Too Much Salt Affect Kidneys in hindi: शरीर की दोनों गुर्दे (किडनी) शरीर के खून को छानकर उसमें से पानी और अपशिष्ट पदार्थों को अलग करते हैं। ये शरीर का ब्लड प्रेशर और रेड ब्लड सेल्स बनाने में मदद करती हैं। किडनी हड्डियों को सेहतमंद रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अपशिष्ट पदार्थों को अलग करते समय किडनी को सोडियम और पोटेशियम की संतुलित मात्रा चाहिए ताकि ब्लड के प्रेशर से पानी की मात्रा को हटाया जा सके। अगर किसी व्यक्ति के शरीर में सोडियम या पोटेशियम का असंतुलन होगा, तो किडनी के काम में बाधा आ सकती है। नमक में सोडियम होता है और अगर शरीर में ज्यादा नमक हो जाए तो इससे किडनी को कितना नुकसान हो सकता है, ये जानने के लिए हमने अंतर्राष्ट्रीय किडनी दिवस (World Kidney Day) के मौके पर फरीदाबाद के मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स के प्रोग्राम क्लिनिकल डायरेक्टर और एचओडी-नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट मेडिसिन के डॉ. श्रीराम काबरा (Dr. Shree Ram, Director - Department of Nephrology & Kidney Transplant Medicine, Marengo Asia Hospital, Faridabad) से बात की।
ज्यादा नमक किडनी पर कैसे असर करता है?
इस बारे में श्रीराम काबरा कहते हैं, “शरीर में सोडियम की मात्रा ज्यादा होने पर किडनी को खून से पानी अलग करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। ब्लड का प्रेशर भी बढ़ता है, जो न सिर्फ किडनी की सेहत बिगाड़ता है, बल्कि पूरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है। अगर यह चक्र लगातार बन जाए, तो ज्यादा नमक की वजह से रोगी को किडनी से जुड़ी कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। इसी वजह से हाई ब्लड प्रेशर वाले रोगियों को कम नमक खाने की सलाह दी जाती है।”
डब्लूएचओ (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में लोग सोडियम की मात्रा बहुत ज्यादा लेने लगे हैं। आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में हर साल 18 लाख से ज्यादा लोगों की मृत्यु का कारण सोडियम की मात्रा ज्यादा लेना है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारे खानपान में सोडियम की मात्रा कितनी ज्यादा बढ़ चुकी है।
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कौन से लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए?
डॉ. श्रीराम कहते हैं कि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, किडनी स्टोन डिजीज, आनुवंशिक बीमारियां जैसे जन्मजात किडनी का ठीक से न बनना, पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज आदि के कारण किडनी के खराब होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ सकती है। इसके अलावा लोगों को इन लक्षणों पर खास ध्यान देने की जरूरत है।
- पेट में हमेशा दर्द रहना-कभी बाईं तरफ और कभी दाईं तरफ
- हाथ-पैरों में सूजन आना
- चेहरे पर चकत्ते आना
- पेशाब बार-बार आना या रुक-रुक कर आना
- यूरिन में बार-बार इन्फेक्शन होना
- जरूरत से ज्यादा कमजोरी या थकान महसूस होना
- लगातार जी मिचलाना
- भूख कम लगना
- बार-बार उल्टी होना
- नींद ठीक से न आना
- शरीर में खून की कमी होना या शरीर से पेशाब के रास्ते प्रोटीन या खून का निकलना
किडनी की कौन सी बीमारियां हो सकती हैं?
इस बारे में डॉ. श्रीराम काबरा कहते हैं, “डाइट में नमक की मात्रा ज्यादा लेने पर किडनी में स्टोन होने की समस्या हो सकती है। हाई ब्लड होने की वजह से किडनी को नुकसान हो सकता है। ज्यादा नमक से क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) की बीमारी हो सकती है। ज्यादा सोडियम कैल्शियम की कमी करता है, जिससे हड्डियों में कमजोरी हो सकती हैं।”
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दिन में कितना नमक लेना चाहिए?
डब्लूएचओ (WHO) के अनुसार व्यस्कों को दिन में 5 ग्राम लेना चाहिए। डॉ. श्रीराम का कहना है कि जिन लोगों को किडनी की बीमारी होती है, उन्हें पूरे दिन में अपने खाने में 2 ग्राम से कम नमक खाना चाहिए। इसके अलावा, इन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
- खाना खाने के दौरान भोजन में अलग से नमक नहीं डालना है।
- जिस आहार में पहले से नमक की मात्रा ज्यादा होती है, जैसे पापड़, आचार, चटनी आदि के सेवन से बचना चाहिए।
- रेडीमेड फूड या प्रोसेस्ड फूड जिनमें नमक को प्रिजर्वेटिव की तरह इस्तेमाल किया जाता है, उन्हें भी खाने से बचना चाहिए।
- काला नमक या सेंधा नमक का सेवन किडनी रोगियों को नहीं करना चाहिए, क्योंकि काला नमक या सेंधा नमक में पोटेशियम होता है, जो किडनी के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है।
डॉ. श्रीराम कहते हैं कि किडनी के मरीजों को अपने खानपान, खासकर नमक के सेवन को लेकर ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। अगर आपको किसी भी तरह के लक्षण नजर आए, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।