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नई मांओं में द‍िख सकते हैं पोस्टपार्टम बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण, डॉक्‍टर से जानें इस मानस‍िक बीमारी का इलाज

पोस्टपार्टम बाइपोलर डिसऑर्डर में को मूड स्विंग्स, थकान और नींद की समस्याएं होती हैं। एक्‍सरसाइज, हेल्दी डाइट जैसे उपायों से उबरने में मदद मिलती है।
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नई मांओं में द‍िख सकते हैं पोस्टपार्टम बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण, डॉक्‍टर से जानें इस मानस‍िक बीमारी का इलाज

पोस्टपार्टम बाइपोलर डिसऑर्डर (Postpartum Bipolar Disorder) एक मानसिक स्थिति है, जो महिलाओं को गर्भावस्था के बाद हो सकती है। इस विकार में महिला को ज्‍यादा मूड स्विंग्स का सामना करना पड़ता है, जिसमें वह ज्‍यादा खुशी और ज्‍यादा उदासी या तनाव महसूस कर सकती हैं। यह स्थिति सामान्य तौर पर एक हफ्ते से लेकर कुछ महीनों तक रह सकती है, लेकिन सही समय पर इलाज मिलने पर इससे न‍िपटा जा सकता है। पोस्टपार्टम बाइपोलर डिसऑर्डर होने पर मूड में तेजी से बदलाव देखने को म‍िलता है। इस स्‍थ‍ित‍ि में बहुत थकान महसूस होती है। शारीरिक या मानसिक रूप से किसी भी काम को करने में मन नहीं लगता। बाइपोलर डिसऑर्डर में सोने में परेशानी होती है और ज्‍यादा नींद आने की समस्‍या भी हो सकती है। इस स्‍थ‍ित‍ि में मां, श‍िशु के साथ समय ब‍िताना भी पसंद नहीं करती या उसके प्रत‍ि ज्‍यादा सेंस‍िट‍िव हो जाती है। पोस्टपार्टम बाइपोलर डिसऑर्डर से न‍िपटने के ल‍िए कुछ आसान उपायों की मदद ले सकते हैं। इन उपायों को व‍िस्‍तार से आगे जानेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्‍प‍िटल की गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।

पोस्टपार्टम बाइपोलर डिसऑर्डर से न‍िपटने के उपाय- How to Deal With Postpartum Bipolar Disorder

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डॉ दीपा शर्मा ने बताया क‍ि पोस्टपार्टम बाइपोलर डिसऑर्डर का इलाज, आमतौर पर मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ही करते हैं। पोस्टपार्टम बाइपोलर डिसऑर्डर से न‍िपटने के ल‍िए मानसिक चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी है। दवाइयों और थेरेपी की मदद से स्थिति का सही इलाज संभव है। बाइपोलर डिसऑर्डर के लिए आमतौर पर इन आसान उपायों की मदद ली जाती है-

नई मां के ल‍िए सही माहौल बनाना- Create Right Environment For Mother

नई मां के ल‍िए बाइपोलर डिसऑर्डर से छुटकारा पाने के ल‍िए परिवार और दोस्तों का सहारा, असरदार हो सकता है। नई मांओं को मानसिक और शारीरिक समर्थन की जरूरत होती है, और उनका मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए परिवार की मदद खास होती है। नई मां के आसपास का माहौल अच्‍छा होना चाह‍िए, ताक‍ि वह जल्‍द से जल्‍द खुद को बेहतर बना पाए।

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स्वस्थ दिनचर्या अपनाएं- Picking Healthy Routine

नई मां को अच्छी और संतुलित डाइट, नियमित एक्‍सरसाइज और पर्याप्त नींद लेने की सलाह दी जाती है। ये बातें मानसिक स्थिति को बेहतर करने के ल‍िए फायदेमंद हो सकती हैं।

ध्यान और योग की मदद लें- Meditation and Yoga

ध्यान और योग, मानसिक स्थिति को संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं। ये उपाय मानसिक तनाव और चिंता को कम करने के लिए असरदार होते हैं। बाइपोलर डिसऑर्डर से छुटकारा पाने के ल‍िए डीप ब्रीद‍िंग एक्‍सरसाइज की मदद ले सकते हैं।

थेरेपी या काउंसलिंग लें- Taking Therapy Sessions

थेरेपी या काउंसलिंग भी पोस्टपार्टम बाइपोलर डिसऑर्डर से न‍िपटने के लिए फायदेमंद हो सकती है। महिला को अपने भावनाओं और विचारों को जाहि‍र करने के लिए एक सुरक्षित जगह मिल सकती है, जहां वह मानसिक शांति पा सकती है। पोस्टपार्टम बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षणों को पहचान कर महिला को अपनी स्थिति को स्वीकार करना बहुत जरूरी है। खुद से प्यार करना और खुद की देखभाल करने से स्थिति में सुधार आ सकता है।

पोस्टपार्टम बाइपोलर डिसऑर्डर एक गंभीर मानसिक स्थिति हो सकती है, लेकिन सही समय पर इलाज और उचित समर्थन से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। नई मांओं को अपनी मानसिक स्थिति का ध्यान रखना चाहिए और जरूरत पड़ने पर डॉक्‍टर से मदद लेनी चाहिए।

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