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ड‍िलीवरी से पहले अपने डॉक्‍टर से जरूर पूछें ये 5 सवाल, प्रसव की राह बनेगी आसान

डिलीवरी की प्रक्रिया, उसके प्रकार और संभावित खतरों और सावधान‍ियों के बारे में जानकारी से आप सुरक्ष‍ित ढंग से श‍िशु को जन्‍म दे पाएंगी।
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ड‍िलीवरी से पहले अपने डॉक्‍टर से जरूर पूछें ये 5 सवाल, प्रसव की राह बनेगी आसान


Queries Related to Delivery in Pregnancy: महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान डिलीवरी से जुड़ी जानकारी होना जरूरी है, क्योंकि यह न केवल आपको मानसिक रूप से तैयार करने में मदद करेगा, बल्कि आपके और श‍िशु के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। सबसे पहले, डिलीवरी की प्रक्रिया के बारे में जानने से महिलाएं खुद को मानसिक रूप से तैयार कर सकती हैं। महिलाएं जब डिलीवरी से जुड़े संभावित जोखिमों के बारे में जानती हैं, तो उन्‍हें सही देखभाल म‍िलती है जि‍ससे सुरक्ष‍ित प्रसव सुनिश्चित क‍िया जा सकता है। इस लेख में हम जानेंगे ड‍िलीवरी से संबंध‍ित 5 ऐसे सवालों के जवाब ज‍िनके बारे में आपको ड‍िलीवरी से पहले जान लेना चाह‍िए। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्‍पताल की गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।

1. मेरे लिए डिलीवरी का सबसे सुरक्षित तरीका क्या है?- Safe Delivery Methods

गर्भवती महिलाओं के लिए डिलीवरी के कई तरीके होते हैं, जैसे कि नॉर्मल डिलीवरी और सी-सेक्शन (सिजेरियन) ड‍िलीवरी। डॉक्टर से पूछें कि आपकी स्वास्थ्य स्थिति और श‍िशु की स्थिति के अनुसार कौन सा तरीका सबसे सुरक्षित होगा। अगर आपको पहले से कोई बीमारी है, जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर या शुगर की समस्या है, तो यह और भी जरूरी हो जाता है। इसके साथ ही, डिलीवरी के संभावित खतरे और उनसे बचाव के तरीके भी जानना जरूरी है। अगर आपकी एनर्जी लो रहती हैं और आप शारीर‍िक रूप से कमजोर हैं, तो डॉक्‍टर सी-सेक्‍शन की सलाह दे सकते हैं।

इसे भी पढ़ें- Short Cervix: क्या बच्चेदानी का मुंह छोटा होने पर नॉर्मल डिलीवरी संभव है? डॉक्‍टर से जानें

2. ड‍िलीवरी से संबंध‍ित स्‍ट्रेस को कैसे कम करूं?- How to Reduce Delivery Related Stress 

डिलीवरी से पहले तनाव को मैनेज करने के लिए डायाफ्राम‍िक ब्रीदिंग की मदद लें। इसे पेट से सांस लेना या बेली ब्रीद‍िंग भी कहा जाता है। यह डायाफ़्राम को सक्रिय करती है और फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाती है। डायाफ्राम‍िक ब्रीदिंग से तनाव कम होता है, बीपी कंट्रोल होता है, पाचन में सुधार होता है और ब्‍लोट‍िंग की समस्‍या दूर होती है। इसके अलावा, योग और मेडिटेशन भी तनाव को कम करने में मदद करते हैं। 

3. डिलीवरी के लिए कब अस्पताल जाना चाहिए?- When To Go Hospital For Delivery

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डॉक्टर से पूछें कि डिलीवरी के लक्षणों का पता कैसे लगाया जा सकता है और आपको कब अस्पताल पहुंचना चाहिए। आमतौर पर, अगर आपको कॉन्‍ट्रैक्‍शन, वॉटर ब्रेकेज या अन्य संकेत महसूस हो रहे हैं, तो आपको तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। लेबर के लक्षणों का पहचानना गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी है, ताकि वह सही समय पर अस्पताल जा सकें। लेबर का सबसे प्रमुख लक्षण कॉन्‍ट्रैक्‍शन (Contractions) होते हैं। ये संकुचन नियमित अंतराल पर शुरू होते हैं और समय के साथ इनकी तीव्रता बढ़ती है। अगर संकुचन हर 5 से 10 मिनट में हो रहे हैं और वे 30 से 70 सेकंड तक चलते हैं, तो यह लेबर का संकेत हो सकता है।

4. घर पर वॉटर ब्रेक होने पर क्‍या करना चाह‍िए?- Water Break At Home

  • अगर घर पर वॉटर ब्रेक होता है, तो सबसे पहले शांत रहें और देखें क‍ि पानी का रंग साफ है या नहीं। पानी का रंग स्पष्ट होना चाहिए। अगर इसमें कोई गंदगी या गंध है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • अपने बैग को पहले से तैयार रखें, जिसमें बच्चे के लिए जरूरी चीजें मौजूद हों। 
  • तुरंत अपने डॉक्टर को फोन करें और उन्हें स्थिति बताएं। 
  • अस्पताल जाते समय ध्यान रखें कि आप आराम से यात्रा करें।
  • इन कदमों का पालन करके, आप सुरक्षित रूप से अपने बच्चे को जन्म दे सकेंगी। 

5. क्या ड‍िलीवरी के दौरान मेरे लिए कोई विशेष जोखिम हैं?- Risks During Delivery 

डिलीवरी के दौरान कई प्रकार के जोखिम हो सकते हैं, जो आपकी स्वास्थ्य स्थिति, प्रेग्नेंसी के दौरान आपकी देखभाल और आपके बच्चे की स्थिति पर निर्भर करते हैं। ड‍िलीवरी से पहले आपको संभाव‍ित खतरों के बारे में डॉक्‍टर से जानकारी लेनी चाह‍िए-

  • अगर आपको हाई बीपी, डायब‍िटीज या हार्ट डि‍जीज जैसी बीमार‍ियां हैं, तो यह आपकी डिलीवरी को प्रभावित कर सकती हैं। अगर बच्चा गलत स्थिति में है (जैसे ब्रीच स्थिति), तो डिलीवरी में मुश्‍क‍िल हो सकती है।
  • अगर आप गर्भावस्था के दौरान किसी प्रकार के इंफेक्‍शन का सामना कर रही हैं, तो यह डिलीवरी के समय जोखिम बढ़ा सकता है।
  • अगर आप धूम्रपान, शराब का सेवन, या अन्य नशे की आदी हैं, तो ये आदतें डिलीवरी के दौरान जोखिम बढ़ा सकती हैं।

अपने डॉक्टर से नियमित रूप से संपर्क करें और अपनी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में चर्चा करें। अगर आपको किसी खास बात की चिंता है, तो डॉक्टर से खुलकर बात करना जरूरी है। वह आपको सही सलाह और देखभाल के लिए जरूरी कदम बताएंगे।

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