Does Menopause Increase the Risk of Fatty Liver Disease : महिलाओं में पीरियड्स के बंद होने की स्थिति को मेनोपॉज कहा जाता है। इस दौरान शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसका शरीर के अन्य अंगों पर भी असर हो सकता है। आजकल पुरुष हो या महिलाएं सभी बाहर के जंक और प्रोसेस्ड फूड का सेवन करके फैटी लिवर की समस्या का सामना कर रहे होते हैं। आमतौर पर यह स्थिति कई अन्य कारणों से भी हो सकती है। हालांकि, इस बीमारी के होने का आम कारण गलत खानपान और लाइफस्टाइल को माना जाता है। यहां अगर हम आपको कहें कि महिलाओं में मेनोपॉज के कारण भी फैटी लिवर की समस्या हो सकती है? आइए डॉ. आस्था दयाल निदेशक- प्रसूति एवं स्त्री रोग सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम (Dr. Aastha Dayal Director- Obstetrics and Gynecology CK Birla Hospital Gurugram) से इस बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
मेनोपॉज के कारण हो सकता है फैटी लिवर?- Can Fatty Liver be Caused by Menopause
मेनोपॉज की स्थिति एक महिला के शरीर में महत्वपूर्ण हार्मोनल परिवर्तन लाती है, जो गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग (NAFLD) के विकास के जोखिम को बढ़ा सकती है। मेनोपॉज की स्थिति में एस्ट्रोजन हार्मोन कम हो जाता है, जो लिवर में फैट को स्टोर होने से रोकता है। इस हार्मोनल बदलाव की वजह से लिवर में फैट जमाव, इंसुलिन रेजिस्टेंस और मेटाबॉलिज्म परिवर्तन बढ़ जाते हैं। ऐसे में फैटी लिवर का जोखिम बढ़ सकता है। इसके अलावा, मेनोपॉज के बाद महिलाओं में मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल और टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।
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कई अध्ययनों से पता चलता है कि एस्ट्रोजन रिप्लेसमेंट थेरेपी (ERT) इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार और लिवर में फैट को कम करके इस जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है। हालांकि, ERT सभी के लिए उपयुक्त नहीं है और इसका उपयोग चिकित्सकीय देखरेख में किया जाना चाहिए। बता दें कि फैटी लिवर से बचाव के लिए आप जीवनशैली में बदलाव, जैसे कि स्वस्थ आहार का सेवन, रोजाना एक्सरसाइज करना और वजन को कंट्रोल करना, जैसी टिप्स को फॉलो कर सकते हैं। इसके साथ ही, आप चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम, फाइबर का सेवन बढ़ाना और पैदल चलने या योग जैसी फिजिकल मूवमेंट को अपने रूटीन का हिस्सा बना सकते हैं।
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कैसे कर सकते हैं फैटी लिवर की पहचान?- How Can you Identify Fatty Liver
लिवर फंक्शन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड स्क्रीनिंग सहित रोजाना स्वास्थ्य जांच, शुरुआती पहचान और प्रबंधन के लिए जरूरी है। स्वस्थ लाइफस्टाइल को अपनाकर और लिवर के स्वास्थ्य की निगरानी करके, मेनोपॉज के बाद की महिलाएं फैटी लिवर रोग के विकास अपने जोखिम को कम कर सकती हैं। इस स्थिति में शरीर के अंदर पेट में दर्द, थकान, वजन बढ़ना, पीलिया और उल्टी जैसे कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं। आपको इन आम दिखने वाले लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
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कुल मिलाकर, महिलाएं मेनोपॉज के दौरान फैटी लिवर की समस्या का सामना कर सकती हैं। इस स्थिति से बचाव के लिए उन्हें अपने लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करने होंगे। इससे फैटी लिवर की समस्या से बचाव किया जा सकता है। आप आसानी से इस समस्या को कंट्रोल करने की कोशिश कर सकते हैं।