क्या ब्रेन स्कैन से बाइपोलर डिसऑर्डर का पता चल सकता है? जानें इस रोग का इलाज

ब्रेन में होने वाले बदलावों की पुष्टि के लिए डॉक्टर आपको कई तरह के टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं। आगे जानते हैं कि बाइपोलर रोग की पहचान कैसे करें
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या ब्रेन स्कैन से बाइपोलर डिसऑर्डर का पता चल सकता है? जानें इस रोग का इलाज

मस्तिष्क में होने वाले न्यूरोलॉजिकल बदलावों को पहचान करने के लिए डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं। दरअसल, ब्रेन के फंक्शन को पहचानने के लिए एमआरआई और सीटी स्कैन किया जाता है। लेकिन, आज के समय में डॉक्टर बाइपोलर डिसऑर्डर की पुष्टि के लिसए इनका उपयोग नहीं करते हैं। बाइपोलर डिसऑर्डर की पहचान मानसिक स्वास्थ्य के डॉक्टरों द्वारा की जा सकती है। फिलहाल, रिसचर्स इमेजिंग टेस्ट से बाइपोलर डिसऑर्डर की पहचान लगाने पर कार्य कर रहे हैं। इस लेख में आगे जानते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े इस विकार की जांच कैसे की जा सकती है। साथ ही, आगे ब्रेन स्कैन और बाइपोलर डिसऑर्डर के बीच का संबंध को भी विस्तार से बताया गया है। 

ब्रेन स्कैन और बाइपोलर डिसऑर्डर के बीच क्या संबंध हैं? - Connection Between Brain Scans and Bipolar Disorder In Hindi 

हेल्थलाइन के अनुसार डॉक्टर ब्रेन स्कैन का उपयोग बाइपोलर डिसऑर्डर की पहचान नहीं की जा सकती है। लेकिन, इससे ब्रेन से जुड़े अन्य बदलावों की पहचान करने में मदद मिलती है। 

डिप्रेशन और बाइपोलर सपोर्ट एलायंस के अनुसार, ब्रेन में किसी चोट लगने, ट्यूमर और स्ट्रोक होने पर व्यक्ति को बाइपोलर रोग के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। दरअसल, बाइपोलर डिसऑर्डर के लिए ब्रेन स्कैन नहीं किया जाता है, लेकिन कुछ रिसर्च कार्य के लिए इस स्कैन को किया जा सकता है। इससे स्कैन के द्वारा यह पता लगाया जा सकता है कि ब्रेन में किस तरह की प्रतिक्रियाएं हो रही है। इससे मानसिक स्वास्थ्य के साथ जोड़कर कई चीजों को समझा जा सकता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ब्रेन के स्ट्रक्चर और बाइपोलर डिसऑर्डर के बीच संबंध हो सकता है। 

bipolar disorder

लेकिन 2018 के एक इमेजिंग अध्ययन के परिणाम असंगत थे। शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क के दोनों गोलार्धों के ललाट, पार्श्विका और लौकिक क्षेत्रों में पतले कॉर्टिकल ग्रे पदार्थ पाए। कॉर्टिकल मोटाई भी प्रभावित हुई, लेकिन यह लिथियम जैसी कुछ दवाओं से हो सकता है।

अमिगडाला (Amygdaloid - ब्रेन का एक हिस्सा) भावनाओं को संसाधित करने में मदद करता है। बाइपोलर डिसऑर्डर या ड्रिप्रेशन में यह अलग-अलग प्रतिक्रिया दे सकता है। वर्ष 2019 में हुई स्टडी से इस बात का पता चला है कि जिन लोगों में डिप्रेशन होता है उनमें अमिगडाला का बायां हिस्सा कम सक्रिय होता है और ब्रेन के अन्य हिस्सों से भी कम जुड़ा हुआ होता है। 

बाइपोलर डिसऑर्डर का निदान कैसे करें - Diagnosing bipolar disorder in Hindi 

इमेजिंग स्कैन हमें मस्तिष्क के बारे में बहुत कुछ बता सकते हैं। लेकिन, अभी इसका उपयोग बाइपोलर डिसऑर्डर की पहचान नहीं की जाती है। इस स्थिति की पहचान करने के लिए मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं या प्रयोगशाला परीक्षण की सलाह दे सकते हैं। ये आपके लक्षणों का कारण बनने वाली किसी भी अन्य समस्या से निपटने में मदद कर सकते हैं। 

बाइपोलर डिसऑर्डर का आपके मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा होता है। इसे आप नजरअंदाज न करें। इस स्थिति में आप डॉक्टर व मनोवैज्ञानिक से मिलकर इलाज शुरु करा सकते हैं। 

Read Next

निजी कारणों के चलते डिप्रेशन में चले गए थे फेमस यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया, जानें कैसे आए इससे बाहर

Disclaimer