल किया जाता है। इस लेख में जानते हैं कि महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस और बार-बार मिसकैरेज के बीच के क्या अंतर होता है?
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एंडोमेट्रियोसिस में क्यों होता है बार-बार मिसकैरेज, डॉक्टर से जानें

समय के साथ महिलाओं की लाइफस्टाइल में कई तरह के बदलाव देखने को मिले हैं। यह बदलाव महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ पर बुरा प्रभाव डालने में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे में महिलाओं को प्रेग्नेंसी से जुड़ी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसी तरह महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस एक गंभीर समस्या मानी जाती है। इस समस्या में महिलाओं के गर्भाशय (यूट्रेस) की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियम) की कोशिकाएं गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगती हैं। यह स्थिति महिला प्रजनन प्रणाली को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है और कुछ महिलाओं में यह मिसकैरेज का भी कारण बन सकती है। इस लेख में कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल की गाइनाक्लॉजी लैपोस्कोपी एंड रोबोटिक सर्जरी की हेड डॉक्टर अंशुमाला शुक्ला कुलकर्णी (Dr. Anshumala Shukla-Kulkarni, Head, Minimally Invasive Gynaecology, Gynaecology Laparoscopic and Robotic Surgery, Kokilaben Dhirubhai Ambani Hospital, Mumbai) से जानते हैं कि एंडोमेट्रियोसिस और बार-बार मिसकैरेज के बीच क्या कनेक्शन होता है?

एंडोमेट्रियोसिस और बार-बार गर्भपात के बीच संबंध - Connection Between Endometriosis And Recurrent Miscarriage In Hindi

गर्भाशय की बनावट से जुड़ी समस्या

एंडोमेट्रियोसिस के कारण गर्भाशय (यूट्रेस) की परत असामान्य रूप से विकसित हो सकती है, जिससे भ्रूण को सही ढंग से इम्प्लांट होने में कठिनाई हो सकती है। ऐसे में मिसकैरेज की संभावना बढ़ सकती है।

सूजन और प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ी समस्या

एंडोमेट्रियोसिस से जुड़ी सूजन और इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर सकती है। यह स्थिति गर्भावस्था को बाधित कर सकती है। कुछ मामलों में, शरीर एंब्रियो को बाहरी तत्व समझकर उसे अस्वीकार कर सकता है, जिससे मिसकैरेज की संभावना बढ़ सकती है।

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हार्मोनल असंतुलन

इस बीमारी के कारण प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है, यह हार्मोन प्रेग्नेंसी को बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है। यदि यह हार्मोन पर्याप्त मात्रा में नहीं बनता, तो मिसकैरेज की संभावना बढ़ जाती है।

ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होना

एंडोमेट्रियोसिस के कारण गर्भाशय और प्लेसेंटा तक ब्लड सक सही तरीके ब्लड सर्कुलेशन नहीं कर पाता है, जिससे एंब्रियो की ग्रोथ बाधित हो सकती है और यह स्थिति मिसकैरेज की वजह बन सकती है।

एंडोमेट्रियल रिसेप्टिविटी की समस्या

एंडोमेट्रियोसिस से प्रभावित महिलाओं में गर्भाशय की अंदरूनी परत एंब्रियो को बनाने में बाधा उत्पन्न कर सकती है। जिससे गर्भधारण कठिन हो जाता है।

इसे भी पढ़ें: ये 4 तरह एक्टिविटीज बनती हैं मिसकैरेज का कारण, प्रेग्नेंसी में बरतें पूरी सावधानी

एंडोमेट्रियोसिस और बार-बार मिसकैरेज का कनेक्शन हो सकता है। यह स्थिति महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है और गर्भधारण को कठिन बना सकती है। सही समय पर इसकी पहचान करने के लिए आपको डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। अगर, किसी महिला को बार बार मिसकैरेज हो रहा हो तो उनको डॉक्टर से मिलकर सलाह लेनी चाहिए।

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