एक उम्र के बाद सामान्य रूप से सभी महिलाओं को मनोपॉज की स्थिति में पहुंचना पड़ता है। यह एक नेचुरल प्रक्रिया है, जो आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की उम्र के बीच होती है। इस दौरान महिला की मेंस्ट्रुअल साइकिल पूरी तरह बंद हो जाती है और उनकी प्रजनन क्षमता समाप्त हो जाती है। हालांकि, मनोपॉज के बाद किसी भी प्रकार का रक्तस्राव या स्पॉटिंग होना सामान्य नहीं माना जाता है। यह किसी अन्य समस्या का संकेत हो सकता है। इस लेख में अपोलो अस्पताल नवी मुंबई की ओब्सटेट्रिक्स एंड गाइनाक्लॉजी एंड रोबोटिक सर्जरी की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. तृप्ती दूबे (Dr. Tripti Dubey - Sr. Consultant Obstetrics & Gynaecology and Robotic Surgery Apollo Hospitals Navi Mumbai) से जानते हैं कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं को वजाइनल हल्की ब्लीडिंग के क्या कारण हो सकते हैं?
मेनोपॉज के दौरान हल्की ब्लीडिंग (स्पॉटिंग) के कारण - Common Causes Of Bleeding Or Spotting Per Vaginum After Menopause in Hindi
हार्मोनल असंतुलन
मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का स्तर काफी कम हो जाता है। इससे वजाइना की अंदरुनी परत ड्राई हो जाती हैं, जिससे कभी-कभी हल्की ब्लीडिंग हो सकती है। यह स्थिति एट्रोफिक वेजिनाइटिस (Atrophic Vaginitis) और एंडोमेट्रियल एट्रोफी (Endometrial Atrophy) के रूप में जानी जाती है।
टॉप स्टोरीज़
एट्रोफिक वेजिनाइटिस (Atrophic Vaginitis)
मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का स्तर गिरने से वजाइना की परत पतली हो जाती है, जिससे ड्राईनेस, खुजली और जलन की समस्या हो सकती है। यदि वजाइना की लाइनिंग कमजोर हो जाएं, तो हल्की चोट या शारीरिक संबंध बनाने के बाद स्पॉटिंग हो सकती है।
एंडोमेट्रियल एट्रोफी
एस्ट्रोजन की कमी के कारण गर्भाशय की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियम) पतली और कमजोर हो जाती है। इस स्थिति में छोटी नसें टूट सकती हैं, जिससे हल्की ब्लीडिंग हो सकती है।
संक्रमण
बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण वजाइना या गर्भाशय में सूजन पैदा कर सकता है, जिससे हल्की रक्तस्राव हो सकती है। संक्रमण के अन्य लक्षणों में वजाइनल डिसचार्ज, खुजली और जलन शामिल हो सकते हैं।
पॉलीप्स
गर्भाशय (Uterus) या गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) में गैर-कैंसरयुक्त टिश्यू के बढ़ने को पॉलीप्स कहा जाता है। यह मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग का एक सामान्य कारण हो सकता है। ये छोटे आकार के सॉफ्ट टिश्यू होते हैं जो आसानी से ब्लीडिंग का कारण बन सकते हैं।
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Common Causes Of Light Spotting After Menopause In Hindi: यदि मेनोपॉज के बाद लगातार ब्लीडिंग को रही है तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में महिलाओं को तुरंत डॉक्टर से चांज करानी चाहिए। फिलहाल, मेनोपॉज के बाद हल्की ब्लीडिंग कई कारणों से हो सकती है, जिनमें हार्मोनल असंतुलन, पॉलीप्स, संक्रमण आदि स्थितियां भी शामिल हो सकती हैं। इसलिए, इस समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए और उचित जांच के लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।