Can Urinary Tract Infection Be Caused By STD In Hindi: यौन संचारित रोग को अंग्रेजी में हम सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज कहते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जो यौन संबंध के कारण एक से दूसरे व्यक्ति को होती है। सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज और सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन एक ही होते हैं। सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज में कई तरह के संक्रमण आते हैं, जैसे गोनोरिया, क्लैमाइडिया और सिफलिस। ये बैक्टीरियल सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन हैं। जबकि वायरल एसटीआई में हर्पीस, एचआईवी आदि शामिल होते हैं। बहरहाल, किसी भी तरह का सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज सही नहीं है। इस तरह की बीमारी होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज के कारण यूटीआई भी हो सकता है। इस बारे में डॉक्टरों का क्या कहना है? आइए, जानते हैं मेडिकवर हॉस्पिटल के यूरोलॉजिस्ट और एंड्रोलॉजिस्ट डॉ. विजय दहिफले से।
क्या यौन संचारित रोग के कारण यूटीआई की समस्या हो सकती है?- Can UTI Be Caused By STD In Hindi
जैसा कि हमने पहले ही जिक्र किया है कि यौन संचारित रोग में कई तरह के इंफेक्शन और डिजीज और शामिल होते हैं। वहीं, यूटीआई इससे अलग है। यूटीआई की बात करें, तो इसे हम यूरिनी ट्रैक्ट इंफेक्शन के नाम से जानते हैं। आमतौर पर यह बीमारी पुरुष या महिला किसी को भी हो सकती है। लेकिन, मुख्य रूप से महिलाओं को यूटीआई अधिक होता है। यूटीआई होने का मुख्य कारण गंदा टॉयलेट यूज करना है। इसके अलावा, डायबिटीज, बढ़ती उम्र और ब्लैडर से जुड़ी प्रॉब्लम होने पर भी यूटीआई हो सकता है। बहरहाल, सवाल ये है कि क्या यौन संचारित रोग के कारण यूटीआई हो सकता है? इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ यौन संचारित रोगों में यूटीआई हो सकता है। लेकिन, इन दोनों का आपस में सीधा-सीधो कनेक्शन नहीं है। गोनोरिया और क्लैमाइडिया जैसे एसटीआई में यूरिनरी ट्रैक्ट इफेक्टेड होता है। ऐसे में यूटीआई जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। इस तरह हम कह सकते हैं कि जिन्हें एसटीआई या एसटीडी है, उन्हें यूटीआई का जोखिम अधिक होता है।
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यौन संचारित रोग से जुड़े हुए यूटीआई से कैसे बचाव करें
सबसे पहले यह जान लें कि यूटीआई संक्रामक नहीं है यानी एक से दूसरे व्यक्ति को यह नहीं हो सकता है। लेकिन, अगर किसी को एसटीआई के कारण यूटीआई हो रहा है, तो उन्हें इस संबंध में कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए, जैसे-
- यौन संबंध बनाने से पहले कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें। यह एसटीआई संक्रमण को फैलने से रोकेगा और यूटीआई के जोखिम को कम करेगा।
- एक से अधिक व्यक्ति के साथ यौन संबंध न बनाएं। यह सही नहीं है। इससे एसटीडी का रिस्क बढ़ जाता है। एसटीडी के कारण यूटीआई होने के जोखिम भी इजाफा होता है।
- हर व्यक्ति को चाहिए कि वे नियमित रूप से एसटीडी की जांच करवाएं। इससे एसटीडी के लक्षणों का समय से पता चल जाता है, जिससे समय पर ट्रीटमेंट शुरू किया जा सकता है।
- यौन संबंध बनाने के बाद पेशाब जरूर करें। इससे बैक्टीरिया बाहर निकाल जाते हैं। गुप्तांग की सफाई करना न भूलें।