Types and Causes of Kidney Stone: किडनी में पथरी का दर्द इतना ज्यादा होता है कि लोगों के लिए सहन करना मुश्किल हो जाता है। पथरी के चलते रोगी को तुरंत अस्पताल में एडमिट होना पड़ता है। अगर किडनी में सूजन आ जाए, तो डॉक्टर दवाइयों से सूजन कम करते हैं। इसके बाद पथरी निकालने के लिए सर्जरी करते हैं या फिर दवाइयों के जरिए निकालने की कोशिश करते हैं। अक्सर किडनी की पथरी में ये भी देखा गया है कि रोगी को बार-बार स्टोन बनने लगते हैं। रोगी दर्द और सर्जरी या दवाइयों से परेशान हो जाता है। कई बार दर्द अचानक उठता है, तो रोगी के लिए संभलना तक मुश्किल हो जाता है। इसलिए ये समझना बहुत जरूरी है कि रोगी को किस प्रकार की पथरी है, ताकि वह उससे जुड़े आहार से परहेज कर सके। किडनी में पथरी कितने प्रकार की होती है और इसके होने की मुख्य वजह क्या हो सकती है, इस बारे में हैदराबाद के सिटीजन स्पेशलिटी अस्पताल के यूरोलॉजिस्ट और एंड्रोलॉजिस्ट डॉ. सासांका विष्णुभोतला ने विस्तार से बात की।
किडनी की पथरी के प्रकार
इस बारे में डॉ. सासांका कहते हैं कि अगर रोगी को बार-बार पथरी होती है, तो डॉक्टर की सलाह पर पथरी चेक करानी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि किस तरह की पथरी बन रही है।
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कैल्शियम पथरी
यह सबसे आम प्रकार है। अक्सर कैल्शियम ऑक्सेलेट या कैल्शियम फॉस्फेट बनने से पथरी बन जाती है। डाइट में बहुत ज्यादा पालक, चुकंदर या मेवे इत्यादि खाने से ऑक्सेलेट बनने लगता है। इसके अलावा, अगर रोगी की छोटी आंत में समस्या है,तो भी यह पथरी बनने लगती है। कई लोग विटामिन सी का सप्लीमेंट लेते हैं, इस वजह से भी कैल्शियम पथरी होने की संभवाना बढ़ सकती है।
यूरिक एसिड पथरी
जिन लोगों को गंभीर दस्त या मलएब्जॉर्प्शन सिंड्रोम के कारण पथरी हो सकती है, उन्हें जानवरों से मिलने वाला प्रोटीन कम खाने की सलाह दी जाती है। रोगियों को प्रचुर मात्रा में पानी पीना चाहिए। डायबिटीज रोगियों को यूरिक एसिड पथरी होने का खतरा रहता है।
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स्ट्रुवाइट पथरी
यूरिनरी ट्रैक्ट में किसी भी तरह के संक्रमण के कारण यह पथरी हो सकती है। इसकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि इस तरह की पथरी बहुत जल्दी बन जाती है। इसलिए जब किसी रोगी को इस प्रकार की पथरी होती है, तो उसे सोडियम की मात्रा कम करने की सलाह दी जाती है। खासतौर पर प्रोसेस्ड फूड और पैकेट बंद डिब्बे से परहेज करने को कहा जाता है।
सिस्टीन पथरी
यह पथरी बहुत ही रेयर है और आमतौर पर यह वंशानुगत विकार (हेरेडिटरी) होती है। इस पथरी में यूरिन में बहुत ज्यादा सिस्टीन बनने लगते हैं।
किडनी में पथरी होने के कारण
- पानी की कमी:अगर कोई प्रचुर मात्रा में पानी नहीं पीता, तो पेशाब गाढ़ा हो जाता है। इससे भी पथरी होने का रिस्क बढ़ जाता है।
- डाइट: अगर डाइट में सोडियम, प्रोटीन और ऑक्सेलेट ज्यादा हो जाए, तो भी पथरी बनने का खतरा रहता है।
- मेडिकल कंडीशन: हाइपरपैराथॉयरॉइडिजम, गाउट या किसी भी तरह की मेटाबॉलिक विकार (डिसऑर्डर) होने पर किडनी में पथरी बनने का रिस्क बढ़ जाता है।
- फैमिली हिस्ट्री: परिवार में किडनी में पथरी होने का इतिहास अगली जनरेशन में पथरी के रिस्क को बढ़ा देता है।
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किडनी में पथरी से हो सकती हैं गंभीर समस्याएं
- तेज दर्द: अगर पथरी पेशाब की नली में चली जाए, तो यह तेज दर्द का कारण बन सकता है।
- संक्रमण: कई बार पथरी पेशाब की नली में ब्लॉकेज कर देती है। इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। समय पर इलाज न होने पर यह संक्रमण जीवन के लिए घातक बन सकता है।
- किडनी में खराबी: अगर लंबे समय तक ब्लॉकेज बना रहे, तो यह किडनी को खराब कर सकता है। कई बार किडनी फेल होने के मामले भी देखे गए हैं।
- हाइड्रोनफ्रोसिस: इस कंडीशन में पेशाब जमा होने लगता है, जिससे किडनी में सूजन आ जाती है। इससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
किडनी की पथरी का इलाज
डॉ. सासांका विष्णुभोतला का कहना है,”किडनी की पथरी का इलाज किसी भी तरह के घरेलू नुस्खों जैसे बहुत ज्यादा खट्टे जूस या हर्बल पेय पदार्थों से न करें। बिना डॉक्टर की सलाह लिए किसी भी तरह की दवाई न लें। इससे कई बार स्थिति गंभीर हो सकती है। जब भी दर्द हो, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें और पूरी जांच करवाएं।”