प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हर महिलाओं को प्रेग्नेंसी के अलग-अलग समय में अलग-अलग लक्षण महसूस हो सकते हैं। यह समस्याएं खासतौर पर पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के लिए परेशानी का कारण बनती हैं। एमनियोटिक फ्लूयड एम्बोलिज्म (एएफई) प्रेग्नेंसी में होने वाली एक समस्या है। वैसे तो यह क दुर्लभ स्थिति है, लेकिन इसकी वजह से महिलाओं का जान का जोखिम हो सकता है। फिलहाल तो इसके कारणों का पता नहीं लगाया जा सका है। प्रसव के दौरान, पहले या उसके बाद एमनियोटिक फ्लूयड महिलाओं के रक्त में पहुंचता है तो इससे एमनियोटिक फ्लूयड एम्बोलिज्म हो सकती है। आगे स्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विभा बंसल से इस समस्या के बारे में जानते हैं।
एमनियोटिक फ्लूयड एम्बोलिज्म कैसे होती है?
एमनियोटिक फ्लूयड एम्बोलिज्म एक दुर्लभ स्थिति है जो प्रसव के दौरान या उसके बाद हो सकती है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब एमनियोटिक फ्लूयड, भ्रूण की कोशिकाएं, बाल या अन्य अवशेष महिला के रक्त में प्रवेश कर जाते हैं। इससे महिलाओं को सूजन हो सकती है। कई बार इसके चलते फेफड़ों और हार्ट पर बुरा असर पड़ता है।
एमनियोटिक फ्लूयड एम्बोलिज्म के लक्षण - Symptoms Of Amniotic Fluid Embolism during pregnancy in Hindi
- डिस्पेनिया और हाइपोक्सिया: सांस लेने में परेशानी और ऑक्सीजन का स्तर कम होना, एएफई का लक्षण होता है। एमनियोटिक फ्लूयड द्वारा फेफड़ों की नसों में रुकावट के आ सकती है, जिससे रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट अवरूद्ध हो सकता है।
- कार्डियोवैस्कुलर कोलेप्स: इस स्थिति में ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ या कम हो सकता है। इससे सदमा और ऑर्गन फेलियर हो सकता है, जिससे महिला और अजन्मे बच्चे दोनों के लिए एक खतरा पैदा हो सकता है।
- डिसेमिनेटेड इंट्रावास्कुलर कोगुलेशन (Disseminated Intravascular Coagulation-डीआईसी): इस स्थिति में रक्त का थक्का (ब्लड क्लॉट) जम जाता है और इसके बाद अत्यधिक रक्तस्राव (ब्लीडिंग) होता है, यह गंभीर समस्या पैदा कर सकती है।
- मस्तिष्क पर बुरा असर: इस स्थिति से मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है, जिसके चलते महिला को भ्रम व दौरे आ सकते हैं।
- कार्डियक अरेस्ट: गंभीर मामलों में, एएफई में कार्डियक अरेस्ट हो सकता है, जिससे महिला को जान का जोखिम हो सकता है।
एमनियोटिक फ्लूयड एम्बोलिज्म का इलाज - Treatment of Amniotic Fluid Embolism during pregnancy in hindi
एमनियोटिक फ्लूयड एम्बोलिज्म को मैनेज करने के लिए प्रसूति रोग विशेषज्ञों, एनेस्थेसियोलॉजिस्ट और अन्य स्वास्थ्य देखभाल करने वाले पेशेवरों की टीम की आवश्यकता होती है। हालांकि एएफई के लिए किसी तरह इलाज उपलब्ध नहीं है। लेकिन, मरीज के लक्षणों और जटिलताओं को कम किया जाता है।
- कार्डियोपल्मोनरी सपोर्ट: महिला के हृदय और रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को स्थिर करने के लिए तुंरत कई तरह के इलाज किए जाते हैं। इसमें तरल पदार्थ, वैसोप्रेसर्स और ऑक्सीजन देना शामिल हो सकता है।
- रक्त चढ़ाना: ब्लीडिंग के जोखिम को कम करने के लिए महिला को ब्लड चढ़ाया जा सकता है। इसमें प्लेटलेट्स, रेड ब्लड सेल्स दिए जाते हैं।
- इमरजेंसी सिजेरियन सेक्शन: कुछ मामलों में, महिला की हृदय प्रणाली पर पड़ने वाले तनाव को कम करने और ऑक्सीजनेशन में सुधार के लिए सिजेरियन सेक्शन के माध्यम से बच्चे की डिलीवरी की जा सकती है।
- लाइफ सपोर्ट: कार्डियक अरेस्ट के मामलों में, कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) और कार्डियक लाइफ सपोर्ट (एसीएलएस) शुरू किए जाते हैं।
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एमनियोटिक फ्लूयड एम्बोलिज्म एक जटिल समस्या है। इसलिए इस विषय पर शोध कार्य चल रहे हैं। यदि, किसी महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान असहज महसूस हो रहा है तो उसे तुरंत नजदीकी डॉक्टर के पास ले जाएं।