Doctor Verified

Glomerular रोग होने पर किडनी खून को नहीं कर पाती है फिल्टर, जानें इसके कारण और लक्षण

यूरिन करने में होने वाली परेशानी या चेहरे की सूजन ग्लोमेरुलर रोग का संकेत हो सकता है। आगे जानते हैं इसके कारण और लक्षण के बारे में
  • SHARE
  • FOLLOW
Glomerular रोग होने पर किडनी खून को नहीं कर पाती है फिल्टर, जानें इसके कारण और लक्षण

ग्लोमेरुलर डिजीज (Glomerular disease) किडनी से संबंधित एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो ग्लोमेरुली (Glomeruli)  नामक किडनी की छोटे रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती है। ग्लोमेरुली रक्त को फिल्टर करने का कार्य करती हैं और इसमें किसी भी प्रकार की खराबी होने से किडनी की फ़िल्टरिंग क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। इस समस्या में व्यक्ति को गुलाबी रंग की पेशाब, हाथ पैर और चेहरे पर सूजन हो सकती है। कई कारणों और मेडिकल कंडीशन के कारण किसी भी व्यक्ति को यह रोग हो सकता है। इस लेख में नारायणा अस्पताल के एडल्ट किडनी ट्रांसप्लांट, नेफ्रोलॉजी के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर पार्थ कर्मकार से जानते हैं कि ग्लोमेरुलर डिजीज के कारण और लक्षण क्या हो सकते हैं।

ग्लोमेरुलर डिजीज क्या है? - What is Glomerular Disease in Hindi 

ग्लोमेरुलर डिजीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें किडनी की ग्लोमेरुली डैमेज हो जाती हैं। ग्लोमेरुली का मुख्य कार्य रक्त से वेस्ट प्रोडक्ट्स को छानकर पेशाब के माध्यम से बाहर निकालना है। जब ग्लोमेरुली डैमेज होती है, तो यह फ़िल्टरिंग प्रक्रिया प्रभावित होती है, जिससे प्रोटीन, रक्त और अन्य आवश्यक तत्व पेशाब के माध्यम से निकलने लगते हैं। यह स्थिति समय के साथ किडनी फेलियर का कारण भी बन सकती है।

Glomerular Disease in hindi

ग्लोमेरुलर डिजीज के कारण - Causes Of Glomerular Disease in Hindi 

ग्लोमेरुलर डिजीज के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जो व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और जीवनशैली पर निर्भर करते हैं। यहां कुछ प्रमुख कारण दिए गए हैं।

  • प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्याएं: जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से ग्लोमेरुली पर हमला करती है, तो इससे ग्लोमेरुलर डिजीज हो सकती है। इसे ऑटोइम्यून डिजीज भी कहा जाता है, जैसे कि ल्यूपस और आईजीए नेफ्रोपैथी।
  • संक्रमण: कुछ बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण ग्लोमेरुली को प्रभावित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, स्ट्रेप्टोकोकल संक्रमण ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस का कारण बन सकता है।
  • हाई ब्लड प्रेशर: उच्च रक्तचाप ग्लोमेरुली की नाजुक दीवारों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे ग्लोमेरुलर डिजीज हो सकती है।
  • डायबिटीज: लंबे समय तक अनियंत्रित डायबिटीज ग्लोमेरुली को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे डायबेटिक नेफ्रोपैथी विकसित हो सकती है।
  • जीन संबंधी विकार: कुछ मामलों में, ग्लोमेरुलर डिजीज आनुवांशिक होती है, जिसमें किडनी की संरचना में गड़बड़ी होती है।

ग्लोमेरुलर डिजीज के लक्षण - Symptoms Of Glomerular Disease In Hindi 

ग्लोमेरुलर डिजीज के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और शुरुआत में इन्हें पहचानना मुश्किल हो सकता है। निम्नलिखित लक्षण ग्लोमेरुलर डिजीज के संकेत हो सकते हैं।

  • पेशाब में प्रोटीन (प्रोटीनुरिया): ग्लोमेरुलर डिजीज का सबसे आम लक्षण पेशाब में अत्यधिक प्रोटीन का होना है, जिससे पेशाब झागदार हो सकता है।
  • पेशाब में रक्त (हेमेटुरिया): किडनी की ग्लोमेरुली क्षतिग्रस्त होने पर पेशाब में रक्त आ सकता है। यह लाल या गहरे भूरे रंग का हो सकता है।
  • सूजन (एडिमा): ग्लोमेरुलर डिजीज के कारण शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन हो सकती है, खासकर आंखों के आसपास, टखनों और पैरों में।
  • ब्लड प्रेशर: किडनी की फिल्टरिंग प्रक्रिया प्रभावित होने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जो ग्लोमेरुलर डिजीज का लक्षण हो सकता है।
  • कमजोरी और थकान: ग्लोमेरुलर डिजीज के कारण शरीर में टॉक्सिन्स का संचय हो सकता है, जिससे व्यक्ति कमजोर और थका हुआ महसूस कर सकता है।
  • पेशाब का कम बनना: कुछ मामलों में, ग्लोमेरुलर डिजीज के कारण मूत्र उत्पादन में कमी हो सकती है, जिससे शरीर में तरल पदार्थ इकट्ठा हो सकते हैं।

इसे भी पढ़ें : हाई ब्लड शुगर से किडनी खराब होने के संकेत हैं ये 5 लक्षण, डायबिटीज रोगी न करें नजरअंदाज

Glomerular Disease in Hindi: ग्लोमेरुलर डिजीज किडनी की कार्यक्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना और समय पर इलाज कराना बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि किडनी की फ़िल्टरिंग क्षमता को बनाए रखा जा सके और किडनी फेलियर से बचा जा सके। यदि आपको इन लक्षणों में से कोई भी अनुभव हो रहा है, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। किडनी स्वास्थ्य की देखभाल के लिए नियमित चेक-अप और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है।

Read Next

अच्छी नींद से दूर होता है शरीर का दर्द, जानें यह कैसे करती है नेचुरल पेनकिलर का काम?

Disclaimer