प्रेग्नेंसी की शुरुआत से ही महिलाओं को कई तरह समस्याओं का सामना करना पड़ता है। प्रेग्नेंसी को तीन तिमाही में बांटा जाता है। इन तीनों तिमाही में महिलाओं को कुछ सामान व कुछ अलग-अलग लक्षण महसूस होते हैं। दरअसल, इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो उनकी समस्याओं का कारण माने जाते हैं। जबकि, शरीर में होने वाले जैसे मोटापा और वजन बढ़ने की वजह से महिलाओे को चलने में परेशानी हो सकती है। इस दौरान महिलाओं को स्त्रीरोग संबंधी संक्रमण (Gynecological Infections) का खतरा बढ़ जाता है, जो न केवल मां बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर भी प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में महिलाओं के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। फिलहाल इस लेख में साईं पॉलीक्लीनिक की सीनियर गाइनाक्लॉजिस्ट डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में गाइनाक्लॉजिस्ट इंफेक्शन के क्या कारण होते हैं और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है।
प्रेग्नेंसी में स्त्रीरोग संबंधी संक्रमणों के कारण - Causes Of Gynecological Infections In Pregnancy in Hindi
बैक्टीरियल वेजिनोसिस (BV)
यह संक्रमण तब होता है जब योनि में सामान्य रूप से पाई जाने वाली बैक्टीरिया की संख्या में असंतुलन हो जाता है। गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव और इम्यून सिस्टम में आई कमजोरी के कारण महिलाएं बैक्टीरियल वेजिनोसिस के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं। यह संक्रमण समय से पहले प्रसव (प्रीटर्म डिलीवरी) और गर्भाशय के अंदर संक्रमण का कारण बन सकता है।
फंगल इंफेक्शन (कैंडिडियासिस)
प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल बदलाव और शुगर के स्तर में वृद्धि के कारण योनि में यीस्ट की अत्यधिक वृद्धि हो सकती है, जिससे फंगल इंफेक्शन हो सकता है। यह संक्रमण खुजली, जलन, और सफेद रंग का गाढ़ा स्राव पैदा कर सकता है। यदि इसका सही समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह गर्भाशय और गर्भ में पल रहे बच्चे को प्रभावित कर सकता है।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI)
प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़ते हुए गर्भाशय का दबाव ब्लैडर पर पड़ता है, जिससे यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। UTI गर्भाशय के कॉन्ट्रैक्शन को बढ़ा सकता है, जो समय से पहले प्रसव का कारण बन सकता है। इसके अलावा, यह संक्रमण किडनी तक फैल सकता है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।
अन्य संक्रमण का खतरा
- सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन्स (STIs)
- ग्रुप बी स्ट्रेप्टोकोकस (GBS)
गाइनाक्लॉजिकल इंफेक्शन की रोकथाम के उपाय - Prevention Tips of Gynecological Infections In Pregnancy
- गर्भावस्था के दौरान संक्रमण से बचने के लिए महिलाओं को योनि की साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए आप माइल्ड साबुन और पानी का उपयोग करें।
- प्रेग्नेंसी के दौरान संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करने से इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है, जो इंफेक्शन से बचाव में मदद करता है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान यौन संचारित संक्रमणों (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन्स) से बचने के लिए शारीरिक संबंधों में सावधानी बरतना आवश्यक है।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का खतरा कम होता है।
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प्रेग्नेंसी में स्त्रीरोग संबंधी संक्रमणों से बचाव के लिए उचित सावधानियां बरतना आवश्यक है। साफ-सफाई, संतुलित आहार, सुरक्षित यौन संबंध, और नियमित स्वास्थ्य जांच जैसे उपाय अपनाकर इन संक्रमणों के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं। अगर, किसी भी तरह की समस्या महसूस हो तो ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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