वैसे तो प्रेग्नेंसी में ब्लड प्रेशर बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर मोटापे की वजह से हाई बीपी की समस्या देखने को मिलती है। डॉक्टर हमेशा प्रेग्नेंट महिलाओं को हाई बीपी की समस्या को जल्द से जल्द नियंत्रित करने की सलाह देते हैं और इसमें डाइट खास भूमिका निभाती है। इसी के साथ-साथ सीने में जलन और गैस्ट्रिक परेशानियों को भी डाइट के जरिए कम किया जा सकता है। इसलिए हम आज राष्ट्रीय पोषण सप्ताह (National Nutrition Week) के मौके पर हम कई ऐसे लोगों के अनुभव आपके साथ शेयर कर रहे हैं, जिनके जीवन में न्यूट्रिशिनिस्ट की सलाह से कई पॉजिटिव बदलाव देखने को मिले। इसी कड़ी में आज बात कर रहे हैं, गगनदीप कौर की। गगनदीप की प्रेग्नेंसी में आई परेशानियों को फरीदाबाद के क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की एक्जिक्यूटिव न्यूट्रिशनिस्ट मनप्रीत कौर पॉल ने डाइट के जरिए कम कर दिया।
गगनदीप की परेशानी
दरअसल, गगनदीप की जब प्रेग्नेंसी शुरू हुई, तो उन्हें हाई बीपी के साथ-साथ सीने में जलन की समस्या लगातार बनी हुई थी। इसके अलावा, गैस्ट्रिक की भी परेशानी होने लगी थी। इन दिक्कतों के चलते गगनदीप काफी परेशान होने लगी थीं। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वह अपने सीने की जलन और पेट की दिक्कतों को कैसे कम करें। इस वजह से उन्हें प्रेग्नेंसी का सफर काफी मुश्किलों भरा लग रहा था। पेट में परेशानियों के चलते गगनदीप को खाने-पीने में भी दिक्कत होने लगी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या खाए और क्या न खाए। ये समस्याएं उन्होंने अपनी स्त्रीरोग विशेषज्ञ के सामने रखी, तो उन्होंने गगनदीप को न्यूट्रिशनिस्ट से मिलने की सलाह दी। डॉक्टर ने बताया कि डाइट में बदलाव करके वह बीपी, सीने में जलन और पेट की समस्याओं से निजात पा सकती है।
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न्यूट्रिशनिस्ट ने दी सलाह
गगनदीप क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की एक्जिक्यूटिव न्यूट्रिशनिस्ट मनप्रीत कौर पॉल से मिली। मनप्रीत कौर कहती हैं, “गगनदीप जब मुझे ओपीडी में पहली बारी मिली, तो उनसे बात करके सबसे पहले मैंने उन्हें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले आहार खाने की सलाह दी। साथ ही उन्हें रिफाइंड शूगर और सिंपल कार्बोंहाइड्रेट्स से परहेज करने को कहा। गैस्ट्रिक और मितली में आराम के लिए मैंने नाश्ते के बाद एक कप ठंडा दूध पीने की सलाह दी। चाय, मसालेदार और फ्राइड खाने से सख्त मना किया।”
इसका फायदा ये हुआ कि गगनदीप को मितली और गैस्ट्रिक में तुरंत आराम मिला। इसके बाद न्यूट्रिशनिस्ट मनप्रीत ने उनका डिटेल डाइट प्लान बनाया, ताकि हाई बीपी को नियंत्रित और सीने की जलन को कम किया जा सके।
गगनदीप का डाइट प्लान
न्यूट्रिशनिस्ट मनप्रीत ने गगनदीप की परेशानियों को समझते हुए डाइट प्लान तैयार किया। मनप्रीत कहती हैं, “सबसे पहले गगनदीप के ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए कम्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स डाइट में शामिल किए। इसमें साबुत अनाज, क्विनोआ,रागी, ज्वार,फलियां और सब्जियां खाने की सलाह दी। इससे उनका ब्लड प्रेशर नियंत्रित हुआ। गगनदीप जंक फूड न खाए, इसके लिए आहार में फाइबर शामिल किए गए। खाना खाते समय सलाद रखने को कहा। गेहूं के आटे की बजाय रागी के आटे की रोटी खाने को कहा। रागी में फाइबर अधिक मात्रा में होता है, जिससे पेट भरा रहता है।
गगनदीप को सीने में जलन और गैस्ट्रिक की भी समस्या थी। इसके लिए मैं हमेशा सारा दिन पानी पीने की सलाह देती हूं, लेकिन खाना खाने के दौरान किसी भी तरह के तरल पदार्थ लेने से मना करती हूं। खाने के दौरान पानी पीने से पेट में फैलावट आती है। अगर पेट में गैस बनती है, तो खाने के तुरंत बाद लेटने से बचे, ताकि एसिड वापस ग्रासनली में न जाए। इसके अलावा मसालेदार भोजन, चॉकलेट, कैफीन और फैटी फाइड खाने को अपनी डाइट में बिल्कुल न लें।”
इससे गगनदीप को प्रेग्नेंसी में बहुत फायदा मिला। डाइट की वजह से उनकी पूरी प्रेग्नेंसी हेल्दी रही और सेहतमंद बच्चे को जन्म दिया। गगनदीप मानती है कि अगर उन्होंने समय रहते अपनी डाइट में बदलाव न किए होते, तो उन्हें पता नहीं कितनी तकलीफों से गुजरना पड़ता। आज वह खुद भी और अपने बच्चे को भी संतुलित और पौष्टिक भोजन देने में ही विश्वास रखती है।
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न्यूट्रिशनिस्ट का संदेश
न्यूट्रिशनिस्ट मनप्रीत कहती है कि अगर डाइट संतुलित हो और सही तरीके से ली जाए, तो कई बीमारियों की रोकथाम हो सकती है। जिन लोगों को हार्ट बर्न और गैस्ट्रिक की समस्या है, उन्हें कुछ खास बातों पर ध्यान देना चाहिए।
- एक बार में बहुत ज्यादा मत खाएं। इससे सीने में जलन हो सकती है। छोटे-छोटे संतुलित मील लें।
- मछली, अंडे और पौधे से जुड़े प्रोटीन लें, क्योंकि ये पचने में आसान होते हैं और इससे शूगर का लेवल कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
- फाइबर जैसेकि ओट्स, फलियां डाइट में शामिल करें क्योंकि ये पाचन की प्रक्रिया को धीरे कर देते हैं ताकि रक्त में ग्लूकोज धीरे-धीरे रिलीज हो।
- स्नैक्स हमेशा हेल्दी लें। मेवे, कम जीआई (GI) वाले फल, साबुत अनाज से बने बिस्कुट ले सकते हैं। ये ब्लड शूगर को बिना बढ़ाए भूख कम करते हैं और सीने की जलन से भी आराम दिलाते हैं।