
साल दर साल डायबिटीज के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। लेंसेट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च - इंडिया डायबिटीज (ICMR INDIAB) ने बताया है कि साल 2023 में भारत में डायबीटिज के 10.1 करोड़ मामले सामने आए हैं। इस बीमारी से रोगियों की किडनी पर भी असर पड़ता है। WHO के अनुसार साल 2019 में डायबीटिज और इसके कारण किडनी की बीमारी से दुनियाभर में लगभग 20 लाख लोगों की मृत्यु हुई थीं। लेकिन, WHO की इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि नियमित रुप से स्वस्थ डाइट, कसरत, शरीर का सही वजन और तंबाकू से परहेज करने से टाइप 2 डायबिटीज को रोका जा सकता है।
शिव मिश्रा की परेशानी
ऐसा ही शिव मिश्रा के साथ हुआ, जिन्हें डायबीटिज और किडनी की समस्या थी। लेकिन, डाइट में बदलाव करके उन्होंने डायबिटीज की दवाइयों से मुक्ति पा ली। आइये, जानते हैं, उनके जीवन के बदलाव की ये जर्नी। शिव मिश्रा को फ्लूड रिटेंशन और मूत्र करते समय जलन महसूस होती थी। जब वह चलते थें, तो सांस लेने में तकलीफ होने लगती थीं। जब ओपीडी में उन्हें नेफ्रोलॉजिस्ट से दिखाने को कहा गया, तो पता चला कि उनका क्रिएटिनिन 3.8 mg/dL था। आमतौर पर पुरुषों में सामान्य क्रिएटिनिन 0.7 से 1.3 mg/dL होता है। शिव मिश्रा का ये सामान्य से काफी ज्यादा था। इसके अलावा, उनका वजन भी 98.6 किलो था, जो कि मोटापे की कैटेगरी में शामिल था। उनके लिवर पैनल टेस्ट में बिलीरुबिन बढ़े होने का भी पता चला। ये सब देखकर शिव मिश्रा बहुत परेशान हो गए।
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न्यूट्रिशनिस्ट से मिले
डॉक्टर ने उन्हें अपनी डाइट में बदलाव के लिए न्यूट्रिशनिस्ट से मिलने की सलाह दी। जब शिव मिश्रा पुणे के जुपिटर अस्पताल की सीनियर डाइटिशियन स्वाति संधान से मिले, तो वह ठीक से चल भी नहीं पा रहे थें। डायटिशियन स्वाति कहती है, “पहली बार शिवजी अपनी बेटी के साथ आए थें। उन्हें चलने में भी दिक्कत थीं। उन्हें गूगल से पढ़कर जो भी समझ आ रहा था, वह खा रहे थें। उनकी बीमारियों के चलते डॉक्टर ने उन्हें खान-पान की कई चीजें मना की थी। इसलिए, वह काफी परेशान थे।” सबसे पहले मैंने उनका डाइट प्लान बनाया और उनके फ्लूड को कम करने की कोशिश पर ध्यान दिया।
न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह
डाइटिशियन स्वाति ने उन्हें हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्लैंचिंग और पोटेशियम युक्त आहार से परहेज करने को कहा। उन्हें फल और सब्जियों के साथ दिन में छोटे-छोटे मील लेने की सलाह दी। उनका पूरा ड्राई स्नैक्स प्लान किया। इसका फायदा ये मिला कि पहले 15 दिन में ही शिव मिश्रा को सूजन और वजन कम महसूस होने लगा। स्वाति मिश्रा कहती है, “आहार के द्वारा जीवनशैली में बदलाव लाया जा सकता है और बीमारियों को दूर रखा जा सकता है। शिव मिश्रा के मामले में ये पूरी तरह सच साबित हुआ है।”
लगातार डाइट थेरेपी के माध्यम से एक महीने में ही शिव का क्रिएटिनिन 3.8 से घटकर 2.7 mg/dL हो गया था। इससे उनकी डायलिसिस होने की संभावना भी खत्म हो गई थी और अब उन्होंने वॉक करना भी शुरू कर दिया था। डाइट और कसरत करने से शिव मिश्रा खुद को काफी बेहतर महसूस करने लगे थें। अब उनकी डायबिटीज और लिवर दोनों की दवाइयां बंद हो गई थी। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात ये थी कि शिव मिश्रा की डाइट में जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड बिल्कुल भी न खाने की सलाह थी लेकिन, वह गुड़ और अन्य हेल्दी फूड ऑप्शन लेते थे।
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शिव मिश्रा हुए सेहतमंद
जब उनसे डाइट और वर्कआउट की बात की जाती है, तो वह बहुत खुश होकर बताते हैं, “अब मेरा वजन 98 किलो से घटकर 83 किलो हो गया है। क्रिएटिनिन का स्तर भी 1.2 mg/dL हो गया है। इसलिए, अब मुझे डायलिसिस लगवाने की जरूरत नहीं है। अब मैं खुद को काफी रिलेक्स और एक्टिव महसूस करता हूं। मुझे जंक फूड खाने की भी कोई इच्छा नहीं होती। मुझे खुद में काफी बेहतर महसूस हो रहा है।”
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