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प्रेग्नेंसी में यौन संचारित रोग होने पर नजर आते हैं ये 5 लक्षण, जानें इसका इलाज

प्रेग्नेंसी में भी महिलाओं को यौन संचारित रोग यानी एसटीडी का जोखिम हो सकता है। आगे जानते हैं इसके लक्षण और इलाज के बारे में  
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प्रेग्नेंसी में यौन संचारित रोग होने पर नजर आते हैं ये 5 लक्षण, जानें इसका इलाज


प्रेग्नेंसी में यौन संचारित रोग होने पर नजर आते हैं ये लक्षण - Symptoms Of STDs During Pregnancy In Hindi 

वेजाइनल डिस्चार्ज

प्रेग्नेंसी में कुछ महिलाओं को असामान्य रूप से वेजाइल डिस्चार्ज हो सकता है, यह एसटीडी का शुरुआती लक्षण माना जाता है। यह डिस्चार्ज सामान्य से अधिक गाढ़ा या अधिक गंधयुक्त हो सकता है। इस दौरान होने वाला डिस्चार्ज का  रंग सफेद, पीला या हरा हो सकता है।

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यूरिन पास करने दर्द या जलन होना

पेशाब करते समय दर्द या जलन क्लैमाइडिया, गोनोरिया या ट्राइकोमोनिएसिस सहित कई तरह एसटीडी का संकेत हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान, इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे प्री-मैच्योर डिलीवरी का खतरा बढ़ सकता है। 

प्राइवेट पार्ट में घाव होना

इस समय महिलाओं के प्राइवेट पार्ट में घाव हो सकता है। यह हर्पीस और सिफलिस का संकेत करता है। इस घाव में सूजन व खुजली महसूस हो सकती है। इससे बच्चे में संक्रमण फैलने का जोखिम हो सकता है। 

पेट में दर्द 

प्रेग्नेंसी में एसटीडी होने पर कुछ महिलाओं को पेट के निचले हिस्से यानी पेल्विक क्षेत्र में सूजन हो सकती है। यह दर्द हल्का या गंभीर हो सकता है। अगर, इसका समय रहते इलाज न किया जाए तो यह गंभीर समस्या का कारण बन सकता है। 

फ्लू 

एचआईवी और सिफलिस सहित कुछ एसटीडी में महिलाओं को बुखार, थकान और सूजन के लक्षण महसूस हो सकते हैं। कई बार महिलाएं इसे प्रेग्नेंसी का लक्षण समझकर नजरअंदाज कर जाती हैं। लेकिन, प्रेग्नेंसी में हर समस्या का इलाज समय रहते करना आवश्यक होता है। 

प्रेग्नेंसी में यौन संचारित रोग का इलाज - Treatment Of STDs During Pregnancy In Hindi 

  • एंटीबायोटिक दवाएं: प्रेग्नेंसी के दौरान एसटीडी में डॉक्टर महिलाओं को एंटीबायोटिक दवाएं दे सकते हैं। हालांकि, इस समय महिला व बच्चे के स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखना जरुरी होता है। 
  • एंटीवायरल दवाएं: इस समय डॉक्टर महिलाओं को एंटी-वायरल दवाएं दे सकते हैं। इससे फ्लू के लक्षणों को दूर करने में मदद मिलती है। 
  • नियमित रूप से जांच कराएं: प्रेग्नेंसी में एसटीडी से बचने के लिए महिलाओं को नियमित रूप से जांच करानी चाहिए। साथ ही, किसी भी तरह के लक्षण से छुटकारा पाने के लिए पूर्ण इलाज कराना चाहिए। 

इसे भी पढ़ें : प्रेगनेंसी के दौरान खून की कमी पूरा करने के लिए क्या करें?

प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह के संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में किसी भी तरह के लक्षण को अनदेखा करना आपके लिए जोखिम का कारण बन सकता है। इस समय किसी भी तरह की समस्या में आप तुरंत डॉक्टर से मिलें। 

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